अमेरिका में पीएम मोदी कौन सी डील करने वाले हैं? तीन ‘हथियारों’ की खबर से ही पाकिस्तान में खलबली।
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अमेरिका के साथ भारत के बढ़ते व्यापारिक संबंधों का असर केवल रक्षा क्षेत्र तक सीमित नहीं है. दोनों देशों के बीच एक बड़े व्यापार समझौते की संभावना भी जताई जा रही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका दौरे पर हैं. वे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलेंगे. इसी बीच पीएम की अमेरिका यात्रा को लेकर कई अहम रक्षा सौदों की चर्चा जोरों पर है. मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात के दौरान भारत और अमेरिका के बीच महत्वपूर्ण रक्षा समझौतों पर हस्ताक्षर हो सकते हैं. इस यात्रा के दौरान भारत और अमेरिका के बीच स्ट्राइकर कॉम्बैट व्हीकल और फाइटर जेट इंजन के सह-उत्पादन को लेकर बड़ी डील हो सकती है. इसके अलावा भारत अमेरिका से माउंटेड एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल सिस्टम और सैकड़ों स्ट्राइकर व्हीकल्स खरीदने की योजना भी बना रहा है. इन सौदों को लेकर पाकिस्तान में भी खलबली मच गई है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये समझौते भारत की सैन्य ताकत को और मजबूत करेंगे.
ट्रंप ने पहले ही संकेत दिए थे..
असल में भारत और अमेरिका के बीच रक्षा क्षेत्र में सहयोग लगातार बढ़ता जा रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने पहले ही संकेत दिए थे कि भारत अमेरिका से और अधिक सैन्य उपकरण खरीदेगा. इसी कड़ी में भारत ने इंफेंट्री कॉम्बैट व्हीकल स्ट्राइकर के सह-उत्पादन में रुचि व्यक्त की है. बताया जा रहा है कि भारतीय सेना ने उच्च-ऊंचाई वाले क्षेत्रों में स्ट्राइकर व्हीकल का परीक्षण किया है और अब इस पर आगे की बातचीत हो रही है. इसके अलावा भारत में जनरल इलेक्ट्रिक एफ-414 जेट इंजन के लाइसेंस निर्माण के सौदे पर भी चर्चा होगी. भारत के लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) एमके1ए के लिए एफ-404 इंजन की डिलीवरी में देरी को लेकर भी दोनों देशों के बीच बातचीत होने की उम्मीद है.
रक्षा उत्पादन में सहयोग बढ़ाने के लिए..
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लंबे समय से भारत और अमेरिका के बीच रक्षा उत्पादन में सहयोग बढ़ाने के लिए कई उच्च स्तरीय बैठकें हो रही हैं. सूत्रों की मानें तो भारतीय सरकार की स्वामित्व वाली हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के अधिकारी जल्द ही अमेरिकी अधिकारियों और जनरल इलेक्ट्रिक की एयरोस्पेस यूनिट के साथ बैठक करेंगे. इस बैठक में GE-414 इंजन की निर्माण प्रक्रिया को मार्च तक फाइनल करने पर चर्चा होगी. वहीं स्ट्राइकर व्हीकल्स के सह-उत्पादन को लेकर भारत और अमेरिका के बीच पहले से बातचीत चल रही है और इस यात्रा के दौरान इस पर भी महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं.
भारत की रक्षा तैयारियों को मजबूती..
एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक रक्षा उत्पादन सचिव संजीव कुमार ने भी इस मामले में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत अमेरिका के साथ जो लेन-देन करना चाहता है उस पर तेजी से काम कर रहा है. हालांकि उन्होंने इससे ज्यादा जानकारी साझा नहीं की. विशेषज्ञों का मानना है कि इन सौदों से भारत की रक्षा तैयारियों को मजबूती मिलेगी और यह क्षेत्रीय सुरक्षा संतुलन में अहम भूमिका निभाएगा.
उधर अमेरिका के साथ भारत के बढ़ते व्यापारिक संबंधों का असर केवल रक्षा क्षेत्र तक सीमित नहीं है. दोनों देशों के बीच एक बड़े व्यापार समझौते की संभावना भी जताई जा रही है. अमेरिका और भारत के बीच 2024 में द्विपक्षीय व्यापार 129.2 बिलियन डॉलर तक पहुंच चुका है. हालांकि ट्रंप प्रशासन की व्यापार नीतियों और टैरिफ को लेकर अस्थिरता बनी हुई है जिससे वार्ता जटिल हो सकती है. विशेषज्ञों का मानना है कि दोनों देश एक बड़े व्यापार समझौते पर सहमत हो सकते हैं.
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