जब पीएम मोदी का अमेरिकी वीजा हो गया था खारिज, प्रेस कॉन्फ्रेंस में आकर कहा था- एक दिन दुनिया…
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नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे जब अमेरिका ने उन्हें वीजा देने से इनकार कर दिया था. यह मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा का विषय बन गया था. इसी पर बात करते हुए पीएम मोदी ने बताया कि उस समय मैंने क्या बयान दिया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जेरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामथ के पॉडकास्ट में कई मुद्दों पर बात की है. इस दौरान जब उनसे 2005 में अमेरिकी वीजा खारिज होने की घटना पर सवाल किया गया तो उन्होंने बताया कि कैसे उस समय बात कही गई थी. पीएम मोदी ने बताया कि मैंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि एक दिन दुनिया भारत का वीजा पाने के लिए लाइन में खड़ी होगी. आज 2025 में मैं इसे होते देख रहा हूं. यह भारत का समय है. पीएम मोदी ने बताया कि कैसे पिछले दो दशकों में भारत ने तकनीकी और प्रशासनिक क्षेत्र में क्रांति की है. भारत ने यह दिखाया कि केवल एक मोबाइल से कैसे बड़े बदलाव किए जा सकते हैं.
आखिर क्या था अमेरिकी वीजा का विवाद
दरअसल 2005 में नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे जब अमेरिका ने उन्हें वीजा देने से इनकार कर दिया था. यह मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा का विषय बन गया था. इसी पर बात करते हुए पीएम मोदी ने बताया कि उस समय मैंने यही बयान दिया था, जिसमें उन्होंने भारत की बढ़ती ताकत और भविष्य की संभावनाओं पर विश्वास जताया था. उन्होंने कहा था कि भारत को दुनिया में अपनी पहचान बनाने के लिए समय चाहिए और एक दिन ऐसा आएगा जब भारत का कद दुनिया के सामने अलग होगा.
दुनिया भारत की ओर देख रही है
इसी पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने बताया कि कैसे पिछले दो दशकों में भारत ने तकनीकी और प्रशासनिक क्षेत्र में क्रांति की है. उन्होंने कहा कि हमने तकनीक को लोकतांत्रिक बनाया और यह दिखाया कि केवल एक मोबाइल से कैसे बड़े बदलाव किए जा सकते हैं. आज मैं 30 सेकंड में 10 करोड़ किसानों के खातों में पैसे ट्रांसफर कर सकता हूं. यह तकनीक की ताकत है.
मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस
पीएम मोदी ने अपनी सरकार के कामकाज के तरीके पर बात करते हुए बताया कि मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस का मतलब गलत तरीके से समझा गया है. उन्होंने कहा कि हमने 40,000 अनुपालनों (compliances) को खत्म किया और 1,500 पुराने कानूनों को हटा दिया. मेरा मकसद यह सुनिश्चित करना है कि काम तेजी से हो. उन्होंने यह भी बताया कि नई पीढ़ी के भारत के लोग बड़ी आकांक्षाएं रखते हैं और यह बदलाव की नींव है.
दुनिया में भारत की बढ़ती विश्वसनीयता
यूक्रेन-रूस संघर्ष से लेकर वैश्विक शांति प्रयासों तक का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने बताया कि भारत आज एक भरोसेमंद देश के रूप में उभरा है. उन्होंने कहा कि हम तटस्थ नहीं हैं, बल्कि शांति के पक्षधर हैं. यही वजह है कि दुनिया हमारे सुझावों पर भरोसा करती है. कोरोना महामारी के दौरान हमने न सिर्फ अपने देशवासियों बल्कि अपने पड़ोसी देशों की भी मदद की. यह भारत के मजबूत चरित्र का उदाहरण है.
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