भारत-अफगानिस्तान ने की द्विपक्षीय चर्चा तो क्यों किलबिला गया पाकिस्तान? खिसियाकर दिया अजीब तर्क।
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भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने दुबई में तालिबान सरकार के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी से द्विपक्षीय चर्चा की. इस पर पाकिस्तान का रिएक्शन कमाल का रहा.
अफगानिस्तान में तालिबान के काबिज होने के बाद पहली बार भारत सरकार की उच्च स्तरीय बातचीत हुई है. दुबई में भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री मावलवी आमिर खान मुत्ताकी से मुलाकात की. इस दौरान दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों के साथ-साथ क्षेत्रीय विकास से संबंधित कई मुद्दों पर चर्चा की. इससे पहले भारत ने तालिबान की सरकार के साथ सीमित दायरे में ही संपर्क रखा था.
अफगान लोगों की जरूरतें पूरी करेगा भारत
इस मुलाकात को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने अफगान लोगों के साथ भारत की ऐतिहासिक मित्रता और दोनों देशों के बीच मजबूत रिश्ते की बात कही. साथ ही कहा कि भारत अफगानी लोगों के विकास के लिए जरूरी मदद के लिए काम करेगा. दोनों पक्षों ने भारतीय मानवीय सहायता कार्यक्रमों का मूल्यांकन किया.
तालिबान विदेश मंत्री ने की भारत की तारीफ
इस मौके पर अफगानिस्तान के विदेश मंत्री भारत के नेतृत्व की सराहना की और उन्हें अफगान लोगों से जुड़ने के लिए धन्यवाद दिया. बता दें कि अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बावजूद भारत हमेशा अफगान लोगों की मदद करता रहा है.
अफगानिस्तान को भेजी मदद
भारत ने अब तक अफगहानिस्तान को 50,000 मीट्रिक टन गेहूं, 300 टन दवाइयां, 27 टन भूकंप राहत सहायता, 40,000 लीटर कीटनाशक, 100 मिलियन पोलियो खुराक, कोविड वैक्सीन की 1.5 मिलियन खुराक, नशा मुक्ति कार्यक्रम के लिए 11,000 यूनिट स्वच्छता किट, 500 यूनिट सर्दियों के कपड़े और 1.2 टन स्टेशनरी किट आदि के कई शिपमेंट भेजे हैं.
इस मुलाकात में भारत ने कहा कि वह अफगानिस्तान को आगे भी मदद करना जारी रखेगा. विशेष तौर पर स्वास्थ्य क्षेत्र और शरणार्थियों के पुनर्वास के लिए भारत ज्यादा सामग्री और सहायता देगा.
क्रिकेट पर भी हुई चर्चा
भारत-पाकिस्तान के बीच हुई इस बातचीत में दोनों पक्षों ने खेल (क्रिकेट) सहयोग को मजबूत करने पर भी चर्चा की, जिसे अफगानिस्तान की युवा पीढ़ी बहुत अहमियत दे रही है. इसके अलावा अफगानिस्तान के लिए मानवीय सहायता के उद्देश्य सहित व्यापार और वाणिज्यिक गतिविधियों का समर्थन करने के लिए चाबहार बंदरगाह के उपयोग को बढ़ावा देने पर भी सहमति हुई.
संपर्क में बने रहेंगे दोनों देश
भारतीय विदेश सचिव और अफगानिस्तान के विदेश मंत्री के बीच हुई इस बैठक में अफगान पक्ष ने भारत की सुरक्षा चिंताओं के प्रति अपनी संवेदनशीलता को रेखांकित करते हुए कहा कि दोनों पक्ष लगातार संपर्क में बने रहेंगे.
टेंशन में पाकिस्तान
दुबई में भारत-अफगानिस्तान के बीच हुई इस चर्चा से पाकिस्तान बड़ी टेंशन में आ गया है. यह बैठक उस समय में हुई है जब पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर भारी तनाव है. दोनों ओर से तोपें-बंदूकें तनी हुई हैं और मौतों की खबरें आ रही हैं. अफगानी तालिबान ने पाकिस्तान की सेना के कई जवानों को बीते महीनों में मौत के घाट उतारा है.
Dawn.com के अनुसार अफगानिस्तान में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत मंसूर अहमद खान ने कहा कि जब भी पाकिस्तान-अफगानिस्तान संबंधों में मतभेद और तनाव दिखाई देगा, भारत को अपना दायरा बढ़ाने और पाकिस्तान के साथ अफगानिस्तान के भाईचारे-पड़ोसी संबंधों को रोकने का मौका मिलेगा.
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