जब सपने परिस्थितियों पर विजय पा लेते हैं… कभी रोज सात रुपये कमाते थे और अब तीन करोड़ का बिजनेस संभालते हैं।
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आगे की शिक्षा के बाद उन्हें बैंगलोर में एक कॉर्पोरेट में अच्छी तनख्वाह वाली नौकरी मिल गई। लेकिन, वहां काम करते हुए भी वह संतुष्ट नहीं थे।
जो लोग जीवन में कुछ बड़ा करना चाहते हैं उन्हें तमाम चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। लोग अक्सर हालात से थक जाते हैं और हार मान लेते हैं। लेकिन, समाज में ऐसे भी कई लोग हैं जो ऐसी सभी चुनौतियों से पार पा लेते हैं। आज हम ऐसे ही एक शख्स की प्रेरक यात्रा साझा करने जा रहे हैं, जो कभी सिर्फ सात रुपये प्रतिदिन कमाते थे और अब तीन करोड़ का कारोबार करते हैं।
अमरदीप का जन्म बिहार के एक गरीब परिवार में हुआ था। उन्हें बचपन से ही आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा। सुबह से शाम तक उन्होंने एक स्थानीय होटल में काम किया, जहाँ उन्हें प्रतिदिन केवल सात रुपये वेतन मिलता था। इतने पैसों से परिवार का गुजारा नहीं हो सकता था, इसलिए उन्होंने होटलों में वेटर से लेकर बर्तन धोने तक कई काम किए। लेकिन, इस संघर्ष के बावजूद उन्होंने शिक्षा प्राप्त करने का सपना देखा।
1989 से 1996 के बीच एक होटल में काम करते हुए अमरदीप ने मैट्रिक की परीक्षा पास की. इस समय उन्होंने अन्य बच्चों से भी शिक्षा ली। इसके बाद वह पहले पटना और फिर दिल्ली गये. वहां जाकर सिविल सर्विसेज की परीक्षा दी. लेकिन, इस परीक्षा में उन्हें सफलता नहीं मिली.
समाज के लिए कुछ करने की चाहत (सफलता की कहानी)
आगे की शिक्षा के बाद उन्हें बैंगलोर में एक कॉर्पोरेट में अच्छी तनख्वाह वाली नौकरी मिल गई। लेकिन, वहां काम करते हुए भी वह संतुष्ट नहीं थे। स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं से प्रेरित होकर, उनके मन में वंचितों की मदद करने की तीव्र इच्छा थी।
अमरदीप की पत्नी डाॅ. हेमलता सिंह बायोकेमिस्ट्री में पीएचडी हैं। उन्होंने उन्हें बिहार लौटने और समाज की सेवा करने के लिए प्रोत्साहित किया। वह रामपुर समथु लौट आए और वहां एक एनजीओ की स्थापना की। 2019 में अमरदीप ने छह लाख रुपये के निवेश से ‘मोरंग देश वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड’ की स्थापना की। यह कंपनी विभिन्न प्रकार की अगरबत्तियां बनाती है। उनके व्यवसाय में अब 100 से अधिक स्थानीय कर्मचारी कार्यरत हैं। इसका सालाना टर्नओवर तीन करोड़ रुपए है। अमरदीप की कंपनी मंदिरों के बेकार फूलों का उपयोग करके पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देती है। अमरदीप की कहानी उन लोगों के लिए प्रेरणादायक है जो परिस्थितियों से हारा हुआ महसूस करते हैं।
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