कब और कैसे कराए जाएं साल में दो बार CBSE के एग्जाम? इसका किया जा रहा इंतजाम।
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फरवरी से पहले परीक्षाएं आयोजित करने में अपनी तरह की चुनौतियां हैं, क्योंकि कुछ राज्यों में सर्दी बहुत होती है.
CBSE नए नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ) के तहत साल में दो बार बोर्ड परीक्षाएं आयोजित करने को लेकर दुविधा में है और इसके लिए तीन ऑप्शन पर चर्चा कर रहा है. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) सेमेस्टर सिस्टम पर भी विचार कर रहा है जिसमें साल में 2 बार परीक्षाएं शामिल हैं. वर्तमान में, कक्षा 10 और 12 की बोर्ड परीक्षाएं फरवरी-मार्च में आयोजित की जाती हैं.
अधिकारियों ने बताया कि विचार-मंथन जारी है और अब तक इस बारे में कोई निर्णय नहीं किया गया है कि साल में दो बार बोर्ड परीक्षा आयोजित करने की योजना कब और किस फॉर्मेट में लागू की जाएगी.
एक अधिकारी ने बताया, “तीन संभावित ऑप्शन पर चर्चा की गई है, जिनमें से एक सेमेस्टर सिस्टम में परीक्षा आयोजित करना है. इसमें पहली बोर्ड परीक्षा जनवरी-फरवरी में और दूसरी मार्च-अप्रैल में आयोजित करना है या फिर कंपार्टमेंट या सुधार परीक्षाओं के साथ जून में बोर्ड परीक्षाओं का दूसरा फेज आयोजित किया जाए.”
उन्होंने बताया, “जिस तरह से हमारा एकेडमिक कैलेंडर बनाया गया है, साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं का शेड्यूल और सीबीएसई स्कूल देश भर में और विदेश तक में होने के चलते भौगोलिक चुनौतियां हैं जिससे सेमेस्टर सिस्टम कम प्रक्टिकल लगता है.”
बोर्ड ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय से कहा है कि मौजूदा व्यवस्था में कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं आयोजित करने के लिए 150 से ज्यादा कदम उठाने की जरूरत है.
उन्होंने कहा, “इस प्रक्रिया में कम से कम 310 दिन लगते हैं, जिसमें स्टूडेंट्स की लिस्ट भरना, नोटिफिकेशन, रोल नंबर जारी करना, प्रैक्टिकल आयोजित करना, लिखित परीक्षा, रिजल्ट घोषित करना, वेरिफिकेशन और पुनर्मूल्यांकन शामिल है. दो परीक्षाओं का आयोजन करने के लिए कम से कम 55 दिन की जरूरत है.” अब सीबीएसई के सामने चुनौती यह है कि दूसरे फेज के लिए यह व्यापक कवायद कब और कैसे दोहराई जाए.
अधिकारी ने कहा,”फरवरी से पहले परीक्षाएं आयोजित करने में अपनी तरह की चुनौतियां हैं, क्योंकि कुछ राज्यों में सर्दी बहुत होती है. वर्तमान में बोर्ड परीक्षाएं 15 फरवरी के आसपास शुरू होती हैं, इसलिए पर्याप्त अंतराल रखने के लिए तारीखों पर भी उसी के मुताबिक काम करना होगा.”
“दूसरा विकल्प कंपार्मेंट या सुधार परीक्षा के साथ जून में परीक्षा का दूसरा फेज आयोजित करना हो सकता है. हालांकि, इनमें से कोई भी विकल्प आखिरी नहीं है. हम अब भी विचार-विमर्श कर रहे हैं और व्यापक काउंसलिंग जारी है. यह संभव है कि प्रक्रिया के दौरान और भी विकल्प सामने आएं.”
मंत्रालय की योजना 2024-25 एकेडमिक ईयर से साल में दो बार बोर्ड परीक्षाएं शुरू करने की थी. हालांकि, इसे एक साल के लिए टाल दिया गया है. इसरो के पूर्व अध्यक्ष के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में केंद्र सरकार की ओर से नियुक्त राष्ट्रीय संचालन समिति द्वारा तैयार की गई नई एनसीएफ में कक्षा 11 वीं और 12वीं के स्टूडेंट्स के लिए एक सेमेस्टर सिस्टम का प्रस्ताव रखा गया है.
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने अक्टूबर 2023 में एक इंटरव्यू में बताया था कि स्टूडेंट्स के लिए साल में दो बार बोर्ड परीक्षा देना जरूरी नहीं होगा.
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