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    April 24, 2025

    कैसा सुपरपावर है रे तू! 6 महीने तक चीन ने सुनी ट्रंप की सारी फोन कॉल, चुरा लिया डेटा।

    1 min read
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    चीन को लेकर हाल ही में एक पूर्व अमेरिकी अधिकारी ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा कि चीन ने कई महीनों तक अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तमाम फोन कॉल्स सुनी और डाटा भी चुरा है.

    अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक पूर्व सीनियर सहयोगी ने दावा किया है कि चीन ने रिपब्लिकन पार्टी के नेता का फोन हैक किया और छह महीने तक डेटा भी चुराया. यह चेतावनी 2017 से 2018 तक ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) एचआर मैकमास्टर की तरफ से आई है. मेकमास्टर यह भी कहा कि चीन अमेरिका के खिलाफ पहले हमले की परमाणु क्षमता तैयार करने की उम्मीद कर रहा था.

    ट्रंप का सुना जाता था फोन
    काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस नामक थिंक टैंक की तरफ से आयोजित एक प्रोग्राम में बोलते हुए मैकमास्टर ने तर्क दिया कि अमेरिका को चीन पर उसके ‘बड़े पैमाने पर साइबर घुसपैठ’ के लिए ‘बहुत महत्वपूर्ण लागत’ लगाने की आवश्यकता है. उन्होंने आगे कहा,’वे छह महीने तक राष्ट्रपति ट्रंप और उनके आस-पास के सभी लोगों के फोन सुनते हैं, है न? उन्होंने हमारे दूरसंचार नेटवर्क से बड़ी मात्रा में डेटा चुराया है.’

    ‘मैं थोड़ा पागल लग रहा होंगा…’
    मैकमास्टर ने कहा,’मुझे लगता है कि चीन यही कर रहा है और आपको लग सकता है कि यह कहने के लिए मैं थोड़ा पागल हूं, लेकिन मुझे लगता है कि चीन अमेरिका के खिलाफ़ पहले हमले की परमाणु क्षमता की बुनियाद रख रहा है.’ पहले हमले की क्षमता का मतलब दुश्मन के परमाणु शस्त्रागार को नुकसान पहुंचाने या तबाह करने की नीयत से आक्रमण से पहले परमाणु हमला करने के कदम से है, ताकि उसकी जवाबी कार्रवाई को पहले ही कमजोर कर दिया जाए.

    चीन के साथ रूस पर लगे आरोप
    मैकमास्टर के दावे ट्रम्प के व्हाइट हाउस में लौटने से कुछ ही दिन पहले आए हैं. इसके अलावा चीन की तरफ से अपने परमाणु भंडार के विस्तार के और कथित तौर पर बीजिंग से जुड़े साइबर हमलों को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच आए हैं. हालांकि यह साफ नहीं है कि मैकमास्टर की इस टिप्पणी को हाल ही में चीन पर लगे दावों से जोड़ा जा रहा है या नहीं. दरअसल हाल ही में दावा किया गया था कि चीनी सरकार से जुड़े हैकर्स ने अमेरिकी चुनाव अभियान के दौरान ट्रम्प के संचार को टार्गेट किया था. इसके अलावा चीनी और रूसी जासूस उनके पिछले कार्यकाल के दौरान उनकी कॉल सुन रहे थे.

    चीन ने बताया बेबुनियाद
    हालांकि चीन ने हालिया आरोपों को ‘दुर्भावनापूर्ण अटकलों’ के रूप में खारिज करते हुए कहा कि अमेरिका ने तथाकथित चीनी हैकिंग खतरों के बारे में गलत जानकारी फैलाई है.’

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