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    April 22, 2025

    संसद के सेंट्रल हॉल का क्या है इतिहास, क्या राजनीतिक दल अपने निजी कार्यक्रमों के लिए कर सकते हैं इस्तेमाल?

    1 min read
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    NDA संसदीय दल के नेता चुने जाने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने पुराने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में घटक दल के नेताओं को संबोधित किया. इसके बाद लोगों के मन में यह सवाल उठने लगा कि क्या कोई राजनीतक पार्टी अपने निजी कार्यक्रमों में सेंट्रल हॉल का इस्तेमाल कर सकती है?

    2024 के लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन का नेता चुना गया. इसके बाद पीएम मोदी ने गठबंधन के सभी नेताओं को संबोधित किया. यह कार्यक्रम पुराने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में हुआ. साल 1927 में सेंट्रल हॉल की स्थापना के बाद से ही यह कई ऐतिहासिक घटनाओं का गवाह रहा है. आइए एक नजर डालते हैं कि इस सेंट्रल हॉल का क्या इतिहास है? क्या राजनीतिक दल अपने निजी कार्यक्रमों के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं?

    लोकसभा अध्यक्ष संसद भवन परिसर का सर्वोपरि
    लोकसभा अध्यक्ष संसद भवन परिसर का संरक्षक होता है. राजनीतिक दलों और गठबंधन को परिसर के अंदर समय-समय पर कार्य स्थल आवंटित किया जाता है. वे परिसर में अपने सदस्यों के साथ बैठकें कर सकते हैं. इससे पहले भी सेंट्रल हॉल परिसर में निजी राजनीतिक बैठकें हो चुकी हैं. अतीत में राजनीतिक दलों ने संसद भवन में मौजूद बालयोगी सभागार सहित परिसर के भीतर स्थानों पर अपनी संसदीय दल की बैठकें की हैं.

    2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा के तुरंत बाद सेंट्रल हॉल में एक कार्यक्रम आयोजित कर नरेंद्र मोदी को भाजपा का ससंदीय दल का नेता चुना गया था.

    सेंट्रल हॉल का इतिहास क्या है?
    सेंट्रल हॉल का इस्तेमाल पहले संसद सदस्यों के लिए पुस्तकालय के रूप में किया जाता था. 1946 में जब संविधान सभा को स्वतंत्र भारत के संविधान पर विचार-विमर्श करने के लिए जगह की आवश्यकता हुई तो सेंट्रल हॉल का नवीनीकरण किया गया और बेंचें जोड़ी गईं. सेंट्रल हॉल का नाम बदलकर संविधान सभा हॉल कर दिया गया. 1946 से 1949 के बीच लगभग तीन वर्षों तक संविधान सभा की बैठक इसी स्थान पर हुई.

    पिछले कुछ वर्षों में सेंट्रल हॉल का उपयोग
    हाल के वर्षों में सेंट्रल हॉल का इस्तेमाल मुख्य रूप से औपचारिक अवसरों जैसे लोकसभा और राज्यसभा सांसदों को वार्षिक राष्ट्रपति के संबोधन और राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह के लिए किया जाता रहा है. इसके अलावा राष्ट्रपति के विदाई समारोह और उत्कृष्ट सांसद पुरस्कार समारोह जैसे संसदीय कार्यक्रम भी होते रहे हैं.

    सेंट्रल हॉल का उपयोग अन्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों के संबोधन के लिए भी किया जाता रहा है. आखिरी बार सेंट्रल हॉल में किसी विदेशी नेता का संबोधन तीन साल पहले हुआ था. मार्च 2021 में अंतर-संसदीय संघ (आईपीयू) के अध्यक्ष डुआर्टे पाचेको ने अपना संबोधन दिया था. उससे पहले साल 2010 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपना संबोधन दिया था.

    14वीं लोकसभा के कार्यकाल (2004-2009) के दौरान तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने सेंट्रल हॉल में अमेरिकी अर्थशास्त्री जेफरी सैच्स और नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन जैसे शिक्षाविदों और विद्वानों के लेक्चर आयोजित करवाए थे.

    हाल में सेंट्रल हॉल का इस्तेमाल महिला विधायकों के राष्ट्रीय सम्मेलन (मार्च 2016 में), लोक लेखा समिति के शताब्दी समारोह (2021) और संसद सचिवालय द्वारा आयोजित छात्र कार्यक्रमों के लिए किया गया था.

    सेंट्रल हॉल स्थित की वर्तमान स्थिति क्या है?
    पुराने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में मौजूद कक्षों का उपयोग फिलहाल सत्र आयोजित करने के लिए नहीं किया जा रहा है. अब लोकसभा और राज्यसभा की बैठक नये भवन में होती है. हालांकि, संसद सचिवालय में कुछ ऐसे कार्यालय हैं जो अभी भी सेंट्रल हॉल से संचालित होते हैं.

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