प्रमुख सचिव और मुख्य सचिव में क्या होता है अंतर? इतनी मिलती है दोनों को सैलरी।
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प्रमुख सचिव और मुख्य सचिव में क्या अंतर होता है, आज हम आपको बताएंगे. साथ ही किस की सैलरी ज्यादा होती है, इसकी जानकारी भी देंगे.
क्या आपको पता है प्रमुख सचिव और मुख्य सचिव में क्या फर्क होता है और इनमें से कौन ज्यादा पावरफुल होता है. ये दोनों ही पद प्रशासनिक स्ट्रक्चर के टॉप पर होते हैं, लेकिन इनकी जिम्मेदारियां और प्रभाव अलग-अलग होते हैं. आइए जानते हैं प्रमुख सचिव और मुख्य सचिव को कितनी सैलरी मिलती है और इन्हें क्या-क्या सुविधाएं प्रदान की जाती हैं…
क्या होता है प्रमुख सचिव का काम?
प्रमुख सचिव प्रधानमंत्री का सबसे करीबी और भरोसेमंद प्रशासनिक अधिकारी होता है. यह एक वरिष्ठ IAS अधिकारी होता है, जो प्रधानमंत्री को नीतियों पर सलाह देता है और विभिन्न मंत्रालयों और एजेंसियों के बीच समन्वय स्थापित करता है. रिपोर्ट्स के अनुसार इस पद को कैबिनेट मंत्री के समकक्ष माना जाता है. नीति निर्माण से लेकर उसके क्रियान्वयन तक में प्रमुख सचिव की भूमिका बेहद अहम होती है.
मुख्य सचिव की भूमिका क्या होती है?
मुख्य सचिव राज्य सरकार में सबसे वरिष्ठ और ताकतवर अधिकारी होता है. वह राज्य की पूरी नौकरशाही का नेतृत्व करता है और सभी विभागों के सचिव उसके अधीन होते हैं. मुख्य सचिव राज्य सरकार की नीतियों की निगरानी करता है और उनके कार्यान्वयन को सुनिश्चित करता है. इसके अलावा वह मुख्यमंत्री का प्रमुख सलाहकार भी होता है.
कौन होता है ज्यादा प्रभावशाली?
अगर ताकत और प्रभाव की बात करें तो केंद्रीय स्तर पर काम करने वाला प्रधान सचिव ज्यादा शक्तिशाली माना जाता है क्योंकि वह सीधे प्रधानमंत्री के साथ कार्य करता है और पूरे देश की नीतियों में भागीदारी करता है. वहीं, मुख्य सचिव राज्य स्तर पर सबसे ताकतवर अधिकारी होता है लेकिन उसका प्रभाव केंद्र के मुकाबले सीमित होता है.
सैलरी और सुविधाएं
रिपोर्ट के अनुसार, प्रधान सचिव को करीब 2.50 लाख रुपये प्रति माह सैलरी मिलती है, जबकि मुख्य सचिव की सैलरी 2.25 लाख रुपये के आसपास होती है. इसके अलावा दोनों पदों पर तैनात अधिकारियों को सरकारी आवास, गाड़ी, स्टाफ और अन्य कई सुविधाएं मिलती हैं.
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