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    May 4, 2025

    आखिर IAS, IPS, IFS और IRS ऑफिसर में क्या होता है अंतर?

    1 min read
    😊

    भारत में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास करने वाले उम्मीदवार सबसे पहले IAS, IPS, IFS और IRS पद को प्रेफरेंस देते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर इन सभी के बीच क्या अंतर होता है.

    Difference Between IAS-IPS-IFS-IRS Officer: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा के लिए हर साल लाखों आवेदन आते हैं. इस परीक्षा को पास करके कई उम्मीदवार IAS, IPS, IFS और IRS बनते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन पदों के बीच क्या अंतर है? अगर नहीं, तो आइए आज हम IAS, IPS, IFS और IRS के बीच का अंतर समझते हैं.

    1. IAS (भारतीय प्रशासनिक सेवा):
    संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा में अच्छे अंक लाने वाले उम्मीदवारों का चयन भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के लिए होता है. हालांकि, कुछ उम्मीदवार IPS या IFS बनना चाहते हैं, जिस कारण जब वे इन पदों का चयन करते हैं, तो कम रैंक वाले उम्मीदवारों को IAS पद मिल जाता है. आईएएस अधिकारी प्रशासनिक व्यवस्थाओं को देखते हैं. इन्हें राज्य या केंद्र सरकार के सचिवालय में तैनात किया जाता है या फिर इन्हें जिले का डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट (DM) बनाया जाता है, जिसे जिला मजिस्ट्रेट भी कहा जाता है. डीएम जिले का मुखिया होता है और राजस्व, प्रशासनिक और विकास कार्य उसके अधीन होते हैं. कई बार वह SP (सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस) के साथ मिलकर कानून व्यवस्था से जुड़े फैसले भी लेते हैं.

    2. IPS (भारतीय पुलिस सेवा):
    भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में चुने गए अधिकारियों को IPS अधिकारी कहा जाता है. UPSC सिविल सेवा में IPS अधिकारी भी IAS के समकक्ष होते हैं. IPS अधिकारी या तो पुलिस मुख्यालय में तैनात होते हैं या जिले के सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (SP) के रूप में काम करते हैं. उनकी जिम्मेदारी जिले में कानून व्यवस्था बनाए रखना है. इसके अलावा, अपराध को रोकना और स्थानीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना भी उनकी जिम्मेदारी है. इसके अलावा, उनका उपयोग भारतीय खुफिया एजेंसियों द्वारा किया जाता है, जिसमें इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB), रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW), और सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) शामिल हैं.

    3. IFS (भारतीय विदेश सेवा):
    भारतीय विदेश सेवा देश के विदेशी मामलों का प्रभारी है. भारतीय विदेश सेवा के कर्मचारियों को भारत सरकार द्वारा राजनयिक मिशनों में सेवा देने और विदेशी संगठनों में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए भेजा जाता है. IFS अधिकारियों का काम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करना है. वे विभिन्न देशों में भारत के राजदूत के रूप में तैनात होते हैं और भारत के विदेशी संबंधों को संभालते हैं. IFS अधिकारी बनने के लिए इंग्लिश का अच्छी नॉलेज होना आवश्यक है, क्योंकि उन्हें दूसरे देशों के राजनयिकों और राजदूतों से बातचीत करनी होती है.

    4. IRS (भारतीय राजस्व सेवा):
    भारतीय राजस्व सेवा (IRS) में चयनित उम्मीदवार फाइनेंस मिनिस्ट्री के तहत राजस्व विभाग में काम करते हैं. IRS अधिकारी इनकन टैक्स और कस्टम डिपार्टमेंट में भी काम करते हैं, जहां वे देश के राजस्व का लेखा-जोखा रखते हैं. IRS अधिकारी फाइनेंशियल पॉलिसी भी बनाते हैं.

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