WEF के अध्यक्ष ने की अपेक्षा: सबसे अधिक टिके रहने वाले भारत का विकास दर, अधिक निवेश व नौकरी करना संभव होगा |
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WEF: वर्ल्ड इकोनॉमिक प्लेटफॉर्म (WEF) के अध्यक्ष बोरगे ब्रेंडे का कहना है कि भारत में ऐसे सुधार हुए हैं जिसकी वजह से लालफीताशाही कम हुई है, निवेश के लिए बेहतर माहौल बना है और भारत में डिजिटल क्रांति भी वास्तव में हो रही है।
भारत का आर्थिक विकास दर इस साल 6 प्रतिशत रह सकता है। यह दुनिया की प्रमुख उद्योगों में सबसे तेज होगा। देश में बहुत अधिक निवेश आएगा और बड़े स्तर पर नौकरी भी संभव होगी। विश्व आर्थिक मंच (WEIF) के अध्यक्ष बोर्गे ब्रेंडे ने कहा, भारत इस समय ‘स्नोबॉल प्रभाव’ का सामना कर रहा है।
इसका अर्थ किसी एक घटना की वजह से कई बड़ी घटनाओं का होना है। स्नोबॉल जब लुटेरा है तो यह बड़ा और बड़ा होता है। भारत के साथ इस समय यही हो रहा है। इसका प्रभाव से भारतीय उद्योग तेजी से बड़ा होगा। इस प्रक्रिया में बहुत अधिक निवेश व बहुत अधिक नौकरी संभव होगी।
ब्रेंडे ने कहा, वह भारत के आर्थिक विकास के बारे में अत्यधिक आशान्वित हैं। हालांकि, वैश्विक विकास को लेकर उनकी राय इसके विपरीत है। उन्होंने कहा, भारतीय उद्योग में वृद्धि से अधिक निवेश और बड़े स्तर पर नौकरी संभव होगी। आने वाले वर्षों में यह एक बहुत तेज वृद्धि होगी और आप ऐसी स्थिति देखेंगे, जहां अत्यधिक गरीबी समाप्त हो जाएगी। युवाओं के लिए अधिक अवसर होंगे। भारत यात्रा पर आए ब्रेंडे ने विभिन्न केंद्रीय मंत्रियों और प्रमुख एजेंसियों के अधिकारियों से मुलाकात की।
अनुशासन के लिए व्यापक वातावरण
ब्रेंडे ने कहा, भारत में किसी भी अन्य विकसित देश की तुलना में व्यापक मात्रात्मक तंत्र है और यह बढ़ रहा है। यह कुछ ऐसा है, जिससे अन्य देश भी प्रेरित हो सकते हैं।
भारत से विकसित दुनिया के देश सीखें
मुझे लगता है कि विकसित दुनिया के देशों को भारत से कुछ सीखना है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। यहां एक ऐसा खुला समाज है, जिसमें उद्यमी और नवप्रवर्तकों के लिए जगह है। फ्रैंक अपनी बात रखने की आजादी भी है। -बोर्गे ब्रेंडे, अध्यक्ष, डब्ल्यूईएफ
कम हुई लाल फ़िनशाही डिजिटल क्रांति में तेज़ी से
डब्ल्यूवाईएफ अध्यक्ष ने कहा, भारत इस समय जी-20 का अध्यक्ष है और दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख कंपनियों में से एक है। देश में हुए सुधारों से लाल फिटनशाही कम हुई है। निवेश के लिए बेहतर माहौल मिला है और डिजिटल क्रांति भी तेजी से जारी है।
शिक्षा और कौशल विकास पर निवेश की जरूरत
निकट भविष्य में भारत को क्या करना चाहिए…इस सवाल पर ब्रेंडे ने कहा कि देश से पहले किए गए सुधारों का लाभ उठा रहा है। भारत को वर्कवर्क, विभिन्न क्षेत्रों को बेहतर तरीके से जोड़ने, शिक्षा एवं कौशल विकास पर अधिक निवेश की आवश्यकता है।
7% से अधिक बने रहने की वृद्धि दर
भारतीय उद्योग की बढ़ती रफ्तार 2022-23 में 7 प्रतिशत से अधिक रहेगी। मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र के विकास के इंजनों की संगति और सेवा क्षेत्र की भी बड़ी भूमिका होगी। एक्सपोजर ने इकोरैप रिपोर्ट में कहा है कि 2022-23 की चौथी तिमाही में विकास दर 5.5 प्रतिशत है, जो 7.1 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करने में मदद करती है।
रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया भर में विकास के अलग-अलग उदाहरण हैं। इसकी नीति को काफी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। यह चुनौती न केवल 2023 में बल्कि 2024 और 2025 में भी बनी रहेगी। केंद्रीय जोखिम के लिए नियंत्रण में मुख्य समस्या बन गई है। हालांकि, भारत में विवरण के मोर्चों पर राहत दिखाई दे रही है। फ्रीज ने कहा, 2023-24 के बजट में पूंजीगत व्यय काफी अधिक है। निजी क्षेत्र में निवेश और रोजगार सृजन पर जोर दे रहा है। उद्योगीकरण की वृद्धि में मदद मिलेगी।
प्रस्तावित कार्बन कर का भारत के साथ व्यापार संबंध पर असर नहीं- यूरोपीय संघ
दूसरी ओर, यूरोपीय संघ की वसीयतनामा नीति प्रमुख फ्रांस टिमरमन्स ने शुक्रवार को कहा कि यूरोपीय संघ के प्रस्तावित कार्बन कर का भारत के साथ उसके व्यापार संबंध पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा और वह ऐसा कुछ नहीं करेगा जो विश्व व्यापार के अलर्ट का उल्लंघन करेगा । यूरोपीय संघ ने स्टील, वर्क, एल्युमिनियम, लोहा, बिजली और दस्तावेजों जैसे उच्च कार्बन के 25 से 30 प्रतिशत का कार्बन आयात कर लागू करने की योजना बनाई है। इससे कार्बन-गहन समझौते अत्यधिक अंतत: विकसित देशों पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में चिंताएँ पैदा होती हैं।
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