विकास सर ने बताए यूपीएससी क्रैक करने के टिप्स, पढ़ाई के अलावा इस पर दिया जोर.
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विकास दिव्यकिर्ति ने नौकरी छोड़ने का फैसला एजुकेशन के फील्ड में करियर बनाने की इच्छा के कारण लिया, न कि सिविल सेवा में बने रहने के लिए.
अगर आप आईएएस अधिकारी बनना चाहते हैं और यूपीएससी परीक्षा में सफल होना चाहते हैं, तो आपको कुछ जरूरी प्रिंसिपल्स को ध्यान में रखना चाहिए. यूपीएससी सिर्फ एकेडमिक नॉलेज की परीक्षा नहीं है – इसके लिए एक ओवरऑल अप्रोच की जरूरत होती है. यूपीएससी की तैयारी में एक प्रसिद्ध शिक्षक और दृष्टि आईएएस के संस्थापक डॉ. विकास दिव्यकीर्ति, सिर्फ निरंतर पढ़ाई ही नहीं, बल्कि लाइफ में बैलेंस के महत्व पर जोर देते हैं.
यूपीएससी कैंडिडेट्स के लिए डॉ. दिव्यकीर्ति की सलाह क्लियर है: “आपको दिन-रात पढ़ाई करने की जरूरत नहीं है. जीवन उतना कठिन नहीं है जितना हम कभी-कभी इसे बना देते हैं.” उनकी अलग अप्रोच एक बैलेंस दिन की सलाह देती है: 8 घंटे पढ़ाई, 8 घंटे नींद और 8 घंटे आराम. उनका फिलॉसफी है कि थकावट नहीं बैलेंस, सफलता की ओर ले जाता है.
वह स्टूडेंट्स को किताबों से परे सीखने के लिए मोटिवेट करते हैं. वे कहते हैं, “सिर्फ किताबें ही मत पढ़ो; जीवन को भी पढ़ो.” समाज को देखना, दोस्ती बनाए रखना, हफ्ते में एक बार मूवी देखना और बातचीत में शामिल होना, ये सभी जरूरी सोशल स्किल डिवेलप करते हैं जो पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ दोनों को समृद्ध करते हैं.
डॉ. दिव्यकीर्ति, जिनके यूट्यूब और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लाखों की संख्या में फॉलोअर हैं, हरियाणा में पले-बढ़े हैं और उनकी एजुकेशनल बैकग्राउंड मजबूत है. उनका अपना सफर समर्पण और जीवन के प्रति उत्साह का एक उदाहरण है, जो दर्शाता है कि आईएएस बनना भले ही एक लक्ष्य हो, लेकिन यह किसी के पूरे जीवन को परिभाषित नहीं करता है.
विकास दिव्यकीर्ति के बारे में विकीपीडिया पर जो जानकारी उपलब्ध है, उसके मुताबिक उनकी शुरुआती पढ़ाई सरस्वती शिशु मंदिर में हुई. इसके बाद उन्होंने जाकिर हुसैन दिल्ली कॉलेज से बैचलर ऑफ कॉमर्स (ऑनर्स) में एडमिशन लिया, लेकिन बाद में उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी में बैचलर ऑफ ऑटर्स की डिग्री ली. इसके बाद विकास दिव्यकीर्ति ने हिन्दी साहित्य विषय में पोस्ट ग्रेजुएशन किया. इस दौरान उन्होंने पहले साल में टॉप सेकंड रैंक हासिल किया था. साल 1995 में विकास दिव्यकीर्ति ने अपना पोस्ट ग्रेजुएशन कंपलीट किया. इसके अलावा विकास दिव्यकीर्ति ने बैचलर ऑफ लॉ, मास्टर ऑफ साइकोलॉजी भी किया उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से ही हिन्दी साहित्य में पीएचडी भी किया है.
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