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    April 21, 2025

    विदर्भ मांडा सेंटर: एक सफल महिला उद्यमी बबिता अनिल सुरवाड़े जी की संघर्ष भरी कहानी

    1 min read
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    महाराष्ट्र राज्य कई सारे व्यंजन के लिए हमेशा चर्चित रहा है और उनमें से ही महाराष्ट्र के पुराने समय के एक विशिष्ट व्यंजन गेहूं का मांडा को व्यवसाय में बदला गया और विदर्भ मांडा सेंटर की स्थापना 2018 में हुई , लेकिन इसके पीछे बबिता अनिल सुरवाड़े जी की कहानी बेहद प्रेरणादायक है। शुरुआत के समय, कई व्यवसायिक प्रयासों में अपेक्षित सफलता नहीं मिली। आर्थिक नुकसान बड़ा था, और स्थिति बेहद गंभीर हो गई थी। इन कठिनाइयों के बीच कुछ नया करने की इच्छा तो थी, लेकिन सही विचार नहीं था। कई दिनों की सोच-विचार के बाद, बेटे ने एक सुझाव दिया, जिसने व्यवसाय का मार्ग प्रशस्त किया।

    बेटे को पुराने समय का एक पसंदीदा व्यंजन याद आया – गेहूं का मांडा । आज भी लोग इस व्यंजन को बहुत पसंद करते हैं, लेकिन इसे बनाना मुश्किल माना जाता है। बेटे के आग्रह पर माँ ने मांडा बनाना सीखा। जब उसने पहली बार इसे बनाया, तो परिवार ने इसे बहुत पसंद किया, और यहीं से इस व्यंजन को व्यवसाय में बदलने का फैसला किया गया।

    विचार तो आ गया था, लेकिन आवश्यक पूंजी नहीं थी। इसलिए, शुरुआत में केवल 10-12 मांडा बनाए गए, और बबिता अनिल सुरवाड़े जी के बेटे ने उन्हें शहर के एक होटल में लेकर गया। लेकिन होटल वालों को इसकी ज़रूरत नहीं थी, और यह विचार असफल हो गया। मांडा को लोगों तक पहुँचाने के लिए दुकान खोलना ज़रूरी था, लेकिन दुकान किराए पर लेने की स्थिति नहीं थी। इसलिए अतिक्रमण की जगह पर व्यवसाय शुरू किया गया और इसका नाम रखा ‘विदर्भ मांडा सेंटर‘।

    इसके बाद, व्यवसाय में कई उतार-चढ़ाव आए, लेकिन अच्छी गुणवत्ता के कारण ग्राहकों का समर्थन मिलता गया। सब कुछ सही चल रहा था, लेकिन फिर कोरोना लॉकडाउन लग गया, और विदर्भ मांडा सेंटर को बंद करना पड़ा। एक बार फिर से, जहाँ से शुरुआत की थी, वहीं लौटना पड़ा। लेकिन इस बार आत्मविश्वास था कि अगर एक बार शून्य से ऊपर आ सकते हैं, तो फिर से कर सकते हैं। कोरोना के बाद, शून्य से नई शुरुआत की!

    कोरोना के बाद, सोशल मीडिया के बढ़ते उपयोग को देखते हुए बबिता अनिल सुरवाड़े जी के बेटे ने इसका उपयोग कर व्यवसायको और अधिक लोगों तक पहुँचाया। अब पहले से अधिक लोग विदर्भ मांडा सेंटर के बारे में जानने लगे, और शहर के दूर-दूर के इलाकों से लोग फोन पर ऑर्डर देने लगे। अच्छी गुणवत्ता के कारण लोग एक-दूसरे से भी विदर्भ मांडा सेंटर की प्रशंसा करने लगे, और ग्राहकों का समर्थन बढ़ता गया।

    अतिक्रमण की जगह होने के कारण, एक दिन वह जगह तोड़ दी गई। इसके कारण जल्द ही एक नई दुकान खोजी गई और वहाँ से फिर से शुरुआत की गई। ग्राहकों को अच्छी गुणवत्ता दी गई, और उन्होंने भी हमें समर्थन दिया। तीन साल तक बिना छुट्टी के काम करने से हाथों में दर्द बढ़ गया था, लेकिन महिलाओं को रोजगार देने की इच्छा हमेशा से थी। इसलिए, गरीब और ज़रूरतमंद महिलाओं को मांडा बनाना सिखाया और उन्हें रोजगार दिया। आज, हम चार से अधिक महिलाओं को रोजगार दे रहे हैं, और 400 महिलाओं को रोजगार देने का मेरा सपना है।

    आज, विदर्भ मांडा सेंटर विदर्भ का सबसे बड़ा और सबसे अच्छा मांडा सेंटर माना जाता है। 1000 से अधिक ग्राहकों का भरोसा हमारी गुणवत्ता पर कायम है, और Zomato और Swiggy जैसे प्लेटफॉर्म पर विदर्भ मांडा सेंटर उपलब्ध है। Reseal.in के और से उन्हें उनके कार्य के लिए बहोत सारी शुभकामनायें।

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