औद्योगिक विकास को रफ्तार देने के लिए यूपीसीडा का बड़ा फैसला, 6190 करोड़ का बजट पास।
1 min read
|








सरकार ने 6 पुरानी कताई मिलों को फिर से उपयोग में लाने का निर्णय लिया है. अमेठी, प्रतापगढ़, बांदा, मेजा और फतेहपुर की कताई मिलें शामिल हैं. जल्द ही विज्ञापन जारी कर आवंटन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास को नई रफ्तार देने के लिए यूपीसीडा (उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण) की 48वीं बोर्ड बैठक शुक्रवार को लखनऊ के लोक भवन में आयोजित हुई. इस बैठक में वर्ष 2025-26 के लिए 6190 करोड़ रुपये का बजट पास किया गया. साथ ही, औद्योगिक क्षेत्रों के लिए नई वर्गीकरण नीति, छह कताई मिलों के दोबारा उपयोग और एक्स-लीडा (पूर्व लखनऊ औद्योगिक विकास प्राधिकरण) के मास्टर प्लान को लेकर कई अहम फैसले लिए गए.
बैठक की अध्यक्षता राज्य के मुख्य सचिव और यूपीसीडा के चेयरमैन मनोज कुमार सिंह ने की. इस दौरान यूपीसीडा के सीईओ मयूर माहेश्वरी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे. अधिकारियों ने बताया कि इस बजट से प्रदेश के औद्योगिक ढांचे को और मजबूत किया जाएगा, जिससे नए निवेश को बढ़ावा मिलेगा और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर तैयार होंगे.
औद्योगिक क्षेत्रों में नई नीति
बैठक में यह तय किया गया कि अब राज्य के औद्योगिक क्षेत्रों को उनकी प्रगति के आधार पर तीन श्रेणियों—अति तीव्र, तीव्र और मंद गति—में बांटा जाएगा. मंद गति वाले क्षेत्रों में 75 प्रतिशत से कम भूखंड आवंटित होने की स्थिति में विशेष भुगतान योजना लागू होगी. इसके तहत निवेशकों को पहले 5% रकम जमा करनी होगी, फिर 60 दिन में 20% और बाकी रकम तीन साल में छह किस्तों में ली जाएगी. इससे उद्योग लगाने वालों को सुविधा मिलेगी और खाली पड़ी जमीन का बेहतर उपयोग होगा.
सरकार ने 6 पुरानी कताई मिलों को फिर से उपयोग में लाने का निर्णय लिया है. इनमें अमेठी, प्रतापगढ़, बांदा, मेजा और फतेहपुर की कताई मिलें शामिल हैं. इनके लिए जल्द ही विज्ञापन जारी कर आवंटन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. ये मिलें बंद पड़ी थीं और अब इन्हें औद्योगिक उपयोग के लिए तैयार किया जाएगा.
बैठक में एक्स-लीडा के मास्टर प्लान 2041 को अंतिम रूप देकर शासन को भेजने का भी फैसला हुआ. इस प्लान के तहत लखनऊ और आसपास के क्षेत्रों में सुनियोजित औद्योगिक विकास की दिशा तय की जाएगी. इसके अलावा प्रयागराज में इंडस्ट्रियल माडर्न क्लस्टर (आईएमसी) की योजना को भी हरी झंडी दी गई.
निवेश बढ़ाने पर जोर
सीईओ मयूर माहेश्वरी ने बताया कि यूपीसीडा का लक्ष्य है कि अधिक से अधिक निवेशकों को राज्य में आकर्षित किया जाए. इसके लिए भूमि बैंक बढ़ाया जा रहा है और नई जमीन का आवंटन ईओआई (एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट) के माध्यम से जल्द किया जाएगा. साथ ही, पुराने औद्योगिक भूखंडों के ट्रांसफर पर भी अब वही शर्तें लागू होंगी, जो नए आवंटन में होती हैं.
औद्योगिक क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाएं और म्यूनिसिपल सेवाएं बेहतर करने के लिए नगर निगमों के साथ मिलकर काम करने का फैसला भी बैठक में लिया गया. इससे उद्योगों को साफ-सफाई, सड़क, जल आपूर्ति जैसी जरूरी सेवाएं मिलेंगी. उत्तर प्रदेश सरकार बीते वर्षों से निवेश और औद्योगिक विकास को लेकर कई बड़े कदम उठा रही है.
इन्वेस्टर्स समिट, डिफेंस कॉरिडोर, मेडिकल डिवाइसेज पार्क और फार्मा पार्क जैसे प्रोजेक्ट्स के जरिये प्रदेश को देश के अग्रणी औद्योगिक राज्यों में शामिल करने की दिशा में लगातार प्रयास हो रहे हैं. इसी कड़ी में यूपीसीडा की यह बैठक औद्योगिक क्षेत्र को मजबूती देने की दिशा में अहम साबित होगी.
About The Author
Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें |
Advertising Space
Recent Comments