UPI: भारत का यूपीआई मचा रहा धूम, अब कई अफ्रीकी देशों में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस को पहुंचाने की कोशिशें।
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UPI: यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस यानी देश के यूपीआई सिस्टम को कई देशों तक ले जाने की तैयारी है और इसी कड़ी में अफ्रीकी देश भी जल्द शामिल हो सकते हैं. जानें किस लेवल की बातचीत हो रही है।
UPI: भारत के यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) की धूम विदेश तक पहुंची हुई है , अब इसे लेकर एक अन्य बड़ी खबर आई है कि भारत की कई अफ्रीकी देशों के साथ वहां भी यूपीआई के कमर्शियल यूज के लिए कमर्शियल साझेदारी करने के लिए चर्चा चल रही है , भारत अपने यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) को डेवलप करने और पेमेंट प्लेटफार्म के बीच कमर्शियल पार्टनरशिप के लिए नामीबिया, मोज़ाम्बिक और केन्या सहित कई अफ्रीकी देशों के साथ बातचीत कर रहा है , भारत का ये कदम वैश्विक फोरम पर विकासशील देशों की आवाज बनने की दिशा में उठाए जा रही कोशिश के तौर पर देखा जा सकता है।
NPCI के इंटरनेशनल सीईओ ने दी जानकारी
लाइवमिंट की खबर के मुताबिक नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के इंटरनेशनल सीईओ रितेश शुक्ला ने इस बात की जानकारी दी और कहा कि अगले 12 से 18 महीनों के दौरान यूपीआई जिन देशों में लाइव होगा-उनकी संख्या दोगुनी हो जाएगी , ध्यान रहे कि रितेश शुक्ला ने ही UPI को डेवलप किया है ,उन्होंने कहा कि ” यूपीआई के आने से पहले भारत जिन समस्याओं का सामना कर रहा था-वैसी ही दिक्कतें इस समय कई देश झेल रहे हैं , फिनटेक इनक्यूबेशन, पारदर्शिता और कई ऐसी बातें हैं जिनसे कुछ देश जूझ रहे हैं तो भारत उनके साथ साझेदारी के लिए चर्चा कर रहा है और उनकी मदद करने के प्रयास कर रहा है , इससे वो अपने खुद के यूपीआई के संस्करण को इस्तेमाल कर पाएंगे।
रितेश शुक्ला ने ये भी बताया कि “करीब 3 करोड़ भारतीय ऐसे हैं जो भारत से बाहर रहते हैं और वो करीब 10 करोड़ डॉलर हर साल भेजते हैं , आज के समय में ये अनुभव बहुत खंडित हो चुका है और उस स्थान पर निर्भर करता है जहां वो रहते हैं , हम ऐसी कोशिश कर रहे हैं कि कैसे इस अनुभव को एक समग्र या स्टैंडर्ड यूजर्स फ्रेंडली एक्सपीरिएंस बना सकें. ”
भारत के यूपीआई सिस्टम की पहुंच बढ़ रही
हाल के सालों में, भारत ने कई विकासशील देशों में अपने सिग्नेचर यूपीआई प्लेटफॉर्म का डिस्ट्रीब्यूशन किया है , UPI के ग्लोबल फुटप्रिंट्स को बढ़ावा देने के लिए भारत दो स्ट्रेटेजी का पालन करता है , पहला है साझेदार देशों के लिए प्लेटफॉर्म और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को बनाने में मदद करना, दूसरा- भारतीय ट्रैवलर्स और माइग्रेंट्स (प्रवासियों) के जीवन को आसान बनाने के लिए विदेशी देशों में मौजूदा प्लेटफार्मों के साथ कमर्शियल पार्टनरशिप और लिंकेज पर हस्ताक्षर करना है।
भारत के कई पड़ोसी देशों ने यूपीआई सिस्टम को अपनाया है, जहां नेपाल और भूटान इस प्लेटफॉर्म को इस्तेमाल कर रहे हैं वहीं श्रीलंका में आने वाले महीनों में यूपीआई चालू होने की उम्मीद है , इस साल भारत और सिंगापुर ने रेमिटेंस के प्रवाह को आसान बनाने के लिए अपने-अपने पेमेंट सिस्टम को लिंक भी कर लिया है ,
जर्मनी के मंत्री हुए भारत के (UPI) से प्रभावित
हाल ही में जर्मनी के डिजिटल और परिवहन मंत्री वोल्कर विसिंग भारत आए हुए थे , यहां उन्होने एक सब्जी विक्रेता को भुगतान करने के लिए यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) का उपयोग किया और वो इसकी सुगमता व सहजता से बेहद प्रभावित हुए , एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर उनके वीडियो को काफी लोगों ने देखा और पसंद किया जिसमें विसिंग को सब्जी की दुकान पर खरीदारी करते और यूपीआई के स्कैन के जरिए आसानी से पेमेंट करते हुए देखा जा सकता है।
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