केंद्रीय मंत्री अमित शाह का महिला किसानों को गिफ्ट, इनकम बढ़ाने के लिए शुरू की यह योजना।
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श्वेत क्रांति 2.0 के तहत सरकार का मकसद अगले पांच साल में डेयरी सहकारी समितियों की तरफ से दूध की खरीद में 50 प्रतिशत का इजाफा करना है. इससे महिला किसानों की आमदनी में इजाफा होगा.
देश के डेयरी सहकारी क्षेत्र को बदलने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने ‘श्वेत क्रांति 2.0’ की शुरुआत की. इसे महिला किसानों को सशक्त बनाने और रोजगार के मौके पैदा करने के मकसद से बड़ी पहल माना जा रहा है. चार प्रमुख क्षेत्रों महिला किसानों को सशक्त बनाना, दूध उत्पादन को बढ़ाना, डेयरी बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और डेयरी निर्यात को बढ़ावा देने पर फोकस किया गया. यह कार्यक्रम मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिन में शुरू की गई तीन पहल में से एक है.
देशभर में रुपे किसान क्रेडिट कार्ड की शुरुआत
शाह ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘डेयरी सेक्टर में अधिकतर महिलाएं लगी हुई हैं, जिनमें से कुछ अकेले गुजरात में 60,000 करोड़ रुपये का कारोबार कर रही हैं. यह नई पहल महिलाओं को सशक्त बनाने और कुपोषण के खिलाफ लड़ाई को और मजबूत करने पर केंद्रित होगी.’ मंत्री ने डेयरी किसानों के लिए देशभर में रुपे किसान क्रेडिट कार्ड की शुरुआत और डेयरी सहकारी समितियों में सूक्ष्म-एटीएम की स्थापना की भी शुरुआत की. इसके अलावा उन्होंने 67,930 पीएसीएस के कंप्यूटरीकरण के लिए एसओपी जारी कीं.
दूध की खरीद में 50 प्रतिशत की वृद्धि करना लक्ष्य
श्वेत क्रांति 2.0 के तहत, सरकार का टारगेट अगले पांच साल में डेयरी सहकारी समितियों की तरफ से दूध की खरीद में 50 प्रतिशत की वृद्धि करना है. इस योजना में 1,00,000 नई और मौजूदा जिला सहकारी समितियों, बहुउद्देश्यीय जिला सहकारी समितियों और बहुउद्देश्यीय पीएसीएस की स्थापना और सुदृढ़ीकरण शामिल है, जिन्हें आवश्यक बुनियादी ढांचे के साथ दूध मार्गों से जोड़ा जाएगा. शुरुआत में, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) स्वयं के संसाधनों से इस पहल को वित्तपोषित करेगा, जो 1,000 एम-पैक्स को 40,000 रुपये प्रति एम-पैक्स प्रदान करेगा.
सरकार के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता वाला क्षेत्र
शाह ने कार्यक्रम के लिए पूर्ण बजटीय समर्थन का आश्वासन देते हुए कहा, ‘कई लोगों को इस बात की आशंका है कि श्वेत क्रांति 2.0 को पर्याप्त बजटीय समर्थन मिलेगा या नहीं. मैं इसके लिए पूर्ण बजटीय समर्थन का भरोसा दिलाता हूं, क्योंकि यह सरकार के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता वाला क्षेत्र है.’ मंत्री ने ‘सहकारी समितियों के बीच सहयोग’ पहल के राष्ट्रव्यापी विस्तार की भी घोषणा की, जिसे गुजरात में सफलतापूर्वक चलाया गया था. इस कार्यक्रम के तहत डेयरी किसानों को रुपे-किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ब्याज मुक्त नकद ऋण प्रदान किया जाएगा और डेयरी सहकारी समितियों को सूक्ष्म-एटीएम दिए जाएंगे, जिससे किसानों के दरवाजे तक बैंकिंग सेवाएं पहुंचेंगी.
सहकारी क्षेत्र में सुधारों की जरूरत बताते हुए शाह ने कहा, ‘पिछले 70 वर्षों में देश में विभिन्न क्षेत्रों में सुधार हुए, लेकिन सहकारी क्षेत्र में समय पर सुधार नहीं किए गए. एक अलग सहकारिता मंत्रालय की स्थापना के पीछे उद्देश्य सहकारी क्षेत्र को पुनर्जीवित और आधुनिक बनाना तथा रोजगार के अवसर पैदा करना था.’ इन पहल के साथ सरकार का लक्ष्य सहकारी क्षेत्र को मजबूत और विस्तारित करना है, जिससे देशभर में लगभग 13 करोड़ किसानों को लाभ मिल सकता है.
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