केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 14 बदलावों के साथ संशोधित वक्फ बोर्ड विधेयक को मंजूरी दी!
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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वक्फ बोर्ड विधेयक में संसदीय समिति द्वारा सुझाए गए 14 बदलावों को मंजूरी दे दी है।
पिछले कुछ दिनों से वक्फ बोर्ड विधेयक पर चर्चा चल रही है। यह विधेयक बजट सत्र के पहले चरण में संसद में पेश किया गया था। हालाँकि, बाद में इसे संसदीय समिति को भेज दिया गया। समिति द्वारा की गई सिफारिशों में से 44 को अस्वीकार कर दिया गया, जबकि 14 पर विचार किया गया। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अब इन 14 बदलावों के साथ वक्फ बोर्ड विधेयक के संशोधित मसौदे को मंजूरी दे दी है। कहा जा रहा है कि अब इस विधेयक को बजट सत्र के दूसरे चरण में मंजूरी के लिए संसद में पेश किया जाएगा।
संयुक्त संसदीय समिति में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के सदस्यों ने कुल 14 सिफारिशें कीं, जबकि विपक्षी भारत गठबंधन के सदस्यों ने विधेयक में 44 बदलावों का सुझाव दिया। हालाँकि, वक्फ बोर्ड विधेयक में विपक्ष द्वारा सुझाई गई सभी 44 सिफारिशों को खारिज कर दिया गया है। जबकि सत्तारूढ़ एनडीए के सदस्यों द्वारा सुझाई गई 14 सिफारिशों को मंजूरी दे दी गई है। इन सिफारिशों को संयुक्त संसदीय समिति ने 27 जनवरी, 2025 को मंजूरी दी। इसे अब केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल गई है।
सत्र का दूसरा चरण 10 मार्च से
बजट सत्र का दूसरा चरण 10 मार्च से शुरू हो रहा है। इस अवधि के दौरान विधेयक का संशोधित मसौदा अनुमोदन के लिए संसद में प्रस्तुत किया जाएगा। इसमें शामिल 14 संशोधनों में तीन महत्वपूर्ण संशोधन माने जा रहे हैं, जिनमें वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को वेबसाइट पर दर्ज करने के लिए छह महीने की सीमा में छूट, संपत्ति वक्फ बोर्ड की है या सरकार की, यह तय करने का अधिकार जिला कलेक्टर से सरकार द्वारा नियुक्त अधिकारी को हस्तांतरित करना तथा वक्फ न्यायाधिकरण में मुस्लिम कानूनों और सिद्धांतों के ज्ञान वाले व्यक्ति की नियुक्ति शामिल है।
भाजपा को विधेयक पारित होने का भरोसा
इस बीच, भारतीय जनता पार्टी को विश्वास है कि संसद में सत्तारूढ़ पार्टी की ताकत और वोटों की संख्या को देखते हुए विधेयक पारित हो जाएगा। लोकसभा में भाजपा के 240 सांसद हैं। इन 240 वोटों के साथ, तेलुगु देशम पार्टी के 16 सांसद और जेडी(यू) के 12 सांसद विधेयक के पक्ष में मतदान करेंगे। इसके अलावा एलजेपी के 5 सांसदों के वोट भी बिल के लिए अहम होंगे। इसके अलावा आरएलडी (2), जनता दल सेक्युलर (2) और अपना दल (1) भी बिल के पक्ष में वोट करेंगे।
विपक्ष ने समिति के काम की आलोचना की
इस बीच, वक्फ बोर्ड विधेयक का अध्ययन कर रही संसदीय समिति के काम की विपक्षी दलों द्वारा आलोचना की जा रही है। विपक्ष ने आरोप लगाया है कि कार्यवाही के दौरान निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया तथा प्रशासन तानाशाही तरीके से चलाया गया। वहीं, सत्तारूढ़ भाजपा और समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने इन आरोपों से इनकार किया है।
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