विधानसभा चुनाव में संघ सक्रिय; निर्णय लेने की प्रक्रिया में फड़णवीस भारी हैं
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लोकसभा चुनाव में जानबूझकर बीजेपी के साथ सहयोग करने से दूर रहने वाला राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ महाराष्ट्र और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए पूरी तरह से सक्रिय हो गया है.
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में जानबूझकर बीजेपी के साथ सहयोग करने से दूर रहने वाला राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ महाराष्ट्र और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए पूरी तरह से सक्रिय हो गया है. टीम से जुड़े सूत्रों ने दावा किया कि महाराष्ट्र की जिम्मेदारी टीम के एक बेहद वरिष्ठ नेता को दी गई है. इन घटनाक्रमों से उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस का महत्व बढ़ने की संभावना है। इस मौके पर इन दोनों राज्यों में बीजेपी की निर्णय प्रक्रिया में संघ का दबदबा देखने को मिला है.
लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी अध्यक्ष जे. पी। नड्डा, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, अरुण कुमार, बीजेपी संगठन महासचिव बी. एल विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर संतोष ने दिल्ली में बैठक की. इसके बाद कहा जा रहा है कि टीम की ओर से बड़े कदम उठाने शुरू हो गए हैं. संघ के वरिष्ठ नेताओं ने उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस से भी महाराष्ट्र को लेकर चर्चा की. इसके बाद प्रदेश बीजेपी ने ऐलान किया कि विधानसभा चुनाव की सारी शक्तियां देवेंद्र फड़णवीस को दी जा रही हैं.
क्युँकि बीजेपी ने राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव को चुनाव प्रभारी नियुक्त किया है, ऐसे में चर्चा थी कि राज्य बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं को निर्णय लेने की प्रक्रिया में दोयम दर्जे की भूमिका निभानी पड़ सकती है. हालांकि, सूत्रों का कहना है कि राज्य की निर्णय लेने की प्रक्रिया में संघ के ‘हस्तक्षेप’ के कारण दिल्ली से बीजेपी नेताओं द्वारा लिए जाने वाले एकतरफा फैसलों के बजाय राज्य के बीजेपी नेताओं की बात भी प्राथमिकता से सुनी जा सकती है. इसके अलावा, विदर्भ के दोनों दिग्गज नेताओं के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए भी टीम की ओर से प्रयास किए जाने की बात कही जा रही है।
बीजेपी हर चुनाव में औपचारिक तौर पर संघ से मदद मांगती है. संघ और भाजपा के बीच समन्वय बैठक के बाद संघ परिवार के संगठन और कार्यकर्ता चुनाव को लेकर संगठनात्मक कार्य में सक्रिय हो गये हैं. इस बार के लोकसभा चुनाव में एक भी समन्वय बैठक नहीं हुई. इसलिए चर्चा हो रही थी कि महाराष्ट्र जैसे महत्वपूर्ण राज्य में भी संघ अलग-थलग पड़ा हुआ है.
लोकसभा चुनाव में भाजपा को अपेक्षित सफलता नहीं मिलने के कारण संघ सावधानी बरत रहा है ताकि विधानसभा चुनाव में उसकी पुनरावृत्ति न हो। इसलिए बीजेपी के संगठनात्मक फैसलों में संघ बड़ी भूमिका निभा सकता है. बीजेपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर संघ ने पिछले हफ्ते दिल्ली में बीजेपी नेताओं से चर्चा की. माना जाता है कि अमित शाह से अनबन के बाद भी राम माधव को जम्मू-कश्मीर की जिम्मेदारी इसलिए दी गई क्योंकि बीजेपी को संघ के निर्देशों को लागू करना था.
राम माधव का महत्व बरकरार है
कहा जा रहा है कि महाराष्ट्र के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव की कमान भी संघ ने अपने हाथ में ले ली है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ सामंजस्य बिठाने में नाकाम रहे राम माधव को बीजेपी को दोबारा जम्मू-कश्मीर का चुनाव प्रभारी नियुक्त करने के लिए मजबूर होना पड़ा है. माना जा रहा है कि राम माधव की नियुक्ति बीजेपी को संघ के जनादेश का संकेत है.
वॉर रूम की जिम्मेदारियां
संघ आगामी विधानसभा चुनाव के लिए कमर कस रहा है और राज्य में बीजेपी के ‘वॉर-रूम’ की जिम्मेदारी परोक्ष रूप से संघ के वरिष्ठ नेता को सौंपी गई है. सूत्रों ने बताया कि चुनाव को लेकर अंतिम फैसले इसी नेता की देखरेख में लिए जा सकते हैं.
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