UG स्टूडेंट्स को अपनी डिग्री जल्दी या देर में करने का मिलेगा ऑप्शन, क्या है फॉर्मूला?
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एसओपी के मुताबिक कॉलेजों को अब 10% सीटें उन छात्रों के लिए आरक्षित करनी होंगी जो जल्दी डिग्री हासिल करना चाहते हैं.
हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स जल्द ही अंडर ग्रेजुएट स्टूडेंट्स को अपने डिग्री प्रोग्राम की मानक अवधि के बजाय अपने पढ़ाई की अवधि को कम करने या बढ़ाने का ऑप्शन दे सकेंगे. यूजीसी चैयरमेन जगदीश कुमार ने इसकी जानकारी दी है. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने इस सप्ताह एक बैठक में एचईआई के लिए क्विक डिग्री प्रोग्राम (एडीपी) और विस्तारित डिग्री कार्यक्रम (ईडीपी) की पेशकश के लिए एसओपी को मंजूरी दे दी है. मसौदा मानदंडों को अब स्टेक होलडर्स से प्रतिक्रिया के लिए सार्वजनिक डोमेन में रखा जाएगा.
जबकि डिग्रियों में एक स्व-निहित नोट का उल्लेख होगा कि एक मानक अवधि में जरूरी एकेडमिक जरूरतों को छोटी या विस्तारित अवधि में पूरा किया गया है, उन्हें शैक्षणिक और भर्ती उद्देश्यों के लिए मानक अवधि की डिग्री के बराबर माना जाएगा.
“छात्र अपनी सीखने की क्षमताओं के आधार पर अपने पढ़ाई की अवधि को कम करने या बढ़ाने के लिए इस ऑप्शन का उपयोग कर सकते हैं. एडीपी स्टूडेंट्स को प्रति सेमेस्टर एक्स्ट्रा क्रेडिट अर्न करके कम समय में तीन साल या चार साल की डिग्री पूरी करने की अनुमति देता है, जबकि प्रति सेमेस्टर कम क्रेडिट ईडीपी एक एक्स्टेंडेड समय सीमा को सक्षम बनाता है.”
“एडीपी और ईडीपी के तहत, छात्र मानक-अवधि प्रोग्राम के समान कुल क्रेडिट अर्न करते हैं. उच्च शिक्षा संस्थान इन प्रोग्राम के लिए छात्रों की पात्रता का मूल्यांकन करने के लिए समितियां स्थापित करेंगे. ये डिग्री सभी रोजगार और शैक्षणिक के लिए मानक अवधि की डिग्री के बराबर होंगी.”
एसओपी के मुताबिक कॉलेजों को अब 10% सीटें उन छात्रों के लिए आरक्षित करनी होंगी जो जल्दी डिग्री हासिल करना चाहते हैं. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने एक नया नियम बनाया है जिसके तहत कॉलेज 10% सीटें उन छात्रों के लिए आरक्षित कर सकते हैं जो कम समय में अपनी डिग्री पूरी करना चाहते हैं. इसके लिए छात्रों को पहले या दूसरे सेमेस्टर के आखिर में आवेदन करना होगा.
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