नमस्कार 🙏 हमारे न्यूज पोर्टल - मे आपका स्वागत हैं ,यहाँ आपको हमेशा ताजा खबरों से रूबरू कराया जाएगा , खबर ओर विज्ञापन के लिए संपर्क करे +91 8329626839 ,हमारे यूट्यूब चैनल को सबस्क्राइब करें, साथ मे हमारे फेसबुक को लाइक जरूर करें ,

Recent Comments

    test
    test
    OFFLINE LIVE

    Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

    April 19, 2025

    जुड़वाँ बहनों के परिणाम एक जैसे! जुड़वा बहनों ने NEET परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया…

    1 min read
    😊 कृपया इस न्यूज को शेयर करें😊

    रीबा और राहीन नाम की जुड़वाँ बहनों ने एमबीबीएस की परीक्षा के दौरान भी एक-दूसरे का साथ दिया। महत्वपूर्ण बात यह है कि इन जुड़वां बहनों के अंक भी एक जैसे हैं।

    सूरत, गुजरात की जुड़वां बहनों रीबा और राहिन हफ़ेजी ने एमबीबीएस की अंतिम परीक्षा में समान अंक प्राप्त किए। दोनों ने 66.8% अंक प्राप्त किये। गुलशाद बानो की बेटियों ने बिना कोचिंग के NEET-UG पास कर लिया। राहीन की रुचि सर्जरी में है जबकि रेबा की रुचि आंतरिक चिकित्सा में है। इन 24 वर्षीय बहनों की शिक्षा और जीवन के निर्णय हमेशा एक जैसे रहे हैं। उनकी मां गुलशाद बानो एक शिक्षिका हैं और उन्होंने अकेले ही उन दोनों का पालन-पोषण किया। बहनों को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने अपना लक्ष्य नहीं छोड़ा। वह अपने परिवार में पहला डॉक्टर बनना चाहते थे। बिना किसी प्रशिक्षण के दोनों बहनों ने NEET-UG मेडिकल प्रवेश परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन किया। रीबा को 97वाँ पर्सेंटाइल और राहीन को 97.7वाँ पर्सेंटाइल मिला।

    मेडिकल कराने का निर्णय
    राहीन कहती हैं कि उनके मामा डॉक्टर हैं और उनसे प्रेरणा लेकर ही उन्होंने मेडिकल की पढ़ाई करने का फैसला किया। बचपन में हम हमेशा साथ-साथ पढ़ते थे, इसलिए हमें लगभग एक जैसे अंक मिलते थे। जीएमईआरएस में वे एक ही छात्रावास के कमरे में रहते थे और एक साथ व्याख्यान में भाग लेते थे। रीबा कहती हैं कि उन्हें जामनगर या भावनगर के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में दाखिला मिल सकता था, लेकिन वे दोनों साथ रहना चाहते थे। इसलिए उन्होंने 2019 में GMERS को चुना। रीबा आगे कहती हैं कि वे सूरत के पास भी थे। इसके अलावा, यह पहली बार था जब हम शहर के बाहर अकेले थे। बहनों का कहना है कि उन्हें अपनी मां और दादा-दादी से बहुत सहयोग मिला है, जिससे वे सफल हो सकीं।

    माँ और दादा-दादी हमेशा हमारे साथ रहते हैं।
    राहिन ने कहा कि हमने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन हमारी मां और दादा-दादी हमेशा हमारे साथ रहे हैं। हमें खुशी है कि हम उनके सपने को पूरा करने में सफल रहे। राहिन के अनुसार, सरकारी छात्रवृत्ति और अन्य वित्तीय सहायता की बदौलत उन्हें कॉलेज की शिक्षा प्राप्त करने में ज्यादा कठिनाई नहीं हुई। राहिन कहती हैं, “मैं सर्जरी, जैसे प्रसूति एवं स्त्री रोग में विशेषज्ञता हासिल करना चाहती हूं”, जबकि रेबा आंतरिक चिकित्सा में जाना चाहती हैं। लेकिन हम दोनों एक ही कॉलेज से स्नातकोत्तर की पढ़ाई करना चाहते हैं। ये बहनें सिंधी जनजातीय समुदाय की उन कुछ महिलाओं में से हैं जिन्होंने मेडिकल की डिग्री हासिल की है। वह अपने समुदाय के समर्थन के लिए भी आभारी हैं।

    About The Author


    Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें 

    Advertising Space


    स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे.

    Donate Now

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    Copyright © All rights reserved for Samachar Wani | The India News by Newsreach.
    12:21 AM