ट्रंप के टैरिफ से मची खलबली, दुबई में सोने की कीमतों में 5 दिरहम की गिरावट; वैश्विक कीमतें 3,000 डॉलर से नीचे।
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भू-राजनीतिक तनावों के बीच सोने की कीमतें आमतौर पर बढ़ती है क्योंकि सुरक्षित निवेश के रूप में मांग अधिक बढ़ जाती है, लेकिन मांग में आई गिरावट के पीछे भी कई कारण हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी को लेकर उथल-पुथल के बीच सोने की कीमतों में लगातार गिरावट जारी है. ऐसा बीते चार सालों में पहली बार हो रहा है जब लगातार तीन दिन से सोने की कीमतें घटती जा रही हैं. इसी के साथ सोने की कीमत 3,000 डॉलर से नीचे गिर गई हैं.
इतनी कम हुई दुबई में सोने की कीमत
दुबई में 24 कैरेट सोने की कीमत 5 दिरहम घटकर 359.75 AED रह गई है. जबकि 22 कैरेट सोने की कीमत 1 दिरहम बढ़कर 333.25 AED पर पहुंच गई है. इसके अलावा, 21 कैरेट सोने की कीमत में 1 दिरहम की गिरावट आई है, जो 319.50 AED दिरहम रह गई है. इसी तरह से 18 कैरेट सोने की कीमत में भी गिरावट दर्ज की गई है, जो 273.75 AED पर आ गई है. सोमवार को भी सोने की कीमतों में 2.7 परसेंट तक की गिरावट दर्ज की गई थी.
इसलिए सोना बेच रहे हैं निवेशक
व्हाइट हाउस के अधिकारियों का भले ही यह कहना है कि टैरिफ के चलते अर्थव्यवस्था को नुकसान नहीं पहुंचेगा. जबकि विशेषज्ञों का ऐसा मानना है कि इससे विकास धीमी पड़ सकती है और महंगाई बढ़ सकती है. ट्रंप ने चीन पर अतिरिक्त 50 परसेंट टैरिफ लगाने की भी धमकी दी है, अगर चीन अमेरिका पर लगाए गए 34 परसेंट जवाबी शुल्क को वापस नहीं लेता है.
टैरिफ से ग्लोबल ट्रेड वॉर और मंदी की आशंकाएं काफी बढ़ गई है इसलिए गुरुवार से व्यापारी अन्य परिसंपत्तियों के साथ-साथ सोने को भी बेच रहे हैं. आमतौर पर भू-राजनीतिक तनाव के दौरान सुरक्षित निवेश के चलते सोने की मांग बढ़ जाती है और कीमतें भी बढ़ जाती हैं. इस साल भी सोने की कीमतें 14 परसेंट तक बढ़ीं. हालांकि, अत्यधिक बाजार अव्यवस्था कभी-कभी निवेशकों को अपनी होल्डिंग्स को बेचने के लिए भी प्रेरित कर सकती है. निवेशक लाभ कमाने और संभावित रूप से घाटे को कवर करने या अन्य परिसंपत्तियों पर मार्जिन कॉल को पूरा करने के लिए सोना बेच सकते हैं.
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