ट्रम्प का अपना लक्ष्य! अमेरिकी शेयर बाजार उथल-पुथल में है।
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सोमवार को खुलते ही अमेरिकी शेयर बाजार में 5 प्रतिशत की गिरावट आई।
डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा व्यापार साझेदारों (जिन देशों के साथ व्यापार, आयात और निर्यात होता है) पर पारस्परिक आयात शुल्क लगाए जाने के बाद, दुनिया भर के कई देशों के शेयर बाजारों में भारी गिरावट आई। सोमवार को भारतीय शेयर बाजार में भी तीन हजार से ज्यादा अंकों की गिरावट आई। दूसरी ओर, इसका असर अमेरिका पर भी पड़ा है। अमेरिकी शेयर बाजार भी ध्वस्त हो गया है। सोमवार को खुलते ही अमेरिकी शेयर बाजार में 5 प्रतिशत की गिरावट आई। वॉल स्ट्रीट पर कारोबार बड़ी गिरावट के साथ शुरू हुआ।
अमेरिकी शेयर बाजार में प्रमुख स्टॉक सूचकांक गिर गए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रम्प की आयात शुल्क नीति के कारण शेयर बाजार ध्वस्त हो गया है। ट्रम्प द्वारा व्यापार साझेदार देशों पर लगाए गए आयात शुल्क के कारण अमेरिकी निवेशकों में चिंता का माहौल है। शेयर बाजार में अनिश्चितता के कारण कई व्यापारियों और निवेशकों ने शेयरों से दूर रहने का विकल्प चुना है। कई निवेशकों ने सुरक्षित विकल्प के रूप में सरकारी बांड को चुना है।
प्रमुख शेयर सूचकांकों में गिरावट
डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 1,212.98 अंक गिरकर 37,101.88 पर आ गया। यह 3.17 प्रतिशत की गिरावट है। एसएंडपी 500 सूचकांक 181.37 अंक (3.57 प्रतिशत) गिरकर 4,892.71 अंक पर आ गया। नैस्डैक कंपोजिट में भी 4 प्रतिशत (623.23 अंक) की गिरावट आई। इसलिए अमेरिकी निवेशक चिंतित हैं।
भारतीय निवेशकों में चिंता का माहौल
इस बीच, अमेरिकी बाजार में गिरावट से भारत में निवेशकों में डर का माहौल पैदा हो गया है। भारतीय शेयर बाजार में कल सवा तीन हजार अंकों की गिरावट आई। विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय शेयर बाजार आज एक बार फिर लाल झंडा लहरा सकता है। बाजार में अनिश्चितता के कारण सोने की कीमतों में भी भारी गिरावट आई है।
एशियाई शेयर बाजारों में सुधार, भारतीय निवेशक आशावादी
इस बीच, आज सुबह एशियाई शेयर बाजारों में सुधार होता दिख रहा है। जापान के निक्केई सूचकांक और दक्षिण कोरिया के कोस्पी सूचकांक में वृद्धि हुई है। जापान का निक्केई सूचकांक कल 8 प्रतिशत गिरने के बाद 5.5 प्रतिशत तक सुधर गया है। कारोबार शुरू होते ही निक्केई में 225 अंकों की उछाल देखी गई। दक्षिण कोरिया के कोस्पी सूचकांक में दो प्रतिशत की मामूली वृद्धि हुई है। न्यूजीलैंड और आस्ट्रेलियाई शेयर बाजारों में भी सुधार हुआ है। इसलिए, विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय शेयर बाजार भी अब संभल सकता है।
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