चीन को घुटनों पर लाने के लिए ट्रंप ने चली नई चाल, 3 साल के लिए लगा दिया ये टैक्स।
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अमेरिका ने चीनी जहाजों पर नया बंदरगाह शुल्क लगाने की घोषणा की है, जो 2028 तक $140 प्रति टन तक बढ़ जाएगा. इससे वैश्विक व्यापार और आपूर्ति श्रृंखला पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका है.
अमेरिका के ट्रंप प्रशासन ने चीनी जहाजों पर नए बंदरगाह टैक्स (Port Fees) लागू करने की घोषणा की, जिससे अमेरिका और चीन के बीच व्यापार तनाव एक बार फिर चरम पर पहुंच सकता है. यूएस ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव (USTR) की तरफ से जारी की गई योजना के अनुसार, यह टैक्स चीनी ऑनरशिप, संचालन या निर्माण वाले जहाजों पर लागू होगा.
इस योजना के अनुसार, 14 अक्टूबर 2025 से शुरू होकर अप्रैल 2028 तक टैक्स को चरणबद्ध रूप से बढ़ाया जाएगा. शुरुआत में यह टैक्स $50 प्रति टन होगा, जो बढ़कर $140 प्रति टन तक पहुंच जाएगा. इसके अतिरिक्त, प्रति कंटेनर टैक्स $120 से बढ़कर $250 तक हो सकता है.
चीन के विदेश मंत्रालय ने की आलोचना
SCMP के अनुसार, चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि यह कदम ग्लोबल सप्लाई चेन में बाधा, लागत में वृद्धि और अमेरिकी उपभोक्ताओं पर महंगाई का बोझ बढ़ा सकता है. उनका कहना था कि यह नीति अमेरिका में जहाज निर्माण उद्योग को पुनर्जीवित करने में सफल नहीं होगी. USTR की योजना के अनुसार हर जहाज से साल में अधिकतम पांच बार टैक्स वसूला जाएगा. टैक्स उस बंदरगाह पर लिया जाएगा, जहां जहाज पहली बार अमेरिका में प्रवेश करता है, जिससे छोटी बंदरगाहों को बायपास करने से रोका जा सके.
चीन की प्रमुख शिपिंग कंपनी
विशेषज्ञों का मानना है कि इस नीति का सबसे अधिक असर चीन की प्रमुख शिपिंग कंपनियों जैसे COSCO और OOCL पर पड़ेगा. शिपिंग कंसल्टेंसी वेस्पुची मैरीटाइम के सीईओ लार्स जेन्सेन के अनुसार, Ocean Alliance, जिसमें COSCO, OOCL, Evergreen और CMA CGM शामिल हैं. इन्हें अपने नेटवर्क में बदलाव करने की आवश्यकता पड़ सकती है.उनका अनुमान है कि कुछ बड़े चीनी कंटेनर जहाजों के लिए प्रति पोर्ट कॉल टैक्स $10 मिलियन से अधिक हो सकता है. वहीं चीनी-निर्मित जहाजों पर यह टैक्स $4 मिलियन प्रति पोर्ट कॉल तक हो सकता है.
अमेरिकी जहाज के ऑर्डर पर छूट
अमेरिका LNG की मदद से चलने वाली गाड़ियों और विदेशी निर्मित वाहन ट्रांसपोर्टर्स पर भी टैक्स लगाने की तैयारी कर रहा है. विदेशी ऑटोमोबाइल वाहकों को प्रति यूनिट $150 का टैक्स देना होगा. यह छूट अवधि समाप्त होने के बाद लागू होगी. हालांकि USTR ने कुछ मामलों में राहत भी दी है. जैसे कि छोटे जहाज (4,000 TEU से कम) और कम दूरी की यात्राओं (2,000 समुद्री मील से कम) को छूट दी गई है. इसके अलावा अगर कोई ऑपरेटर समान आकार का अमेरिकी जहाज ऑर्डर करता है तो उसे चीनी जहाज पर टैक्स से छूट मिल सकती है.
USTR की तरफ से 100 फीसदी टैरिफ का प्रस्ताव
USTR ने शिप-टू-शोर क्रेन और कार्गो हैंडलिंग उपकरण पर भी 100% तक टैरिफ का प्रस्ताव दिया है, जो चीन से आयात किए जाते हैं. यह अमेरिका के समुद्री उद्योग को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में उठाया गया कदम है. इस नई नीति के प्रभाव को लेकर वैश्विक चिंताएं बढ़ रही हैं. क्लार्कसन रिसर्च ने 2025 के लिए अपने वैश्विक जहाज निर्माण पूर्वानुमान को 30% की गिरावट के साथ संशोधित किया है. निवेशक अब अमेरिकी व्यापार नीतियों में अनिश्चितता के कारण सतर्क हो गए हैं.
WTO ने दी चेतावनी
विश्व व्यापार संगठन (WTO) ने चेतावनी दी है कि बढ़ते टैरिफ और नीति अनिश्चितता के चलते 2025 में वैश्विक वस्तु व्यापार में 0.2% की गिरावट हो सकती है, जो पहले अनुमानित 2.7% वृद्धि से काफी कम है. उत्तरी अमेरिका में निर्यात में 12.6% और आयात में 9.6% की गिरावट का अनुमान लगाया गया है.
USTR ने जारी की चौंकाने वाली रिपोर्ट
USTR ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अमेरिका की वैश्विक जहाज निर्माण में हिस्सेदारी मात्र 0.1% है, जबकि चीन अकेले ही शेष विश्व से अधिक जहाज निर्माण करता है. 2024 के आंकड़ों के अनुसार, चीन ने 70% नए जहाज निर्माण के ऑर्डर हासिल किए, जबकि दक्षिण कोरिया ने 17% और जापान ने 5%.
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