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    April 22, 2025

    ईरान के लिए आज का दिन सबसे अहम, शुक्रवार की नमाज में इजरायल न कर दे ‘खेला’ 10 प्वाइंटस में जानें सबकुछ।

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    हिजबुल्ला के महासचिव सैय्यद हसन नसरल्लाह की मौत के बाद आज शुक्रवार की नमाज में पहली बार दिखेंगे इस्लामी क्रांति के नेता अयातुल्ला सैय्यद अली खामेनेई. आज के दिन इजरायल और ईरान के लिए बहुत अहम है.आइए जानते हैं कैसे?

    ईरान द्वारा इजरायल पर मिसाइल हमला करके दुनिया को चौंका देने के तीन दिन बाद, अब ईरान के चीफ नेता अयातुल्ला सैय्यद अली खामेनेई ने घोषणा की है कि वह इस शुक्रवार को तेहरान में व्यक्तिगत रूप से साप्ताहिक सामूहिक प्रार्थना का नेतृत्व करेंगे. अयातुल्ला केवल असाधारण परिस्थितियों में ही शुक्रवार की नमाज का नेतृत्व करते हैं, पिछली बार 2020 में जनरल कासिम सुलेमानी की अमेरिकी हत्या के बाद ऐसा हुआ था. आज शुक्रवार की नमाज के ईरान का भविष्य तय करने वाली है. शुक्रवार की नमाज में मौत के डर से छिपे इस्लामी क्रांति के नेता अयातुल्ला सैय्यद अली खामेनेई ईरानी राजधानी के उत्तर में इमाम खुमैनी ग्रैंड मस्जिद (मोसाला) में नमाज अदा करने वाले हैं. ऐसे में तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. आज के दिन शुक्रवार को नसरल्लाह का अंतिम संस्कार, से लेकर इजरायल के एक्‍शन पर सभी की नजरें हैं. आइए 10 प्वाइंटस में सबकुछ जानते हैं.

    इजरायल-ईरान जंग की आज तस्वीर साफ होने वाली है. माना जा रहा है कि आज ही हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह को आज सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा. उसे ईरान में दफनाया जाएगा या इराक में, इस पर अब भी सस्पेंस है. वहीं, ईरान के सुप्रीम लीडर आज शुक्रवार की नमाज का नेतृत्व करने वाले हैं. जिसपर पूरी दुनिया की नजर है.

    शुक्रवार का दिन काफी अहम इसलिए भी है कि एक ओर जहां हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह का अंतिम संस्कार होगा, वहीं दूसरी ओर ईरान के सुप्रीम लीडर खामनेई पहली बार ईरानी हमले के बाद बोलने वाले हैं. हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की हत्या से मची खलबली के बीच उसके जनाजे को लेकर डर का माहौल है.

    ईरान द्वारा इजरायल पर मिसाइल हमला करके दुनिया को चौंका देने के तीन दिन बाद जिस तरह अयातुल्ला सैय्यद अली खामेनेई ने घोषणा की है कि वह इस शुक्रवार को तेहरान में व्यक्तिगत रूप से साप्ताहिक सामूहिक प्रार्थना का नेतृत्व करेंगे. इससे ईरान की आक्रमकता समझा जा सकता है.

    सैय्यद खामेनेई उपनगरीय तेहरान में इमाम खुमैनी मोसल्ला में शुक्रवार की नमाज का नेतृत्व करेंगे और उनके उपदेश से इजरायल के खिलाफ ईरान की भविष्य की रणनीति का रुख तय होने की उम्मीद है. अयातुल्ला केवल असाधारण परिस्थितियों में ही शुक्रवार की नमाज का नेतृत्व करते हैं, पिछली बार 2020 में जनरल कासिम सुलेमानी की अमेरिकी हत्या के बाद ऐसा हुआ था.

    ईरान में शुक्रवार की नमाज बाकी मुस्लिम दुनिया से अलग है. हर शहर में राज्य द्वारा नियुक्त एक जुमे की नमाज इमाम होता है और नमाज केवल केंद्रीय मस्जिद या किसी प्रमुख प्रार्थना स्थल पर ही होती है. लेकिन ईरान में इसके उल्टा होता है. तेहरान में हज़ारों लोग तेहरान विश्वविद्यालय के मैदान में जुमे की नमाज़ पढ़ते हैं, लेकिन इस बार ज़्यादा लोगों को शामिल करने के लिए मोसाला मैदान में नमाज़ पढ़ी जाएगी. खुमैनी अपनी बात अधिकतम लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं.

    इजरायली मीडिया रिपोर्ट की मानें तो हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्ला का अंतिम संस्कार शुक्रवार को होगा. हालांकि, उसके जनाजे को लेकर अब भी सस्पेंस के बादल मंडरा रहे हैं. सबकुछ काफी गोपनीय तरीके से हो रहा है. हसन नसल्लाह के शव पर भी अब तक सस्पेंस है.

    हिजबुल्लाह के अधिकारियों ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि इजरायली हमले और हिजबुल्लाह पर और हमलों के डर से ईरान के समर्थन वाले हिजबुल्लाह को नसरल्ला के धार्मिक और नेतृत्व के कद के अनुसार राष्ट्रव्यापी अंतिम संस्कार के आयोजन से भी रोका गया है. यानी इजरायल के डर से नसरल्लाह का अंतिम संस्कार भी काफी गोपनीय रखा गया है.

    हिजबुल्लाह और ईरान पर इजरायली अटैक का खतरा लगातार बना हुआ है. इजरायल लेबनान में लगातार बम बरसा रहा है. यही वजह है कि हिजबुल्लाह अब कोई भी कदम फूंक-फूंककर उठा रहा है. हिजबुल्लाह के एक सूत्र ने कहा, ‘इन परिस्थितियों में कोई भी अंतिम संस्कार को अधिकृत नहीं कर सकता है.’ हिजबुल्लाह के अधिकारी का कहना है कि उसे इस परिस्थिति पर काफी दुख है क्योंकि उसके अधिकारी और धार्मिक नेता इजरायल के डर से हसन नसरल्लाह को उचित सम्मान देने के लिए आगे नहीं आ सकते.

    अबू धाबी स्थित द नेशनल पर छपी एक लेख के अनुसार, इस बात को लेकर भी अटकलें जारी हैं कि आखिर हसन नसरल्लाह को कहां दफनाया जाएगा. कुछ रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि उसे लेबनान सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा तो कुछ रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि उसे इराक में दफनाया जाएगा.

    हालांकि, अभी हिजबुल्लाह या ईरान ने इसे लेकर दुनिया के सामने अपने पत्ते नहीं खोले हैं. इराकी अधिकारियों और स्थानीय मीडिया ने संकेत दिया है कि नसरल्लाह को बगदाद के दक्षिण में कर्बला में इमाम हुसैन दरगाह में दफनाया जा सकता है, क्योंकि वह शिया समुदाय के भीतर एक अहम शख्सियत था..

    आज का दिन सबसे अहम इसलिए है कि जब से हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह मारा गया है, तब से ही सुप्रीम लीडर सीक्रेट जगह पर छिपे हुए हैं. नसरल्लाह की मौत के बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से बाहर आएंगे. सबको डर है कि इजरायल कुछ खेल न कर दे. अब सवाल है कि अब तक नसरल्लाह का शव कहां है. जब हिजबुल्लाह के हेडक्वार्टर पर बमों की बरसात हुई तो नसरल्लाह के शव का क्या हुआ? हिजबुल्लाह के पास उसका शव है भी या नहीं, या फिर वह सांकेतिक तौर पर उसे सुपुर्द-ए-खाक करेगा. आज सभी सस्पेंस से पर्दा हट सकता है.

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