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    April 22, 2025

    ऊपर दौड़ेंगे बाघ-शेर, नीचे चलेगी आपकी कार…भारत के सबसे लंबे एक्सप्रेस वे पर गाड़ियों के साथ उतरेंगे हेलीकॉप्टर, हॉर्न नहीं, बजेगी शहनाई!

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    1386 किमी लंबा ये एक्सप्रेस वे देश की राजधानी नई दिल्ली को देश की आर्थिक राजधानी मुंबई से जोड़ती है. यह सड़क कई मायनों में इंजीनियरिंग का बेहतरीन नमूना है.

    सबसे लंबा एक्सप्रेस वे
    भारत में सड़कों की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है. देश के हर हिस्से को एक्सप्रेसवे, हाईवे से जोड़ा जा रहा है. कहीं पहाड़ों को चीड़ते हुए सड़कें निकल रही है तो कहीं जंगलों के बीच से गुजर रही है. आज जिस एक्सप्रेसवे की बात हम कर रहे हैं वो सिर्फ देश का ही नहीं बल्कि दुनिया का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे है. 1386 किमी लंबा ये एक्सप्रेस वे देश की राजधानी नई दिल्ली को देश की आर्थिक राजधानी मुंबई से जोड़ती है. यह सड़क कई मायनों में इंजीनियरिंग का बेहतरीन नमूना है. 24 घंटे के सफर को कम कर 12 घंटे में पूरा करवाने वाली सह एक्सप्रेसवे देश के कई राज्यों को आपस में जोड़ती है. 80 लाख टन सीमेंट, 15,000 हेक्टेयर जमीन, 1 लाख करोड़ लागत से बने इस एक्सप्रेसवे की खास बातें जानते हैं.

    देश का सबसे लंबा एक्सप्रेस, दुनिया में बजा डंका
    दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे दुनिया का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे है, जो दिल्ली से मुंबई का सफर 12 घंटे में पूरा करता है. अभी आठ लेन का बन रहा ये एक्सप्रेसवे आने वाले सालों में 12 लेन का बनाया जाएगा. सबसे खास बात यह कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे एशिया का पहला ऐसा हाईवे हैं , जिसमें जंगली जानवरों के लिए ग्रीन ओवरपास (Green Overpass) दिया गया है.

    फर्राटा भरती हैं गाड़ियां
    दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गाड़ियां फर्राटा भरेंगी. एक्सप्रेस वे के साथ इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलप किया जा रहा है. दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे की आधारशिला नौ मार्च 2019 को रखी गई थी, माना जा रहा है कि अगले साल इसका काम पूरा हो जाएगा. इसके निर्माण में 12 लाख टन स्टील लगे हैं, जो 50 हावड़ा ब्रिज के बराबर है. वहीं इसके निर्माण में 35 करोड़ क्यूबिक मीटर मिट्टी और 80 लाख टन सीमेंट लगे हैं. माना जा रहा है कि एक्सप्रेसवे का निर्माण पूरा होने के बाद गाड़ियों के फ्यूल की खपत में 32 करोड़ लीटर की कमी आ जाएगी.

    जानवरों के लिए खास इंतजाम
    यह एशिया का पहला ऐसा हाईवे हैं, जिसके निर्माण में जंगली जानवरों के लिए ग्रीन ओवरपास दी गई है. इसके लिए आठ लेन की दो सुरंग बनाई गई है, ताकि जानवर आसानी से एक तरफ से दूसरी तरफ जा सकें. पहली सुरंग राजस्थान के मुकुंदरा सेंक्चुरी के नीचे और दूसरी महाराष्ट्र के माथेरान ईको सेंसिटिव जोन में बनाई जा रही है. एक्सप्रेस वे की वजह से जानवरों को दिक्कत न हो, इसके लिए मुकंदरा और रणथंभौर से होकर गुजर रहे हिस्से को साइलेंट कॉरिडोर बनाया गया है. जहां गाड़ियों के हॉर्न के बदले म्यूजिकल इंस्टूमेंट की धुन बजेगी. क्युँकि ये एक्सप्रेसवे 5 बड़े वाइल्‍ड लाइफ सेंचुरी से होकर गुजर रही है, इसलिए जानवरों का ख्याल रखते हुए वाहनों के हॉर्न और सायरन को भी बदला गया है. हॉर्न के बजाए इस एक्सप्रेस वे पर सितार, शहनाई की धुन बजेगी

    एक्सप्रेस वे पर खास इंतजाम
    इस एक्सप्रेसवे पर पेट्रोल पंप, मॉटेल, रेस्ट एरिया, रेस्टोरेंट्स और दुकानें, एटीएम, पार्किंग, रिचार्ज स्टेशंस, डॉरमेट्री, हॉस्पिटल्स, फूड कोर्ट, फ्यूल स्टेशन समेत 94 तरह की सुविधाएं मिलेगी. इस पूरे एक्सप्रेसवे पर 30 लेन टोल प्लाजा बनाये जा रहे है. जहां गाड़ियों का वेट-टाइम 10 सेकेंड से भी कम होगा. एक्सप्रेस के दोनों तरफ 13 लाख से अधिक पेड़ लगाए जा रहे हैं.

    एक्सप्रेस वे पर उतरेंगे हेलीकॉप्टर
    दिल्‍ली-मुंबई एक्‍सप्रेसवे पर 12 हेलीपैड बनाने की तैयारी है, जिसका इस्तेमाल मेडिकल इमरजेंसी और सेना के कामकाज के लिए होगा. एनएचएआई के मुताबिक सभी 12 हेलीपैड राजस्‍थान में बनेगी.

    बनाने का खर्च
    इस एक्सप्रेस को बनाने की लागत 1 लाख करोड़ रुपये है. एक्सप्रेस वे निर्माण अंतिम दौर में पहुंच चुका है. माना जा रहा है कि अक्टूबर 2025 तक इसका काम पूरा हो जाएगा.

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