नमस्कार 🙏 हमारे न्यूज पोर्टल - मे आपका स्वागत हैं ,यहाँ आपको हमेशा ताजा खबरों से रूबरू कराया जाएगा , खबर ओर विज्ञापन के लिए संपर्क करे +91 8329626839 ,हमारे यूट्यूब चैनल को सबस्क्राइब करें, साथ मे हमारे फेसबुक को लाइक जरूर करें ,

Recent Comments

    test
    test
    OFFLINE LIVE

    Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

    April 24, 2025

    सुपरबग्स का खतरा: देश के टॉप-21 अस्पतालों में मिला डेडली बैक्टीरिया, ICMR की चौंकाने वाली रिपोर्ट!

    1 min read
    😊 कृपया इस न्यूज को शेयर करें😊

    एक नई रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के अनुसार, देश के 21 प्रमुख अस्पतालों में सुपरबग्स की खतरनाक उपस्थिति देखी गई है.

    एक नई रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के अनुसार, देश के 21 प्रमुख अस्पतालों में सुपरबग्स की खतरनाक उपस्थिति देखी गई है. इन सुपरबग्स के कारण अस्पतालों में भर्ती मरीजों के जीवन को खतरा हो सकता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा क्लासीफाइड सुपरबग्स (क्लेबसिएला न्यूमोनिया और एस्चेरिचिया कोलाई) मुख्य रूप से AIIMS दिल्ली, PGI चंडीगढ़, अपोलो अस्पताल चेन्नई और दिल्ली के गंगाराम अस्पताल सहित कई अन्य अस्पतालों में पाए गए.

    आईसीएमआर रिपोर्ट में कहा गया है कि ये सुपरबग्स मरीजों के सैंपल में पाए गए, जिनमें खून, यूरीन और अन्य तरल पदार्थ शामिल हैं, जो आउट पेशेंट विभागों (OPD), वार्डों और आईसीयू से एकत्र किए गए थे. इस खुलासे से अस्पतालों में अलार्म बज गया है और उन्हें सुपरबग्स के आगे प्रसार को रोकने के लिए दवाओं का बेहतर मैनेजमेंट और जीवाणु अपशिष्ट के निपटान के लिए सख्त प्रोटोकॉल का पालन करने की सलाह दी गई है।.

    सुपरबग्स कैंसर जितने बड़े खतरे में हो सकते हैं?
    संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) द्वारा इस साल की शुरुआत में प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया था कि 2050 तक सुपरबग्स कैंसर जितने बड़े खतरे में हो सकते हैं. रिपोर्ट में कहा गया कि ऐसे सुपरबग्स के प्रत्यक्ष आर्थिक परिणाम 2030 के अंत तक लगभग 3.4 ट्रिलियन डॉलर प्रति वर्ष होंगे. इसके अलावा, 24 मिलियन लोग चरम गरीबी में धकेले जा सकते हैं. रिपोर्ट में बताया गया कि पशु पालन और फार्मास्युटिकल कंपनियों द्वारा प्रदूषण से सुपरबग्स का उदय बढ़ गया है.

    क्या हैं सुपरबग्स?
    सुपरबग्स बैक्टीरिया, वायरस, फंगी या परजीवी के ऐसे स्ट्रेन हैं जो ज्यादातर एंटीबायोटिक दवाओं के प्रति रजिस्टेंस होते हैं, जिनमें आधुनिक दवाएं भी शामिल हैं. वे अक्सर एंटीबायोटिक दवाओं के दुरुपयोग के कारण होते हैं. कीटाणुनाशक, एंटीसेप्टिक्स और एंटीबायोटिक्स जो जर्म्स को मजबूत बनाने में मदद कर सकते हैं, हर जगह मौजूद हैं, टूथपेस्ट और शैम्पू से लेकर गाय के दूध और गंदे पानी तक.

    सुपरबग्स के दो मुख्य रूप
    वे मुख्य रूप से दो माध्यमों से एंटीमाइक्रोबियल रजिस्टेंस (AMR) बन जाते हैं. एक है पशु पालन में दवाओं का ज्यादा उपयोग जो बैक्टीरिया के स्ट्रेन को किसी भी एंटीबायोटिक के प्रभाव से बचने के लिए उत्परिवर्तित होने का अवसर प्रदान करता है. दूसरा, फार्मा कंपनियां जलमार्गों को प्रदूषित करती हैं. दवा कंपनियां मेडिकल वेस्ट का पर्याप्त उपचार नहीं करती हैं जो रजिस्टेंस सुपरबग्स बनाता है. AMR एक प्राकृतिक घटना है जैसा कि एक्सपर्ट इसे ‘जेनेटिक कैपिटलिज्म’ कहते हैं. हालांकि, दवाओं का ज्यादा उपयोग, विशेषकर एंटीबायोटिक्स ने इस प्रक्रिया को बढ़ा दिया है.

    About The Author


    Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें 

    Advertising Space


    स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे.

    Donate Now

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    Copyright © All rights reserved for Samachar Wani | The India News by Newsreach.
    7:52 PM