‘यह सुविधाजनक है…’; गृह मंत्री पद के साथ उपमुख्यमंत्री पद से संजय शिरसाट का बड़ा बयान.
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हालांकि, महागठबंधन का शपथ ग्रहण हो चुका है, लेकिन मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के नाम अभी भी गुलदस्ते में हैं. इसके अलावा सीटों के बटवारे को लेकर भी कोई फैसला नहीं लिया गया है. इसी तरह गृह मंत्री पद के साथ-साथ उपमुख्यमंत्री पद से भी संजय शिरसाट ने बड़ा बयान दिया है.
विधानसभा चुनाव में मिली प्रचंड सफलता के बाद गुरुवार 5 दिसंबर को शाम 5 बजे मुंबई के आजाद मैदान में महागठबंधन का शपथ ग्रहण समारोह होगा. इस शपथ ग्रहण समारोह के लिए भव्य प्लानिंग की जा रही है. लेकिन गुलदस्ते में अभी भी मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री का नाम है. विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक कहा जा रहा है कि देवेन्द्र फड़णवीस मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। महायुति को बहुमत मिले एक सप्ताह बीत चुका है, लेकिन सीटों के बटवारे को लेकर पैदा हुई दरार अब भी बरकरार है. शिवसेना विधायक संजय शिरसाट ने विश्वास जताया है कि सीटों के बटवारे को लेकर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है, लेकिन महागठबंधन की बैठक में तीनों नेता यानी देवेंद्र फड़णवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार सही फैसला लेंगे. इसके साथ ही शिरसाट ने उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री पद को लेकर भी बड़ा बयान दिया है.
‘यह आसान है…’
पिछले कुछ दिनों से शिवसेना नेता इस बात पर जोर दे रहे हैं कि गृह मंत्री का पद शिवसेना के पास होना चाहिए। इस संबंध में शिरसाट कई बार अपनी स्थिति स्पष्ट कर चुके हैं। यह स्वाभाविक नियम है कि यदि राज्य के मुख्यमंत्री का पद भाजपा के पास जाता है, तो गृह मंत्री का पद हमारे पास होना चाहिए। उन्होंने बयान दिया था कि हमारे पास वह सीट होने से कोई दिक्कत नहीं है. सोमवार (2 दिसंबर) को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने बीजेपी से मुख्यमंत्री का पद मांगा और हमसे गृह मंत्री का पद. शिरसाट ने कहा कि उपमुख्यमंत्री के पास गृह मंत्री का पद होता है, इसलिए हमारे लिए गृह मंत्री का पद सुविधाजनक होगा। संजय शिरसाट ने कहा कि तीनों नेताओं को सही फैसला लेना चाहिए.
संजय शिरसाट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि शिंदे सत्ता प्रतिष्ठान की तर्ज पर अपना फैसला लेना चाहते हैं जो आज या कल तक लिया जा सकता है. उन्होंने कहा कि सीटों का बटवारा एक प्रक्रिया का हिस्सा है.
दूसरी ओर, गृह मामलों को लेकर बीजेपी और शिवसेना के बीच खींचतान चल रही है. शिवसेना घर का खाता लेने पर अड़ी है, लेकिन खबर है कि बीजेपी घर का खाता छोड़ने को तैयार नहीं है. जल्द ही मुंबई में महागठबंधन के नेताओं की बैठक होगी. महायुति की बैठक में अकाउंट शेयरिंग पर चर्चा होगी. इस बैठक में सबका ध्यान इस बात पर है कि क्या सीटों के बटवारे को लेकर समस्या का समाधान निकलेगा.
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