यह वह क्रूर कर्म है जो निर्दोषों की मृत्यु पर हंसता है; तहव्वुर राणा के भारत द्वारा पकड़े जाने के बाद अमेरिका की पहली प्रतिक्रिया…
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राणा के पकड़े जाने पर अमेरिका की पहली प्रतिक्रिया क्या थी? जानिए इस वक्त की सबसे बड़ी खबरें
26/11 के मुंबई हमलों में लगभग 174 निर्दोष लोगों की जान चली गई, और एक निर्दयी हत्यारे ने इस सामूहिक मौत को देखकर हंसना पसंद किया, वह था हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा। मुंबई पर 26/11 के नृशंस हमलों की साजिश रचने वाले तहव्वुर राणा को कई प्रयासों के बाद अंततः 18 दिनों की हिरासत की सजा सुनाई गई। गुरुवार रात उन्हें पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया।
राणा भारत आये और…
राणा को हवाई अड्डे पर पहुंचने के लगभग ढाई घंटे बाद अदालत में लाया गया। इसके बाद मामले की सुनवाई शुरू हुई। इस समय एनआईए के वकीलों ने राणा की 20 दिनों की हिरासत मांगी। वकीलों ने अदालत के समक्ष राणा की हिरासत के कारण भी प्रस्तुत किये। इसके अलावा, एनआईए के वकीलों ने तर्क दिया कि चूंकि राणा एक अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी है, इसलिए कुछ सबूत और तथ्य हासिल करने के लिए उसकी हिरासत जरूरी है। अदालत ने इस दलील को स्वीकार कर लिया और राणा को 18 दिनों की हिरासत में भेज दिया। सुनवाई के दौरान अदालत के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा।
अमेरिका की पहली प्रतिक्रिया…
तहव्वुर राणा को भारत लाए जाने के बाद अमेरिका ने भी सबसे पहले प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इस लड़ाई में अपनी भूमिका स्पष्ट की थी। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि राणा को 9 अप्रैल को उसके देश से भारत को सौंप दिया गया था और भारत और अमेरिका दोनों ही आतंकवादी हमलों से निपटने के लिए तैयार और प्रतिबद्ध हैं।
संयुक्त राज्य अमेरिका की ओर से टैमी ब्रूस ने समाचार एजेंसी को यह प्रतिक्रिया देते हुए स्पष्ट किया कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने हमेशा आतंकवाद से लड़ने के लिए भारत के सभी प्रयासों का समर्थन किया है। “जैसा कि राष्ट्रपति ट्रम्प कहते हैं, संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत वैश्विक स्तर पर आतंकवाद को मिटाने के लिए हमेशा मिलकर काम करेंगे।” ब्रूस ने बताया, “वह (राणा) उनकी हिरासत में है और यह हमारे लिए बहुत गर्व और महत्व की बात है।”
इस बीच एनआईए अब राणा से लगातार पूछताछ करेगी और 26/11 हमलों से जुड़ी तमाम बातें और राज उजागर किए जाएंगे। इसके लिए एजेंसियों ने पहले से ही तैयारी कर ली है और माना जा रहा है कि इस जांच से पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा और आतंकियों के ठिकानों के साथ-साथ उनकी साजिशों का भी पर्दाफाश हो सकेगा।
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