MBA ग्रेजुएट्स में बढ़ने वाला ये ट्रेंड बन रहा चिंता का विषय, स्टडी में हुआ खुलासा।
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MBA Graduates: स्टडी से यह भी पता चला कि संगठनों द्वारा इंटर्नशिप और प्री-प्लेसमेंट ऑफर (पीपीओ) में क्रमशः औसतन 10 प्रतिशत और 26 प्रतिशत की गिरावट आई है.
एमबीए ग्रेजुएट्स के बीच नौकरी छोड़ने की दर चिंता का विषय बनी हुई है, खासकर टॉप लेवल कैंपसों के लिए एंट्री लेवल की नौकरियों में… डेलॉयट टच तोहमात्सु इंडिया एलएलपी (डेलॉयट इंडिया) के नए कैंपस वर्कफोर्स ट्रेंड 2024 की स्टडी से पता चलता है कि नौकरी छोड़ना एक बड़ी चुनौती बनी हुई है, खासकर एमबीए ग्रेजुएट्स के बीच में यह चुनौती बड़ी है.
इसमें कहा गया, कुल मिलाकर पूरे भारत में नए लोगों, टॉप लेवल के कैंपसों में एक और दो साल में कर्मचारियों के नौकरी छोड़ने की दर क्रमशः 21 प्रतिशत, 26 प्रतिशत और 28 प्रतिशत है.
डेलॉयट इंडिया के निदेशक नीलेश गुप्ता ने कहा, “इस साल के अध्ययन से संगठनों को अपनी कॉन्सेप्ट रणनीतियों पर पुनर्विचार करने की गंभीर जरूरतों का पता चलता है. खासकर एमबीए ग्रेजुएट्स के लिए, जहां नौकरी छोड़ने की दर चिंताजनक रूप से ज्यादा है. कंपटीटिव मार्केट में टॉप प्रतिभाओं को बनाए रखने के लिए इनोवेटिव व्यवहार अब ऑप्शनल नहीं रह गया है, बल्कि यह एक जरूरत बन गया है.”
उन्होंने कहा, “डिजिटल युग में सफल होने के लिए एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स को स्टूडेंट्स को बहुमुखी स्किल से लैस करने की जरूरत है.” नौकरी छोड़ने के हाई रेट के बावजूद 70 प्रतिशत ऑर्गेनाइजेशन एक्टिव रूप से एमबीए ग्रेजुएट्स की तलाश करते हैं, जो बिजनेस सक्सेस में उनके महत्व को दिखाता है.
स्टडी से यह भी पता चला कि संगठनों द्वारा इंटर्नशिप और प्री-प्लेसमेंट ऑफर (पीपीओ) में क्रमशः औसतन 10 प्रतिशत और 26 प्रतिशत की गिरावट आई है. डेलॉयट इंडिया कैंपस वर्कफोर्स ट्रेंड्स 2024 स्टडी एक व्यापक सर्वे पर बेस्ड है. इसे 190 से ज्यादा ऑर्गेनाइजेशन और 500 कैंपस के आंकड़ों के आधार पर तैयार किया गया है.
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