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    May 10, 2025

    अनिल अंबानी की इस दिवालिया कंपनी को खरीदने के लिए बेताब हैं ये अरबपति, ₹40000 करोड़ के कर्ज में डूबी इस कंपनी में ऐसा क्या है ?

    1 min read
    😊

    कर्ज में डूबी अनिल अंबानी की कंपनी की किस्मत बदलने वाली है. रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital) को नया खरीदार मिल गया है. सब ठीक रहा तो इस महीने तक डील पक्की हो जाएगी और अनिल अंबानी की कंपनी उनके हाथों से निकलकर नए मालिक के पास पहुंच जाएगी.

    कर्ज में डूबी अनिल अंबानी ( Anil Ambani) की कंपनी की किस्मत बदलने वाली है. रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital) को नया खरीदार मिल गया है. सब ठीक रहा तो इस महीने तक डील पक्की हो जाएगी और अनिल अंबानी की कंपनी उनके हाथों से निकलकर नए मालिक के पास पहुंच जाएगी. इस महीने के अंत तक रिलायंस कैपिटल को उसका नया मालिक मिल जाएगा. राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) ने सोमवार को कर्ज में डूबी इस कंपनी का अधिग्रहण करने के आईआईएचएल (IIHL) के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है. अब सबकी निगाहें 26 फरवरी पर टिकी है.

    बिक जाएगी अनिल अंबानी की कंपनी
    रिपोर्ट के मुताबिक 26 फरवरी तक हिंदुजा ग्रुप की कंपनी इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड (IIHL) के लिए रिलायंस कैपिटल के अधिग्रहण का रास्ता साफ हो जाएगा. इसके साथ ही अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कैपिटल हिंदुजा समूह (Hinduja Group) का हिस्सा है. बता दें कि इस डील को लेकर लंबे वक्त से विवाद चल रहा है. अब इस विवाद का रास्ता साफ होता दिख रहा है. बता दें कि दिवालिया हो चुकी रिलायंस कैपिटल के लिए NCLT की ओर से नीलामी की गई थी, जिसमें सबसे ज्यादा 9650 करोड़ रुपये बोली कर हिंदुजा समूह की सब्सिडियरी कंपनी IIHL ने इस कंपनी को खरीदने का अधिकार हासिल किया था.

    रास्ता नहीं था आसान
    रिलायंस कैपिटल को खरीदने का ये रास्ता इतना आसान नहीं था. IIHL को इसके लिए भारी भरकम कर्ज लेना पड़ा है. उसे कर्ज देने से बैंकों ने भी मना कर दिया. पहले बैंकों ने रिलायंस कैपिटल खरीदने के लिए हिंदुजा ग्रुप को कर्ज देने के लिए इनकार कर दिया था. ऐसे में कंपनी को कर्ज के लिए नया रास्ता निकालना पड़ा. अधिग्रहण के लिए पैसे जुटा रही हिंदुजा ग्रुप अब बॉप्ड ऑफरिंग के माध्यम से 7300 करोड़ रुपए का फंड जुटाने का प्लान बनाया.

    अनिल अंबानी की कंपनी पर 40 हजार करोड़ का कर्ज
    सबसे खास बात ये कि अनिल अंबानी की जिस कंपनी को वो खरीद रहे हैं, वो पहले से ही भारी भरकम कर्ज में डूबी है. कर्ज में डूबी इस दिवालिया कंपनी पर 40000 करोड़ रुपये की देनदारी है. रिजर्व बैंक ने नवंबर, 2021 में अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कैपिटल के निदेशक मंडल को भुगतान चूक एवं कामकाज में गड़बड़ी के आरोप में बर्खास्त कर दिया था. रिलायंस कैपिटल पर 40,000 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है. कर्ज चुकाने में विफल रही कंपनी की नीलामी कर दी गई. कंपनी को शेयर बाजार से डी-लिस्ट कर दिया गया.

    क्यों इतनी खास है अनिल अंबानी की ये कंपनी
    एक वक्त था, जब रिलायंस कैपिटल अनिल अंबानी की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली कंपनी थी. कंपनी अपने ग्राहकों को फाइनेंस से जुड़ी करीब 20 सर्विसेस देती थी, रिलायंस कैपिटल के जरिए लाइफ इंश्योरेंस, जनरल इंश्योरेंस, हेल्थ इंश्योरेंस के अलावा होम लोन, कमर्शियल लोन, इक्विटी और कमोडिटी ब्रोकिंग जैसे सेक्टर में सर्विसेस मिलरही थी. ये कंपनी शेयर बाजार की शान हुआ करती थी. साल 2008 में रिलायंस कैपिटल के शेयर 2700 रुपये पर थे, लेकिन कर्ज के बोझ से ये ऐसी दबी की अपने आखिरी ट्रेडिंग-डे पर इस शेयर की कीमत 11.90 रुपये पर पहुंच गई थी. दिवालिया हो चुकी इस कंपनी के शेयर की ट्रेडिंग रोक दी गई. अंबानी की इस कंपनी का बड़ा कारोबार रहा है , शेयर बाजार की शान रही है लेकिन गलत नीतियों की वजह से ये कंपनी कर्ज में डूब गई. अगर ये कंपनी हिंदुजा समूह के हाथों में आती है तो कंपनी को अपना फाइनेंश कारोबार बढ़ाने में मदद मिलेगी.

    110 साल पुरानी कंपनी है हिंदुजा ग्रुप
    हिंदुजा समूह की शुरुआत अविभाजित भारत में हुआ है. साल 1914 में दीपचंद हिंदुजा ने इसकी नींव रखी. साल 1919 में दीपचंद हिंदुजा ने कारोबार का विस्तार कर ईरान में पहला अंतर्राष्ट्रीय कारखाना खोला. साल 1979 में पूरा परिवार और कंपनी ईरान से चलती रही, लेकिन इस्लामिक क्रांति के बाद कंपनी ने अपना ऑफिस लंदन शिफ्ट कर लिया. उसके बाद से हिंदुजा समूह वहीं से दुनिया भर से 38 देशों में कारोबार कर रही है. दीपचंद हिंदुजा के बेटे श्रीचंद हिंदुजा, गोपीचंद, प्रकाश और अशोक हिंदुजा इस कंपनी को बढ़ा रहे हैं. हिंदुजा बैंक ऑफ स्विट्जरलैंड, हिंदुजा फाउंडेशन , हिंदुजा ऑटोमोटिव लिमिटेड जैसी कई कंपनियां है.

    क्या करती है कंपनी
    हिंदुजा समूह बैंकिंग एंड फाइनेंस, आईटी, पावर, ऑटोमोटिव, ऑयल एंड स्पेसियलटी कैमिकल्स, रियल स्टेट, हेल्थ केयर, प्रोजेक्ट डेवलपमेंट, ट्रेडिंग, साइबर सिक्युटिटी से लेकर मीडिया तक के क्षेत्र में काम कर रही हैं. कंपनी 38 देशों में फैली है. ट्रक बनाने वाली कंपनी अशोक लीलैंड्स एवं बैंकिंग कारोबार से जुड़ा इंडसइंड बैंक भी इसी समूह का हिस्सा है. फोर्ब्स की साल 2023 की सबसे अमीर भारतीयों की सूची में हिंदुजा परिवार सातवें नंबर पर है. वहीं यह परिवार ब्रिटेन का सबसे अमीर परिवार है.हिंदुजा ग्रुप की कुल संपत्ति 14 अरब डॉलर की है.

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