नमस्कार 🙏 हमारे न्यूज पोर्टल - मे आपका स्वागत हैं ,यहाँ आपको हमेशा ताजा खबरों से रूबरू कराया जाएगा , खबर ओर विज्ञापन के लिए संपर्क करे +91 8329626839 ,हमारे यूट्यूब चैनल को सबस्क्राइब करें, साथ मे हमारे फेसबुक को लाइक जरूर करें ,

Recent Comments

    test
    test
    OFFLINE LIVE

    Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

    April 21, 2025

    एक ही तो दिल है, कितनी बार जीतेंगे रतन टाटा! कंपनी ने कर दिया था टर्मिनेट, रतन टाटा ने पैसे देकर बचा ली 115 कर्मचारियों की नौकरी।

    1 min read
    😊 कृपया इस न्यूज को शेयर करें😊

    जब भी भरोसे की बात आती है, लोग आंख मूंदकर टाटा पर भरोसा कर लेते हैं. जितना भरोसा लोग इस कंपनी पर करते हैं, उतना ही रतन टाटा पर. रतन टाटा के लिए लोगों का सम्मान दिल से आता है, आए भी क्यों नहीं अपनी दरियादिली और परोपकार के लिए वो मशहूर है.

    जब भी भरोसे की बात आती है, लोग आंख मूंदकर टाटा पर भरोसा कर लेते हैं. जितना भरोसा लोग इस कंपनी पर करते हैं, उतना ही रतन टाटा पर. रतन टाटा के लिए लोगों का सम्मान दिल से आता है, आए भी क्यों नहीं अपनी दरियादिली और परोपकार के लिए वो मशहूर है. एक ओर जहां बड़ी-बड़ी कंपनियां पैसे बचाने के लिए बिना कर्मचारियों के बारे में सोचे छंटनी कर देती है तो वहीं रतन टाटा ने उन कर्मचारियों की नौकरी बचा ली, जिन्हें कंपनी ने बाहर का रास्‍ता दिखा दिया था.

    रतन टाटा ने बचा ली नौकरियां
    रतन टाटा ने भले ही अमीरों की लिस्ट में शामिल न हो, लेकिन लोगों के लिए वो दिल खोलकर पैसे खर्च करने से पीछे नहीं हटते. ऐसा ही कुछ टाटा इंस्‍टीट्यूट ऑफ सोशल सांइसेज ( TISS) के कर्मचारियों के साथ हुआ. फंड की कमी से जूझ रही टाटा इंस्‍टीट्यूट ऑफ सोशल सांइसेज ने 28 जून को 115 कर्मचारियों की छंटनी करने का ऐलान कर दिया. 55 फैकल्‍टी मेंबर्स और 60 नॉन टीचिंग स्‍टाफ की नौकरी पर संकट मंडराने लगा, लेकिन 30 जून को अचानक उनकी छंटनी रोक दी गई.

    रतन टाटा ने की मदद
    कर्मचारियों की छंटनी रोकने के लिए रतन टाटा की अगुवाई वाले टाटा एजुकेशन ट्रस्‍ट (TET) के टीआईएएएस को आर्थिक अनुदान बढ़ाने का फैसला किया है.रतन टाटा ने पैसे देकर 115 कर्मचारियों की नौकरी बचा ली. रतन टाटा की मदद के बाद उन कर्मचारियों का टर्मिनेशनल वापस लिया गया. आर्थिक दिक्कत झेल रही TISS को टाटा ट्रस्ट से फंड देने का ऐलान किया. ट्रस्ट ने TISS के प्रोजेक्‍ट, प्रोग्राम और नॉन टीचिंग स्‍टॉक की सैलरी और अन्‍य खर्चों को लेकर नया फंड जारी कर दिया. इस फंड की वजह से 115 कर्मचारियों की नौकरी बच गई.

    88 साल पुराना संस्थान आर्थिक संकट में
    टाटा समूह की टाटा इंस्‍टीट्यूट ऑफ सोशल सांइसेज ( TISS) की शुरुआत साल 1936 में की गई. सर दोराबजी टाटा ने इसका नाम टाटा ग्रेजुएट स्‍कूल ऑफ सोशल वर्क रखा था, लेकिन साल 1944 में इसका नाम बदलकर टाटा इंस्‍टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज रख दिया. इस संस्‍थान को तब बड़ी सफलता मिली जब साल 1964 में इसे डीम्‍ड यूनिवर्सिटी का दर्जा मिल गया. टाटा के इस संस्‍थान में ह्यूमन राइट्स, सोशल जस्टिस और डेवलपमेंट स्‍टडीज की पढ़ाई में बड़ी सफलता हासिल की है. लेकिन बीते कुछ सालों से ये फंड की कमी से जूझ रही है.

    About The Author


    Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें 

    Advertising Space


    स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे.

    Donate Now

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    Copyright © All rights reserved for Samachar Wani | The India News by Newsreach.
    3:28 AM