चांद पर हवा नहीं, फिर कैसे लहराएगा झंडा? चीन के वैज्ञानिकों ने सोचा गजब जुगाड़।
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चीन अपने Chang’e 7 मिशन के जरिए, चंद्रमा पर अपने देश का झंडा भेजने वाला है. यह झंडा चंद्रमा के निर्वात में भी लहराता रहे, उसके लिए वैज्ञानिकों ने खास इंतजाम किया है.
चीन के चांग’ई 7 मिशन (Chang’e 7 lunar exploration mission) पर काम तेजी से चल रहा है. इस मिशन में चंद्रमा पर वा झंडा लहराने का प्रयोग शामिल है. यह मिशन 2026 में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर भेजा जाएगा, जहां झंडे को लहराने की यह पहली कोशिश होगी. चूंकि चंद्रमा के वातावरण में हवा नहीं है, इसलिए वहां पृथ्वी की तरह झंडा सामान्य तरीके से नहीं लहर सकता. चीन के डीप स्पेस एक्सप्लोरेशन लैबोरेटरी में भविष्य की तकनीक विभाग के उपप्रमुख, झांग तियानझू ने बताया, ‘चंद्रमा पर झंडा लहराने के लिए हवा का इस्तेमाल संभव नहीं है. इसलिए, हमने एक नई तकनीक विकसित की है.’
चंद्रमा पर कैसे लहराएगा चीन का झंडा?
यह तकनीक बंद लूप तारों का इस्तेमाल करती है, जिन्हें झंडे की सतह पर व्यवस्थित किया गया है. इनमें दो-तरफा पॉजिटिव और नेगेटिव करंट प्रवाहित किया जाएगा, जिससे झंडा इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड्स की मदद से लहराएगा. अगर यह तकनीक सफल होती है, तो यह झंडा चंद्रमा की सतह पर लहराने वाला पहला झंडा होगा. झांग ने चाइना सेंट्रल टेलीविजन (CCTV) को बताया कि फरवरी 2026 तक इस तकनीक को पूरी तरह विकसित करने का लक्ष्य है.
चीन का चंद्रमा मिशन
चांग’ई 7 मिशन का मुख्य उद्देश्य चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पानी की बर्फ के निशान खोजना है. चीन चांग’ई 8 मिशन और इंटरनेशनल लूनर रिसर्च स्टेशन (ILRS) पर भी काम कर रहा है. यह रिसर्च स्टेशन चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर रूस और अन्य भागीदार देशों के साथ मिलकर बनाया जाएगा. झांग ने बताया, ‘2035 तक ILRS को स्थापित करने का हमारा लक्ष्य है.’
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