एक ही बैंक के भरोसे पूरा देश… दूर-दूर तक नहीं एक भी ATM, एक ऐसा देश जहां सिर्फ कैश में होता है लेनदेन।
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दक्षिण प्रशांत महासागर में बसे इस देश में कोई एटीएम नहीं है. और तो और बैंक भी एक ही है. यहां कैश में ही लेनदेन होता है. यह दुनिया का चौथा सबसे छोटा राष्ट्र है.
अपने देश भारत में शहरों की बात तो छोड़ दीजिए, छोटे-छोटे कस्बों से लेकर गांवों में भी बैंकों की शाखाएं मिल जाती है. यहां बैंकों में अक्सर लंबी-चौड़ी भीड़ भी लगी होती है. बैंक स्टाफ भी सुबह से लेकर शाम तक ग्राहकों को डील करने में बिजी रहते हैं. अब हम आपको दुनिया के एक ऐसे देश के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां एक सिर्फ एक ही बैंक है और तो और यहां एक भी एटीएम नहीं है. सारा लेनदेन कैश में होता है. सुनने में भले ही अविश्वसनीय लगे, लेकिन यह सच है.
नेशनल बैंक इकलौता बैंकिंग सर्विस प्रोवाइडर
हम यहां बात कर रहे हैं तुआलु की, जो एक द्वीपीय देश है. यह दक्षिण प्रशांत महासागर में ओशिनिया के पोलिनेशिया सबरीजन में बसा हुआ है. इस देश की आबादी लगभग 11-12 हजार के बीच में है. इसी के साथ यह दुनिया के सबसे कम आबादी वाले देशों में से एक है. यह देश महज 26 स्क्वॉयर किलोमीटर क्षेत्र में बसा हुआ है.
फुनाफुती इसकी राजधानी है. इस देश की सबसे बड़ी खास बात यह है कि यहां का नेशनल बैंक ही इकलौता बैंकिंग सर्विस प्रोवाइडर है. 1980 में बार्कलेज बैंक की सहायक कंपनी के रूप में स्थापित इस बैंक की शाखाएं सभी द्वीपों में है. ऑस्ट्रेलियाई डॉलर यहां की प्रमुख मुद्रा है. इसके अलावा, यहां तुवालु का अपना सिक्का भी चलता है.
इस चीज से होती है कमाई
तुवालु 5 सितंबर, 2000 को यूनाइटेड नेशंस का 189वां सदस्य बना. यह देश कॉमनवेल्थ का भी मेंबर है.ब्रिटिश उपनिवेश का हिस्सा रहे तुवालु को पहले एलिस आइलैंड्स के नाम से जाना जाता था. 1 अक्टूबर 1978 को तुवालु ब्रिटेन से आजाद हुआ और एक संवैधानिक राजतंत्र बना, जो अब तक कायम है.
किंग चार्ल्स तृतीय यहां के राष्ट्राध्यक्ष हैं. तुवालु की कमाई का एक बड़ा जरिया इसका इंटरनेट डोमेन .tv, इसे बेचकर इनकी खूब कमाई होती है. इसके अलावा, तुवालु दूसरे देशों को मछली पकड़ने का लाइसेंस बेचता है. इससे अच्छा-खासा रेवेन्यू जनरेट होता है.
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