पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल का रास्ता हुआ साफ, कैबिनेट की हरी झंडी।
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मॉनसून सत्र में संसद में इस बिल को लाया जा सकता है | केंद्र ने बीते साल नवंबर में ड्राफ्ट पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल (Personal Data Protection Bill 2022) को प्रकाशित किया था |
कैबिनेट की बैठक से बड़ी खबर आ रही है. केंद्रीय कैबिनेट (Union Cabinet) ने डेटा प्रोटेक्शन बिल (personal data protection Bill) के लिए रास्ता साफ कर दिया है | सूत्रों के हवाले से खबर है कि कैबिनेट ने इसपर अपनी सहमति दे दी है | सीएनबीसी आवाज के हवाले से मनीकंट्रोल की खबर के मुताबिक, पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल को मॉनसून सत्र में संसद में इस बिल को लाया जा सकता है |
नवंबर 2022 में हुआ था प्रकाशित |
आपको बता दें कि केंद्र ने बीते साल नवंबर में ड्राफ्ट पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल (Personal Data Protection Bill 2022) को प्रकाशित किया था | इसका इंतजार लंबे समय से था | इस बिल का संशोधित संस्करण सिर्फ पर्सनल डेटा पर फोकस्ड है | इसमें नॉन पर्सनल डेटा के इस्तेमाल को रेगुलेट करने की जरूरत ही खत्म हो गई है | इस संस्करण में कहा गया है कि डेटा फिड्यूशियरी बच्चों की ट्रैकिंग या व्यवहार संबंधी निगरानी या बच्चों के लिए निर्देशित विज्ञापन का काम नहीं करेगी , अगर इस निर्देश का पालन नहीं होता है तो 500 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है |
पहला ड्राफ्ट तैयार किए जाने के बाद आलोचना हुई
पीडीपी बिल को वापस लेने के चलते इस बिल (Personal Data Protection Bill 2022) की जरूरत पड़ी , इसकी साल 2018 में न्यायमूर्ति बीएन श्रीकृष्ण समिति द्वारा पहला ड्राफ्ट तैयार किए जाने के बाद से काफी आलोचना हुई थी | ड्राफ्ट बिल में एक डेटा फ़िडुशियरी की जरूरत होती है , यानी एक यूनिट जो यूजर्स डेटा को प्रोसेस्ड करती है, ताकि इकट्ठा किए जाने वाले डेटा पर यूजर्स को स्पष्ट और सरल भाषा में एक आइटमयुक्त नोटिस दिया जा सके , इसमें यह भी जरूरी है कि यूजर्स को अपनी जानकारी शेयर करने से सहमति देने, प्रबंधित करने और वापस लेने का अधिकार दिया जाना चाहिए |
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