कल के बजट का आ गया ‘टीजर’, इकोनॉमी की हेल्थ रिपोर्ट है ये ‘मोटी किताब’, समझिए क्यों जरूरी है इकोनॉमिक सर्वे.
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इकोनॉमिक सर्वे के जरिए सरकार देश की आर्थिक स्थिति की पूरी रिपोर्ट तैयार करती है. देश की इकोनॉमी की हालत कैसी है इसकी डिटेल शेयर करती है. अक साल के काम, रोजगार, जीडीपी के आंकड़े, नफा-नुकसान समेत पूरी जानकारी इस रिपोर्ट में होती है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल मोदी सरकार की तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करेंगी. बजट से पहले वित्त मंत्री ने आज सदन में आर्थिक सर्वे पेश किया. बजट से पहले इकोनॉमिक सर्वे पेश करने की परंपरा सालों से चली आ रही है. इस सर्वे के जरिए वो सरकार का रिपोर्ट कार्ड पेश करती है. इस सर्वे के जरिए सरकार के पिछले एक साल के कामकाज की समीक्षा की जाती है और आगे के प्लान की तैयारी होती है. आइए समझते है कि आखिर इसे बजट से पहले ही क्यों पेश किया जाता है, इसका क्या महत्व है ?
क्या होता है इकोनॉमिक सर्वे?
इकोनॉमिक सर्वे बजट का बेस होता है. इसी आर्थिक सर्वेक्षण के आधार पर बजट की पटकथा लिखी जाती है. इसमें सरकार देश की पूरी इकोनॉमी की तस्वीर पेश करती है. सरकार का कमाई, उसके खर्चे का पूरा ब्यौरा इसमें होता है. सरकार पिछले वित्तीय वर्ष की समीक्षा के आधार पर इस सर्वे को तैयार करती है. इकोनॉमिक सर्वे रिपोर्ट के आधार पर देश की आर्थिक सेहत का पता चलता है. सरकार की ओर से सालभर के डेवलपमेंट ट्रेंड, किस सेक्टर पर कितना खर्च, कितनी कमाई आदि सबकी जानकारी दी जाती है.
क्यों किया जाता है इकोनॉमिक सर्वे?
इकोनॉमिक सर्वे के जरिए सरकार देश की आर्थिक स्थिति की पूरी रिपोर्ट तैयार करती है. देश की इकोनॉमी की हालत कैसी है इसकी डिटेल शेयर करती है. अक साल के काम, रोजगार, जीडीपी के आंकड़े, नफा-नुकसान समेत पूरी जानकारी इस रिपोर्ट में होती है. इससे देश की अर्थव्यवस्था को सही से समझने का मौका मिलता है. इसमें सरकार देश में मंहगाई, बेरोजगारी समेत तमाम आंकड़ों को शामिल करती है, जो देश की इकोनॉमी की तस्वीर को साफ करती है.
कौन तैयार करता है इकोनॉमिक सर्वे
इसे वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के इकोनॉमिक्स डिवीजन तैयार करता है. सर्वे को देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार तैयार करते हैं. इस सर्वे में को देश के आर्थिक विकास का लेखा जोखा के तौर पर देखा जाता है. इस रिपोर्ट से पता चलता है कि देश को कहां फायदा हुआ और कहां नुकसान हुआ. इस रिपोर्ट से अंदाजा लगाया जाता है कि आने वाले समय में अर्थव्यवस्था किस दिशा में बढ़ेगी.आर्थिक सर्वे या इकोनॉमिक सर्वे देश की अर्थव्यवस्था की सही तस्वीर को दिखाता है. इससे आम लोगों को सरकार की आगे की नीति उसके विकास कामों की चर्चा होती है. आर्थिक सर्वे में अलग-अलग सेक्टर्स के प्रदर्शन को दिखाया जाता है.
आपके लिए आर्थिक सर्वें क्यों जरूरी ?
अधिकांश लोग समझते हैं कि आर्थिक सर्वे में उनके काम के लिए कुछ नहीं है, लेकिन ऐसा सोचना गलत है. आर्थिक सर्वे की मदद से देश की अर्थव्यवस्था को समझने में मदद मिलेगी. देश में महंगाई, बेरोजगारी, रोजगार, विकास, निवेश, बचत, सरकारी खजाने , खर्च आदि की स्थिति इसी सर्वे से पता चलती है. इस सर्वे की मदद से आपको सरकार की नीतियों की जानकारी मिलती है. आप इस रिपोर्ट से जान सकते हैं कि सरकार कौन-सी नीति लागू कर रही है और उसका क्या प्रभाव पड़ता है. इस रिपोर्ट की मदद से आर्थिक-सामाजिक समस्याओं को सुलझाने में मदद मिलती है. अगर आप निवेशक है तो आपको इस सर्वे की मदद से निवेश के बेहतर क्षेत्र को समझने का मौका मिलता है.
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