यूपी के इस जिले में बनेगा प्रदेश का पहला इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर, मिली मंजूरी।
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यह क्लस्टर उत्तर प्रदेश के विकास की नई तस्वीर पेश करेगा और प्रदेश को डिजिटल इंडिया अभियान में मजबूती से आगे ले जाने का काम करेगा
उत्तर प्रदेश की औद्योगिक तरक्की को नई उड़ान मिलने जा रही है. ग्रेटर नोएडा के यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) क्षेत्र में राज्य का पहला इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (ईएमसी) बनने जा रहा है. केंद्र सरकार ने इस क्लस्टर के निर्माण को मंजूरी दे दी है. इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के तहत देश की जानी-मानी कंपनी हैवेल्स इंडिया लिमिटेड करीब 800 करोड़ रुपये का निवेश करेगी.
प्रमुख सचिव, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आलोक कुमार ने बताया कि राज्य सरकार उत्तर प्रदेश को इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग का हब बनाने के लिए लगातार काम कर रही है. इसी के तहत केंद्र को प्रस्ताव भेजा गया था, जिसे अब मंजूरी मिल गई है. इस क्लस्टर का निर्माण यीडा सेक्टर-10 में किया जाएगा.
तीन साल में पूरा होगा निर्माण, एक जुलाई से शुरू होगा काम
क्लस्टर का काम 1 जुलाई 2025 से शुरू किया जाएगा और इसे तीन वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य है. 539 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस क्लस्टर के लिए केंद्र सरकार 144.48 करोड़ और यीडा 393.90 करोड़ रुपये खर्च करेगा.
यह क्लस्टर सिर्फ उद्योग ही नहीं, बल्कि लोगों को रोज़गार और प्रशिक्षण भी देगा. यहां मोबाइल फोन, कंप्यूटर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स सामान बनाए जाएंगे. इसके अलावा ऑटोमोटिव, टेलीकॉम, मेडिकल और हार्डवेयर सेक्टर की तकनीक भी यहां विकसित की जाएगी.
यहां कारखानों के अलावा मीटिंग हॉल, छात्रावास, कौशल प्रशिक्षण केंद्र और बिजनेस सेंटर भी बनाए जाएंगे ताकि यहां काम करने वालों को रहने और काम सीखने की पूरी सुविधा मिल सके. क्लस्टर में 176 तैयार फैक्ट्री यूनिट भी बनाई जाएंगी, जिससे उद्योग तुरंत शुरू किया जा सकेगा. साथ ही कन्वेंशन सेंटर का भी निर्माण होगा.
ईएमसी योजना केंद्र सरकार की एक प्रमुख योजना है, जिसका मकसद भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र को बढ़ावा देना है. केंद्र सरकार “मेक इन इंडिया” के तहत देश को इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण में आत्मनिर्भर बनाना चाहती है. यूपी में यह क्लस्टर बनने से राज्य के युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी.
नौकरी और निवेश दोनों का केंद्र बनेगा यूपी
इस प्रोजेक्ट से न सिर्फ स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा, बल्कि देश-विदेश के निवेशकों का ध्यान भी उत्तर प्रदेश की ओर बढ़ेगा. ग्रेटर नोएडा पहले से ही देश का एक बड़ा औद्योगिक हब है, और अब यह इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग का भी प्रमुख केंद्र बनने की ओर अग्रसर है.
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