लाहौर में भगत सिंह के नाम पर नहीं रखा जाएगा चौक का नाम, कोर्ट में दिया गया अजीब तर्क।
1 min read
|








लाहौर के शादमान चौक का नाम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भगत सिंह के नाम पर रखने की योजना पाकिस्तान ने खत्म कर दी है. इसके पीछे पाकिस्तान के कोर्ट में अजीब तर्क दिए गए हैं.
लाहौर के शादमान चौक का नाम बदलकर शहीद भगत सिंह के नाम पर रखने की योजना अब पाकिस्तान सरकार ने खत्म कर दी है. ना ही अब चौक पर भगत सिंह की प्रतिमा स्थापित की जाएगी. इस योजना को लाहौर उच्च न्यायालय (एलएचसी) में एक रिटायर्ड सैन्य अधिकारी की टिप्पणी के बाद खत्म कर दिया है. पंजाब प्रांत की सरकार ने कहा है कि भगत सिंह स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नहीं थे.
आज की परिभाषा में ‘आतंकवादी’ थे
पंजाब प्रांत की सरकार ने हाईकोर्ट में अपने जवाब में यहां तक कह दिया है कि भगत सिंह स्वतंत्रता सेनानी नहीं थे, बल्कि आज की परिभाषा में आतंकवादी थे. लाहौर हाईकोर्ट में असिस्टेंट एडवोकेट जनरल असगर लेघारी ने शुक्रवार को लिखित जवाब में स्वतंत्रता सेनानी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे.
याचिका का दिया जवाब
भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन पाकिस्तान के अध्यक्ष इम्तियाज रशीद कुरैशी ने लाहौर हाईकोर्ट में अवमानना की याचिका दायर की थी. जिसके जवाब में लाहौर मेट्रोपॉलिटन कॉरपोरेशन ने कहा, “शादमान चौक का नाम भगत सिंह के नाम पर रखने और वहां उनकी प्रतिमा लगाने की लाहौर शहर जिला सरकार की प्रस्तावित योजना को कमोडोर (सेवानिवृत्त) तारिक मजीद द्वारा प्रस्तुत एक टिप्पणी के आलोक में रद्द कर दिया गया है.”
भगत सिंह को बताया अपराधी
साथ ही कहा इसमें कहा गया है, ” तारिक मजीद ने अपनी टिप्पणियों में दावा किया कि भगत सिंह ‘क्रांतिकारी नहीं, बल्कि एक अपराधी थे और आज की परिभाषा में वह एक आतंकवादी थे.’ उन्होंने एक ब्रिटिश पुलिस अधिकारी की हत्या की थी और इस अपराध के लिए उन्हें उनके 2 साथियों के साथ फांसी पर लटका दिया गया.”
अपने इन तर्कों को आधार बनाते हुए मजीद ने सरकार से सिफारिश की कि शादमान चौक का नाम भगत सिंह चौक नहीं रखा जाना चाहिए और ना ही वहां उनकी प्रतिमा भी नहीं लगाई जानी चाहिए.
नास्तिक के नाम पर नहीं रखा जा सकता नाम
इस रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि भगत सिंह “मुसलमानों से शत्रुतापूर्ण भावना रखने वाले धार्मिक नेताओं से प्रभावित थे. पाकिस्तान में किसी नास्तिक के नाम पर किसी जगह का नाम रखना स्वीकार्य नहीं है और इस्लाम मानव मूर्तियों पर प्रतिबंध लगाता है. इसलिए चौक का नाम बदलना और मूर्ति लगाना गलत है.”
रिपार्ट में भगत सिंह फाउंडेशन के अधिकारियों को भी घेरे में लिया गया और उन्हें इस्लामी विचारधारा व पाकिस्तानी संस्कृति के खिलाफ काम करने वाला बताया गया है. साथ ही इस एनजीओ पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है.
कुरैशी ने बताया भगत सिंह को महान क्रांतिकारी
वहीं भगत सिंह मेमोरेयिल फाउंडेशन के अध्यक्ष कुरैशी ने भगत सिंह को निर्विवाद रूप से एक महान क्रांतिकारी, स्वतंत्रता सेनानी और शहीद बताया. साथ ही कहा है, “मैं भगत सिंह फाउंडेशन के खिलाफ गंभीर आरोप लगाने के लिए सेवानिवृत्त कमोडोर मजीद को कानूनी नोटिस भेजूंगा और भगत सिंह पर उनके रुख का विरोध करूंगा.”
बता दें कि 5 सितंबर 2018 को शादमान चौक का नाम भगत सिंह के नाम पर रखने के लिए कहा गया था, लेकिन अदालत के आदेश को अभी तक लागू नहीं किया गया है.
About The Author
Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें |
Advertising Space
Recent Comments