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    April 20, 2025

    शरीर के इस भाग की सबसे छोटी हड्डी; 1 इंच लंबाई; एक बार नुकसान हो जाने पर आपको जीवन भर इसका पछतावा रहेगा।

    1 min read
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    हमारे शरीर की सबसे छोटी हड्डी स्टेप्स है, जो कान के अंदर स्थित होती है और आकार में बहुत छोटी होती है। आपको जानकर आश्चर्य हो सकता है कि यह हड्डी 1 इंच से भी कई गुना छोटी है। यदि कान की यह हड्डी क्षतिग्रस्त हो जाए तो व्यक्ति स्थायी रूप से बहरा हो सकता है।

    मानव शरीर में कुल 206 हड्डियां होती हैं, जो अलग-अलग आकार की होती हैं। अब तक आपने सुना होगा कि हमारी जांघ की हड्डी शरीर में सबसे बड़ी होती है और इसे ‘फीमर’ कहा जाता है। इसे शरीर की सबसे बड़ी और मजबूत हड्डी माना जाता है। इसकी लंबाई लगभग 13 से 18 इंच होती है। क्या आप जानते हैं कि शरीर के किस अंग की हड्डी सबसे छोटी होती है? बहुत से लोगों को इस प्रश्न का उत्तर नहीं पता होगा। विशेषज्ञों के अनुसार, हमारे कान में स्थित स्टेप्स हड्डी शरीर की सबसे छोटी हड्डी है। इसका आकार इतना छोटा है कि आप इसे अपनी उंगली पर रख सकते हैं।

    नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (एनसीबीआई) की एक रिपोर्ट के अनुसार स्टेप्स हड्डी हमारे कान के बीच में स्थित होती है और इसे मानव शरीर की सबसे छोटी हड्डी माना जाता है। इसके आकार की बात करें तो स्टेप्स हड्डी का व्यास लगभग 1.14 मिमी यानि 0.05 इंच होता है। इस हड्डी की लंबाई लगभग 2 से 3 मिमी होती है। अगर आप इसे इंच में देखें तो यह हड्डी 0.1 इंच है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि यह जितना छोटा है, हमारे कानों के लिए उतना ही महत्वपूर्ण है। स्टेप्स हड्डी कानों के समुचित कार्य के लिए जिम्मेदार होती है और हमें ठीक से सुनने में सक्षम बनाती है। यदि कान की यह हड्डी क्षतिग्रस्त हो जाए तो व्यक्ति बहरा हो सकता है। इसीलिए यह हड्डी सुनने के लिए बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है।

    हेल्थलाइन की एक रिपोर्ट के अनुसार, हमारे मस्तिष्क तक पहुंचने से पहले, ध्वनि तरंगें कान की नली में प्रवेश करती हैं और कान के पर्दे से होकर मध्य कान की गुहा में पहुंचती हैं। इस क्षेत्र की सबसे छोटी हड्डी स्टेप्स है। मध्य कान तक पहुंचने के बाद ध्वनि तरंगें यहां की तीन हड्डियों, मैलेयस, इन्कस और स्टेप्स को कंपनित करती हैं। ये सीढ़ियाँ ध्वनि तरंगों को प्लेट आधार तक प्रेषित करती हैं। इसके बाद कंपन आंतरिक कान तक पहुंचता है, जहां इसे तंत्रिका डेटा में परिवर्तित कर दिया जाता है। यह डेटा कोक्लीयर और श्रवण तंत्रिकाओं के माध्यम से मस्तिष्क तक पहुंचता है। इससे आपकी आवाज को सुना जाने की प्रक्रिया पूरी हो जाती है। यदि कान की एक भी हड्डी क्षतिग्रस्त हो जाए तो सुनने की क्षमता प्रभावित हो सकती है।

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