देश की इकोनॉमी का असली रिपोर्ट कार्ड, GDP से लेकर महंगाई तक…बजट से पहले आने वाला इकोनॉमिक सर्वे क्यों होता है इतना खास.
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए आम बजट पेश करेंगी. बजट घोषणाओं से एक दिन पहले वित्त मंत्री संसद में इकोनॉमिक्स सर्वे यानी आर्थिक सर्वेक्षण पेश करती हैं. उसी शाम मुख्य आर्थिक सलाहकार इसी मीडिया ब्रीफिंग करते हैं.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए आम बजट पेश करेंगी. बजट घोषणाओं से एक दिन पहले वित्त मंत्री संसद में इकोनॉमिक्स सर्वे यानी आर्थिक सर्वेक्षण पेश करती हैं. उसी शाम मुख्य आर्थिक सलाहकार इसी मीडिया ब्रीफिंग करते हैं. इस साल ये जिम्मेदारी मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन के कंधों पर होगी. ये इकोनॉमिक सर्वे कई मायनों में अहम होता है. इसमें न केवल पिछले फाइनेंशियल ईयर का रिपोर्टकार्ड होता है, बल्कि इंडस्ट्री, एग्रीकल्चर, इंडस्ट्रियल प्रॉडक्शन, रोजगार, महंगाई और एक्सपोर्ट की पूरी डिटेल होती है. अगर आसान शब्दों में समझे तो इकोनॉमिक सर्वे केंद्र सरकार का परफॉर्मेंस सर्टिफिकेट होता है. ये रिपोर्ट बताता है कि सरकार की ओर से पेश किए पिछले बजट से देश की इकोनॉमी पर क्या असर रहा है? सरकार के परफॉर्नेशन के साथ-साथ देश की इकोनॉमी की भी परफॉर्मेंस रिपोर्ट बताता है.
क्या है इकोनॉमिक सर्वे
बजट से पहले देश की आर्थिक स्थिति का लेखा-जोखा जिन दस्तावेजों के जरिए रखा जाता है वो इकोनॉमिक सर्वे है. ये सर्वे बताता है कि पिछले बजट का देश की अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ा. वहीं ये भी बताता है कि पिछले बजट में देश की योजनाओं को किस तरह अमल में लाया गया. यानी ये पिछले साल के आर्थिक प्रगति का लेखा-जोखा तो है कि वहीं आने वाले फाइनेंशियल ईयर में देश की आर्थिक विकास कैसी रहेगी उसका भी हाल ये सर्वे बताती है.
कौन तैयार करता है इकोनॉमिक सर्वे
इस सर्वे को डिपार्टमेंट ऑफ इकनॉमिक अफेयर्स का इकनॉमिक्स डिवीजन चीफ इकनॉमिक एडवाइजर के द्वारा तैयार किया जाता है. ये दस्तावेज कई मायनों में अहम है. इस सर्वे में इकोनॉमी के 3 प्रमुख सेक्टर, जिसमें प्राइमरी सेक्टर यानी कृषि और उससे जुड़े व्यवसाय, सेकेंडरी सेक्टर जिसमें मैन्यूफैक्चरिंग और तीसरा सर्विस सेक्टर जिसमें आईटी एंड लॉजिस्टिक आता है उसकी स्थिति का ब्यौरा मिलता है. ये सर्वे रिपोर्ट बताता है देश का कौन सा सेक्टर किस दिशा में बढ़ रहा है और आने वाले दिनों में उस सेक्टर का कैसा हाल रहेगा.
भविष्य का अनुमान
इसमें सिर्फ पिछले साल का नफा-नुकसान नहीं बल्कि आने वाले साल में देश की इकोनॉमी का अनुमान लगाया जाता है. इस रिपोर्ट में देश की इकनॉमिक ग्रोथ को बढ़ाने के उपायों से लेकर उसकी समस्याओं और चुनौतियों की डिटेल दी जाती है. इसी सर्वे रिपोर्ट की मदद से बजट तैयार करने में मदद मिलती है.
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