जिसने वित्त मंत्री रहते बदल दी थी अंग्रेजों की परंपरा, अब उन्होंने बताया-कैसा होना चाहिए बजट.
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पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने आम बजट आने से पहले एक इंटरव्यू में बताया कि केंद्रीय बजट में महंगाई पर काबू पाने और इकोनॉमिक ग्रोथ को रफ्तार देने पर ध्यान दिया जाना चाहिए.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को आम बजट पेश करेंगी. इस बार के बजट में सैलरीड क्लास को खुश करने के लिए सरकार की तरफ से कोई बड़ा ऐलान किया जा सकता है. बजट पेश होने से पहले पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा कि इस बार के केंद्रीय बजट में महंगाई पर काबू पाने और इकोनॉमिक ग्रोथ को गति देने पर ध्यान दिया जाना चाहिए. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को लोकसभा में वित्त वर्ष 2024-25 का केंद्रीय बजट पेश करेंगी.
इकोनॉमी 8 प्रतिशत की दर से बढ़नी चाहिए
सिन्हा ने पीटीआई से बात करते हुए कहा कि देश में गरीबी उन्मूलन के लिए इकोनॉमी 8 प्रतिशत की दर से बढ़नी चाहिए. सिन्हा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वित्त मंत्री थे. उन्होंने कहा, ‘बजट में महंगाई के मुद्दों पर फोकस करने और ग्रोथ में बढ़ावा लाने के बारे में बात होनी चाहिए.’ सिन्हा ने पिछले 10 साल में 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर लाने के मोदी सरकार के दावे पर भी सवाल उठाया.
हम 82 करोड़ लोगों को मुफ्त में भोजन क्यों दे रहे?
उन्होंने कहा, ‘सवाल यह है कि अगर सिर्फ पांच करोड़ गरीब हैं तो हम 82 करोड़ लोगों को मुफ्त भोजन क्यों दे रहे हैं और यह एक बड़ा विरोधाभास है.’ उन्होंने कहा कि बजट में सरकारी खर्च को कम करने पर फोकस किया जाना चाहिए, जिससे केंद्र की बाजार उधारी कम हो जाएगी. आपको बता दें एक समय था जब आम बजट को संसद में शाम के 5 बजे पेश किया जाता था. लेकिन पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने अंग्रेजों के जमाने की इस परंपरा को बदल दिया था और इसके बाद बजट सुबह 11 बजे पेश कियाा जाने लगा.
सालों तक अंग्रेजों की परंपराओं को निभाया गया
देश को आजादी मिलने के बाद अंग्रेजों की कुछ परंपराओं को सालों तक निभाया गया. इन परंपराओं में से एक शाम के समय बजट पेश करने की भी थी. लेकिन इस परंपरा में बदलाव 2001 की एनडीए सरकार के दौरान हुआ. तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने बजट पेश करने के समय को बदलकर शाम 5 बजे से सुबह 11 बजे का कर दिया. उसके बाद बजट हर साल सुबह 11 बजे ही पेश किया जाता है. उसके बाद इस परंपरा को यूपीए के शासनकाल में भी निभाया गया.
शाम के समय क्यों पेश किया जाता था बजट?
शाम 5 बजे बजट पेश करने की परंपरा अंग्रेजों के शासनकाल से ली गई थी. इस समय बजट पेश करने का मुख्य कारण था ब्रिटेन का बजट. दरअसल, ब्रिटेन का बजट सुबह 11.00 बजे पेश किया जाता था, इसमें भारत के लिए भी बजट शामिल होता था. ऐसे में भारत में उसी समय पार्लियामेंट में बजट पास करना जरूरी था.
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