नमस्कार 🙏 हमारे न्यूज पोर्टल - मे आपका स्वागत हैं ,यहाँ आपको हमेशा ताजा खबरों से रूबरू कराया जाएगा , खबर ओर विज्ञापन के लिए संपर्क करे +91 8329626839 ,हमारे यूट्यूब चैनल को सबस्क्राइब करें, साथ मे हमारे फेसबुक को लाइक जरूर करें ,

Recent Comments

    test
    test
    OFFLINE LIVE

    Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

    May 11, 2025

    जिस बाजार में था कभी चीन का दबदबा, अब उसका किंग बनने जा रहा भारत।

    1 min read
    😊

    चीन और भारत के बीच की प्रतिस्पर्धा किसी से छिपी नहीं है. चीन अपने दबदबे को कायम रखने के लिए जी-जान लगा देता है, लेकिन कोरोना के बाद से उसकी अर्थव्यवस्था हिली हुई है. चीन की अर्थव्यवस्था की बिगड़ती चाल के कारण एक और सेक्टर में वो भारत से पिछड़ता जा रहा है.

    चीन और भारत के बीच की प्रतिस्पर्धा किसी से छिपी नहीं है. चीन अपने दबदबे को कायम रखने के लिए जी-जान लगा देता है, लेकिन कोरोना के बाद से उसकी अर्थव्यवस्था हिली हुई है. चीन की अर्थव्यवस्था की बिगड़ती चाल के कारण एक और सेक्टर में वो भारत से पिछड़ता जा रहा है. इस सेक्टर में कभी चीन बाहुबली हुआ करता था, लेकिन बीते कुछ सालों से भारत तेजी से उभर रहा है. हम बात कर रहे हैं टॉय मार्केट की. भारतीय खिलौनों की दुनियाभर में धूम मच रही है. भारतीय खिलौने का निर्यात बढ़ा है तो वहीं चीन से होने वाले आयात में 70 फीसदी तक की कमी आई है.

    भारत का बढ़ रहा दबदबा
    टॉय मार्केट में भारत के बढ़ते कदम का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि फाइनेंशियल ईयर 2015 से 2023 के बीच भारतीय खिलौनों के निर्यात में 239 फीसदी तेजी आई है. वहीं खिलौनों के आयात में 52 फीसदी गिरावट आई है, चीन से खिलौने का आयात 72 फीसदी तक गिर चुका है. भारत के बढ़ते खिलौना कारोबार के चलते देश एक बड़ा एक्सपोर्टर बनकर उभर रहा है. वहीं चीन का खिलौना के कारोबार में दबदबा कम होता जा रहा है. मार्केट रिसर्च फर्म IMARC के मुताबिक वर्तमान में भारत का खिलौना बिजनेस 1.7 अरब डॉलर का है, जो साल 2032 तक 4.4 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है. भारत खिलौने के दुनिया का पावरहाउस बनता जा रहा है.

    भारत में बने खिलौनों की बढ़ी डिमांड
    बिजनस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में खिलौने को बेचने के लिए बीआईएस अप्रूवल अनिवार्य है. वहीं चीन के खिलौने बीआईएस मार्क नहीं होते हैं. खिलौनों की क्वालिटी को देखते हुए Hasbro, Mattel, Spin Master और Early Learning Centre भारत से खिलौने खरीद रहे हैं. वहीं Dream Plast, Microplast और Incas , जो पहले चीन से खिलौने खरीदते थे, अब उनका फोकस भारच पर शिफ्ट हो रहा है. बीआईएस की अनिवार्यता से पहले भारत में 80 फीसदी खिलौने चाइनीज होते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है.

    कैसे भारत बना खिलौने की दुनिया का किंग
    भारत ने नीतियों में बदलाव करते हुए खिलौना उद्योगों को बढ़ावा दिया. देसी खिलौनों को बढ़ावा दिया गया, खिलौने के ऐयात पर बेसिक कस्टम्स ड्यूटी को बढ़ाकर 70 फीसदी कर दिया गया, जिसका लाभ देशी टॉय मेकर्स को मिला. सरकार की ओर से माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज को सपोर्ट करने के लिए कई कदम उठाए गए. देस में 6 हजार से ज्यादा खिलौने बनाने वाली फैक्ट्रियां है, जिनमें से 1500 के पास बीआईएस लाइसेंस है.

    कितना बड़ा है खिलौने का बाजार
    रिपोर्ट्स के मुताबिक, मौजूदा समय में वर्ल्ड टॉय इंडस्ट्री करीब 105 बिलियन अमरीकी डॉलर का है. साल 2025 तक ये 131 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है. विश्व के खिलौना बाजार में भारत की हिस्सेदारी 0.5 फ़ीसदी से भी कम है.

    About The Author


    Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें 

    Advertising Space


    स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे.

    Donate Now

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You may have missed

    Copyright © All rights reserved for Samachar Wani | The India News by Newsreach.
    2:24 AM