किसान के बेटे का जलवा, नौकरी छोड़कर खड़ी कर दी 1 लाख करोड़ की कंपनी; अब 5300 करोड़ की डील.
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दोनों कंपनियों के बीच यह करार 500 मिलियन पाउंड (करीब 5275 करोड़ रुपये) है. हेलीऑन से खरीदी जाने वाली चीजों में निकोटिनेल ब्रांड भी शामिल है, इसे दुनियाभर में दूसरी सबसे बड़ी NRT दवा माना जाता है.
भारतीय दवा कंपनी डॉ. रेड्डीज लैब्स ने अब तक का सबसे बड़ा सौदा किया है. भारतीय कंपनी ब्रिटिश कंपनी हेलीऑन से सिगरेट छोड़ने में मदद करने वाली दवा (NRT) का बिजनेस खरीद रही है. यह बिजनेस डील अमेरिका को छोड़कर दुनियाभर के बाकी देशों में लागू होगी. दोनों कंपनियों के बीच यह करार 500 मिलियन पाउंड (करीब 5275 करोड़ रुपये) है. हेलीऑन से खरीदी जाने वाली चीजों में निकोटिनेल ब्रांड भी शामिल है, इसे दुनियाभर में दूसरी सबसे बड़ी NRT दवा माना जाता है. इसकी बिक्री यूरोप, लैटिन अमेरिका और एशिया के 31 देशों में होती है.
अमेरिका को छोड़कर दुनियाभर में लागू होगा यह करार
निकोटिनेल ब्रांड की ऑस्ट्रेलिया में Nicabate, कनाडा में Thrive और न्यूजीलैंड-कनाडा में Habitrol नाम से बिक्री की जाती है. डॉ रेड्डीज का इस पर कहना है कि यह करार अमेरिका को छोड़कर दुनियाभर के उन देशों में जहां निकोटिनेल के पाउच, पैच, च्युइंग- गम की बिक्री होती है, वहां पर लागू होगा. डॉ रेड्डीज ने एक एक्सचेंज फाइलिंग में बताया खुद की सहायक कंपनी हेलीऑन ग्रुप की नई कंपनी, नॉर्थस्टार स्विट्जरलैंड में 100% हिस्सेदारी खरीदेगी.
यूरोप और दुनियाभर के मार्केट में स्थिति मजबूत होगी
डील के तहत दो तरह का पेमेंट शामिल है, पहला 458 मिलियन पाउंड का सीधा पेमेंट और दूसरा परफॉर्मेंस के बेस पर मिलने वाला 42 मिलियन पाउंड का पेमेंट. इसे 2025 और 2026 में दिया जाएगा. उम्मीद की जा रही है कि डील के आधार पर दोनों कंपनियों के बीच होने वाला लेनदेन 2024 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में पूरा हो जाएगा. इसके लिए कुछ सरकारी शर्तों को पूरा करना होगा. डॉ रेड्डीज का कहना है कि इस करार से उनकी यूरोप और दुनियाभर के बाजार में स्थिति मजबूत होगी. हेलीऑन के पास Sensodyne और Panadol जैसे ब्रांड हैं, यह जुलाई 2022 में GSK कंपनी से अलग हुई थी.
किसान के बेटे ने कैसे की कंपनी की शुरुआत
डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज का हेडक्वार्टर हैदराबाद में है. कंपनी की शुरुआत अंजी रेड्डी ने की थी. उन्होंने अपने शुरुआती करियर में इंडियन ड्रग्स एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड में काम किया था. उनका जन्म आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के ताडेपल्ली में एक किसान परिवार में हुआ था. उनके पिता वैद्य का काम करते थे और लोगों को उनके रोग के हिसाब से जड़ी-बूटी देते थे. परिवार में इन चीजों को देखकर उनका दवाओं के प्रति रुझान बढ़ गया. पढ़ाई के बाद उन्होंने इंडियन ड्रग्स एंड फार्मास्युटिकल्स में नौकरी शुरू कर दी. 1984 में अंजी रेड्डी ने अपनी कंपनी शुरू करने का फैसला किया. उन्होंने केमिनॉर ड्रग्स का अधिग्रहण करके डॉ. रेड्डीज लैब की शुरुआत की.
कंपनी का मार्केट कैप और शेयर का हाल
डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज के शेयर में गुरुवार को तेजी देखी जा रही है. शेयर में यह तेजी 5000 करोड़ रुपये से ज्यादा डील साइन करने के बाद आई है. बुधवार शाम के समय 6068 रुपये पर बंद हुआ शेयर आज सुबह 6038 रुपये पर खुला. लेकिन कुछ देर बाद इसमें तेजी देखी गई और 125 रुपये से ज्यादा चढ़कर 6193 रुपये पर ट्रेंड कर रहा है. इस दौरान शेयर ने 6235.90 रुपये का हाई भी टच किया. शेयर का 52 हफ्ते हा हाई लेवल 6,505 रुपये और लो लेवल 5,005 रुपये है. इसके साथ ही कंपनी का मार्केट कैप 1,03,263 करोड़ रुपये हो गया है.
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