The Little Mermaid Review: बाल मनोरंजन में डिज्नी की नई छलांग, जलपरी बन हैली बेयली ने दिखाई ये नई राह |
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अपनी ही बनाई पुराने जमाने की एनीमेशन फिल्मों को नई तकनीक के साथ लाइव एक्शन फिल्मों में तब्दील करने की डिज्नी की परंपरा कोई दो दशक पहले शुरू हई। इनमें से कई ने तो बॉक्स ऑफिस पर कमाई के कमाल के रिकॉर्ड भी बनाए। ‘फ्रोजेन 2’ और उससे पहले ‘द लॉयन किंग’ की कमाई इतनी शानदार रही है कि इनके आगे पीछे बनी तमाम लाइव एक्शन फिल्मों का हिसाब किताब इन्होंने मुनाफे में ही बनाए रखा। लाइव एक्शन फिल्म का मतलब है एक ऐसी फिल्म जिसमें अभिनेता जिन किरदारों के अभिनय करते हैं, परदे पर उन्हें स्पेशल इफेक्ट्स की परत चढ़ाकर एक अलग किरदार में ही पेश किया जाता है। यहां फोकस एक जलपरी पर है। समुद्र के राजा की बेटी एरियल की ये कहानी सदियों पुरानी है। पहले पहल इसका प्रकाशन 1837 में हुआ। फिर इसका जिक्र टीवी सीरीज में आया। रूस ने इसी कहानी पर पहली फिल्म 1976 में बनाई और इसके बाद वाल्ट डिज्नी स्टूडियोज की इस कहानी पर नजर पड़ी और 1989 में रिलीज हुई एनीमेशन फिल्म ‘द लिटिल मरमेड’।
बुआ ने बदल दी कहानी
अपनी ही एनीमेशन फिल्म ‘द लिटिल मरमेड’ का तकनीकी रूप से कहीं उन्नत आईमैक्स और थ्रीडी संस्करण है डिज्नी की नई फिल्म ‘द लिटिल मरमेड’। मूल कहानी से इस बार कहानी थोड़ी बदली बदली सी है। इस बार की कहानी में रंगभेद को मिटाने की कोशिशें शामिल हैं। और इसकी जिम्मेदारी है किशोरवय जल परी यानी कहानी की नायिका एरियल और नायक की मां पर है। दोनों का रंग मूल फिल्म से जुदा है। समुद्र के राजा की बेटियां इंदिरा और माला भी कहानी की शुरुआत में दिखती हैं। बेटियों में सबसे छोटी एरियल को रोमांच का शौक है। समुद्र में डूबे जहाजों में घूमती फिरती एरियल को समुद्र के बाहर की दुनिया लुभाती है। तमाम रोकटोक के बावजूद वह पानी के ऊपर तक जाती है और ऐसे ही एक क्रम में वह एक डूबते जहाज के राजकुमार को बचाकर उसे तट तक ले जाती है। हालांकि, उसके होश में आने पर वह वहां से चली जाती है। यहां समुद्र की गहराइयों में समुद्र के राजा का राजदंड हथियाने को उसकी बहन बेचैन है। अरसा पहले उसे समाज निकाला मिला था। एरियल की उत्कंठा को वह अपना हथियार बनाना चाहती है। उसे इंसान में बदलने का लालच देकर वह खुद राजकुमार को पाने की जुगत लगाती है। लेकिन, कहानी उपसंहार तक आते आते अपने मूल पथ पर फिर लौट आती है।
लंबाई में थोड़ा उलझी फिल्म
रॉब मार्शल ने इस बार पटकथा लेखक डेविड मगी के साथ मिलकर कहानी को थोड़ा विस्तार दिया है। 83 मिनट की मूल फिल्म अब सवा दो घंटे की फिल्म बन चुकी है और यही फिल्म की कमजोर कड़ी भी है। पिछली फिल्म के संगीतकार एलन मेनकेन को भी रॉब ने साथ लिया है। मेनकेन को मूल फिल्म के लिए दो ऑस्कर पुरस्कार मिले थे। एक ओरिजनल स्कोर का और और फिल्म के गाने ‘अंडर द वॉटर’ के लिए। गाना ‘अंडर द वॉटर’ इस बार अपने अलग शबाब पर है। सिर्फ एक ये गाना ही आईमैक्स और थ्रीडी में फिल्म देखने वालों के लिए टिकट के पैसे वसूल करा सकता है। समंदर की अंदर की इतनी खूबसूरत और रंगीन दुनिया बड़े परदे पर शायद ही इसके पहले कहीं दिखी हो। लेकिन, कहानी में अधिकता समंदर के स्याह पक्ष की ज्यादा है। गाने भी पिछली फिल्म से ज्यादा हैं और इसके चलते कहानी थोड़ा लंबी खिंचती जाती है।
बच्चों के लिए मस्त फिल्म
लेकिन, फिल्म ‘द लिटिल मरमेड’ अपनी इन खामियों के बावजूद गर्मी की छुट्टियों में बच्चों के साथ फिल्म देखने का एक बिल्कुल सही मौका है। बच्चों को ये फिल्म खासतौर से पसंद आएगी। सांवली जलपरी देखना बच्चों के लिए एक नया एहसास भी होगा लेकिन ये बदलते दौर के जरूरी सबक भी है नई सदी के बच्चों के लिए। एरियल का रोल निभा रहीं गायिका हैली बेयली मूल रूप से गायिका ही हैं। उनका किसी फिल्म में ये पहला लीड रोल है और वह मानती भी हैं कि अश्वेत लोगों को मुख्यधारा में जोड़ने का ये एक साहस भरा कदम है। उनकी आवाज में एक कशिश है और जब भी उनकी आवाज में फिल्म का गाना ‘पार्ट ऑफ योर वर्ल्ड’ बजता है, एक किशोरी के मन की इच्छाएं, उत्कंठाएं और आकांक्षाएं सब वह अपनी आवाज और चेहरे के भावों के सामंजस्य से बहुत ही दमदार तरीके से परदे पर पेश करने में सफल रहती हैं।
खूब जमी जब मिल बैठे ये चार यार
जलपरी के तीनों दोस्त भी बहुत मस्त हैं। जलमुर्गी की आवाज दे रहीं आक्वफिना ने इस किरदार को जीवंत बनाए रखने में आखिरी सीन तक कमाल की कोशिश की है। स्कटल नाम की ये जलमुर्गी कहानी का अहम हिस्सा है। फ्लाउंडर को आवाज दी है जैकब ट्रेम्बले ने और राजा के विश्वस्त सलाहकार से जलपरी की चौकीदारी की ड्यूटी पाने वाले केकड़े सेबेस्टियन की आवाज बने हैं डेबी डिग्स। इस चौकड़ी का असली कमाल फिल्म के क्लाइमेक्स में दर्शनीय भी है और मनोरंजक भी। फिल्म चूंकि इक्कीसवी सदी की पहली चौथाई में बनी है लिहाजा लाइव एनीमेशन की सारी तकनीक यहां मौजूद हैं। समुद्री तूफान में हहहराती लहरें डराती हैं। समंदर की गहराई में शार्क के आक्रमण के दृश्य सिहरन पैदा करते हैं और राजा की बहन के रूप में जादूगरनी उर्सला के षडयंत्र हर उस लोककथा की याद दिलाते हैं जिनमें खूबसूरत राजकुमारी पर किसी डायन का साया मंडराता रहता है।
पानी रे पानी तेरा रंग ऐसा…
फिल्म ‘द लिटिल मरमेड’ को सिर्फ मनोरंजन के लिहाज से देखने जाएंगे तो फिल्म अच्छी है। फिल्म के स्पेशल इफेक्ट्स कमाल के हैं। डियोन बीबे की सिनेमैटोग्राफी फिल्म की जान है। खासतौर से पानी के नीचे फिल्माए गए दृश्यों में जहां एनीमेशन से बने जीवों के साथ लाइव एक्शन वाले दृश्य हैं, उनमें उनके हर फ्रेम का कंपोजीशन प्रभावित करता है। एलन मेनकेन के संगीत का तो खैर कहना ही क्या, हालांकि इस बार उन्हें लिन मैन्युएल मिरांडा के कुछ नए गानों भी कंपोज करने को मिले हैं। फिल्म का क्लाइमेक्स जरूर बेहतर हो सकता था और रंगभेद के विरुद्ध संदेश देने वाली फिल्म में जो काम बाकी किरदार बिना इस तरफ इशारा किए करते रहे, उसकी तरफ रानी को खुलकर |
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