प्रतिभूति सीधे निवेशकों के खाते में जाने का समयसीमा बढ़ी, SEBI ने क्यों बढ़ाई लिमिट?
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पहले इसके लिए 14 अक्टूबर तक का टाइम दिया गया था. समय सीमा में यह बदलाव इसलिये किया गया है ताकि इसे आसानी से लागू किया जा सके. मार्केट रेग्युलेटर यह फैसला क्लीयरिंग कॉर्पोरेशन, एक्सचेंज और स्टॉक ब्रोकर्स जैसे प्रमुख संस्थानों से प्रतिनिधित्व प्राप्त करने के बाद लिया है.
अगर आप भी शेयर बाजार में निवेश करते हैं तो यह खबर आपके काम की है. मार्केट को रेग्युलेट करने वाली सेबी (SEBI) ने सीधे डीमैट अकाउंट में प्रतिभूतियों के सीधे पेमेंट को जरूरी बनाने से जुड़े दिशानिर्देशों को लागू करने की समयसीमा 11 नवंबर तक बढ़ा दी. पहले इसके लिए 14 अक्टूबर तक का टाइम दिया गया था. समय सीमा में यह बदलाव इसलिये किया गया है ताकि इसे आसानी से लागू किया जा सके. मार्केट रेग्युलेटर यह फैसला क्लीयरिंग कॉर्पोरेशन, एक्सचेंज और स्टॉक ब्रोकर्स जैसे प्रमुख संस्थानों से प्रतिनिधित्व प्राप्त करने के बाद लिया है.
अंतिम परिचालन दिशानिर्देश 5 अगस्त तक जारी करना था
सेबी की तरफ से 5 जून को एक नोटिफिकेशन जारी किया गया था. इसके तहत परिचालन दक्षता में सुधार और रिस्क को कम करने के लिए क्लीयरिंग कॉर्पोरेशन (clearing corporation) को प्रतिभूतियों को सीधे कस्टमर के डीमैट अकाउंट में जमा करने को जरूरी किया गया था. फिलहाल समाशोधन निगम प्रतिभूतियों के भुगतान को ‘ब्रोकर’ के अकाउंट में जमा करता है. उसके बाद ‘ब्रोकर’ इसे संबंधित निवेशक के डीमैट अकाउंट में जमा करता है. इस बारे में क्लीयरिंग कॉर्पोरेशन को अंतिम परिचालन दिशानिर्देश 5 अगस्त तक जारी करना था.
लंबी बातचीत के बाद अगस्त के अंत में जारी किया गया
हालांकि, ब्रोकर्स इंडस्ट्री स्टैंडर्ड्स फोरम (ब्रोकर्स आईएसएफ) में लंबी बातचीत के कारण अगस्त के अंत में इसे जारी किया गया. एक दिन पहले जारी नोटिफिकेशन के अनुसार सेबी ने समीक्षा बैठक और ब्रोकर प्लेटफॉर्म के प्रतिवेदन के बाद बाजार में बिना किसी भी परेशानी के सुचारू बदलाव सुनिश्चित करने के लिए नियम लागू करने की तारीख 11 नवंबर तक बढ़ा दी है.
वीकली इंडेक्स डेरिवेटिव्स बंद करने का फैसला
इसके अलावा NSE ने बैंक निफ्टी, निफ्टी मिडकैप सेलेक्ट और निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज के लिए वीकली इंडेक्स डेरिवेटिव्स बंद करने का निर्णय किया है. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के अनुसार अब केवल निफ्टी की साप्ताहिक एक्सपायरी होगी. एनएसई की तरफ से 10 अक्टूबर को जारी सर्कुलर में इस बारे में जानकारी दी गई. NSE की तरफ से कहा गया कि 13, 18 और 19 नवंबर से बैंक निफ्टी, निफ्टी मिडकैप सेलेक्ट और निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज के लिए वीकली इंडेक्स डेरिवेटिव्स कॉन्ट्रैक्ट्स बंद हो जाएगा.
इसके बाद 20 नवंबर से एक्सचेंज को वीकली ऑप्शन एक्सपायरी को हर एक्सचेंज एक इंडेक्स तक लिमिट करना होगा. इसके अलावा, एक्सचेंज को दिन में कम से कम चार बार इंट्राडे पोजीशन की निगरानी का काम सौंप एगा.
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