मित्रों की संगत ने बदली ज़िंदगी! बचपन में स्कूल की फीस भरने के लिए नहीं थे पैसे, आज 55 हजार करोड़ के मालिक; कौन हैं जयंती कनानी?
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जयंती के पिता हीरे के कारखाने में काम करते थे। ऐसी परिस्थितियों में भी जयंती कनानी ने इतनी बड़ी सफलता कैसे हासिल की, यह जानें…
कहा जाता है कि मेहनत करने वालों का ईश्वर हमेशा साथ देता है। लेकिन सफल होने के लिए सबसे पहले बड़े सपने देखना महत्वपूर्ण होता है। साथ ही उन सपनों को पूरा करते समय आने वाली बड़ी से बड़ी समस्याओं को कड़ी मेहनत से पार करना और खुद को साबित करना पड़ता है। कई बार अपने सपनों को पूरा करते समय परिवार का सहयोग मिलता है, तो कुछ मौकों पर मित्र देवता बनकर आकर मदद करते हैं। गुजरात के जयंती कनानी की सफलता की कहानी कुछ इसी तरह की है।
गरीबी में रहते हुए भी ऊंचाई को छूना संभव है, यह उन्होंने साबित कर दिखाया। एक साधारण परिवार में रहते हुए और कठिन परिस्थितियों में शिक्षा प्राप्त कर जयंती कनानी ने एक अद्वितीय यात्रा की है। जयंती की आर्थिक स्थिति एक समय बहुत ही कमजोर थी। एक समय ऐसा भी आया कि उनके पास स्कूल की फीस भरने के पैसे भी नहीं थे। उन्होंने किसी तरह शिक्षा पूरी की, छह हजार रुपये की तनख्वाह पर काम किया। शादी के लिए कर्ज लिया; लेकिन आज वे हजारों करोड़ की कंपनी के मालिक हैं।
गुजरात के अहमदाबाद के निवासी जयंती कनानी बहुत ही गरीब परिवार में पले-बढ़े। उनका परिवार अहमदाबाद के बाहर एक छोटे से फ्लैट में रहता था। जयंती के पिता हीरे के कारखाने में काम करते थे। ऐसी परिस्थितियों में भी जयंती कनानी ने इतनी बड़ी सफलता कैसे प्राप्त की, यह जानें…
जयंती कनानी का बचपन अहमदाबाद के बाहर एक छोटे फ्लैट में बीता। जयंती के पिता हीरे के कारखाने में काम करते थे। घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। परंतु, उस परिस्थिति में भी पिता ने अपने बेटे को मजदूरी करके पढ़ाया। एक समय तो स्थिति ऐसी थी कि उनके पास स्कूल की फीस भरने के पैसे भी नहीं थे। जयंती खुद को भाग्यशाली मानते हैं कि उन्हें स्कूली शिक्षा पूरी करने का अवसर मिला। उनके जीवन का एकमात्र उद्देश्य था कि अपने परिवार को गरीबी से बाहर निकालना। स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद जयंती कनानी ने नडियाद के धरमसिंह देसाई विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। उसके बाद उन्हें पुणे में मासिक छह हजार रुपये की तनख्वाह पर नौकरी मिली।
इस पैसे से परिवार का निर्वाह करना कठिन था, इसलिए अतिरिक्त आय के लिए वे नौकरी के बाद भी घर से कुछ प्रोजेक्ट्स पर काम करते थे। पार्ट टाइम कमाई करने के बावजूद जयंती कनानी ज्यादा पैसे नहीं कमा सके।
ऐसी स्थिति में उन्होंने शादी का निर्णय लिया। शादी के लिए उन्हें कर्ज भी लेना पड़ा था। कर्ज के बोझ तले दबे जयंती के मन में कभी भी अरबों डॉलर की कंपनी स्थापित करने का विचार नहीं आया था। जयंती कनानी एक कंपनी में डेटा विश्लेषक के रूप में काम कर रहे थे, तब उनकी पहचान संदीप नेलवाल और अनुराग अर्जुन से हुई। उनसे हुई यह पहचान ही जयंती के जीवन का टर्निंग पॉइंट साबित हुई। तीनों का उद्देश्य पैसे कमाना था और इसके लिए उन्हें कुछ बड़ा करना था।
इस दौरान तीनों ने मिलकर 2017 में Polygon नाम की कंपनी शुरू की। शुरुआत में कंपनी का नाम Matic था। कंपनी ने मात्र छह वर्षों में अपार सफलता प्राप्त की। डीएनए की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी का वर्तमान मूल्य 55,000 करोड़ रुपये है। ‘पॉलीगॉन’ को प्रसिद्ध अमेरिकी निवेशक और शार्क टैंक के जज मार्क क्यूबन से भी फंडिंग मिली। 2022 में ‘पॉलीगॉन’ ने सॉफ्ट बैंक, टाइगर ग्लोबल और सिकोइया कैपिटल इंडिया जैसे निवेशकों के माध्यम से $450 मिलियन की धनराशि जुटाई। आज यह कंपनी सफलता के शिखर पर पहुंच चुकी है।
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