नए पोप के चुनाव में कॉलेज ऑफ कार्डिनल का अहम योगदान होता है.. ये क्या होते हैं।
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पोप फ्रांसिस के निधन के बाद से कॉलेज ऑफ कॉर्डिनल की चर्चा जोरों पर हो रही है. चलिए जानते हैं कि आखिर यह क्या है और नए पोप का चुनाव कैसे होता है.
कैथोलिक ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का निधन हो गया है. वेटिकन सिटी के स्थानीय समय के अनुसार आज सुबह 7 बजकर 35 मिनट पर 88 साल की उम्र में पोप फ्रांसिस ने अंतिम सांस ली. वह इतिहास के पहले लैटिन अमेरिकी पोप थे. वो पिछले कई महीनों से स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं से जूझ रहे थे. उनको रोम के जेमेली अस्पताल में भर्ती भी कराया गया था. वो पिछले पांच हफ्तों से फेफड़ों में इन्फेक्शन की समस्या से परेशान थे. उनकी सेहत को लेकर बढ़ती हुई चिंताओं को देखते हुए अगले पोप के चुनाव की चर्चाएं तेज हो गई थीं. नए पोप का चुनाव कॉलेज ऑफ कार्डिनल के जरिए किया जाता है. चलिए जानें कि आखिर यह क्या होता है.
क्या है कॉलेज ऑफ कार्डिनल
नए पोप का चुनाव कॉलेज ऑफ कार्डिनल के जरिए होता है. यह एक बड़ी प्रक्रिया होती है. इसके लिए पहले कार्डिनल्स की सभा होती है. कॉलेज ऑफ कार्डिनल कैथोलिक चर्च में सबसे वरिष्ठ पादरी की एक निकाय जिसे बॉडीज कहते हैं, होती है. इसमें सभी कार्डिनल शामिल होते हैं. वो मिलकर पोप का चुनाव करते हैं और उनको सलाह देते हैं. वो चर्च के प्रशासन में भी अहम भूमिका निभाते हैं. कार्डिनल्स कॉलेज को सेक्रेड कॉलेज ऑफ कार्डिनल्स भी कहते हैं. यह रोमन कैथोलिक चर्च का महत्वपूर्णं संगठन होता है.
कॉलेज ऑफ कार्डिनल में कौन से लोग शामिल होते हैं
कॉलेज ऑफ कार्डिनल्स में वो सभी सदस्य शामिल होते हैं, जो कि चर्च के सबसे वरिष्ठ सदस्य होते हैं. पोप के पद के बाद कार्डिनल के पद को सर्वोच्च माना जाता है. ये कॉलेज में नए पोप का तो चुनाव करते ही हैं साथ ही साथ मुख्य सलाहकारों के रूप में भी काम करते हैं. जब किसी पोप का निधन हो जाता है या फिर वो अपने पद से इस्तीफा दे देते हैं तो कॉर्निडल कॉलेज एक स्पेशल प्रक्रिया के जरिए नए पोप का चुनाव करता है, उसे कॉन्क्लेव कहा जाता है. इस कॉन्क्लेव में 80 साल से कम उम्र के पोप चुनाव में हिस्सा लेने के योग्य होते हैं.
कैसे होता है नए पोप का चुनाव
ये लोग सिस्टिन चैपल में मतदान करते हैं, यहां उनको प्रत्येक उम्मीदवार को वोट देने के लिए एक बैलेट दिया जाता है. निर्वाचित होने के लिए किसी उम्मीदवार को दो-तिहाई वोट पाने की जरूरत होती है. कॉलेज में लगभग 120 कार्डिनल होते हैं, ये दुनियाभर से होते हैं. जो कि यह सुनिश्चित करते हैं कि चर्च का नेतृत्व दुनिया भर में धर्म के अलग-अलग क्षेत्रों और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि का प्रतिनिधित्व करता है. कॉलेज ऑफ कार्डिनल चर्च में महत्वपूर्णं और शक्तिशाली बॉडीज के रूप में जाना जाता है, जिसका सबसे जरूरी काम पोप के चुनाव में हिस्सा लेना होता है.
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