पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ा खतरा.. आतंकियों के खात्मे के बाद भी डरी हुई है PAK सेना।
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आमतौर पर आतंकवाद के खिलाफ ऑपरेशन के बाद सेना राहत महसूस करती है, लेकिन पाकिस्तान की सेना इस समय उलटी स्थिति में है. तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) पर हाल ही में किए गए हमले के बाद सेना दहशत में है.
आमतौर पर आतंकवाद के खिलाफ ऑपरेशन के बाद सेना राहत महसूस करती है, लेकिन पाकिस्तान की सेना इस समय उलटी स्थिति में है. तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) पर हाल ही में किए गए हमले के बाद सेना दहशत में है. इसकी वजह टीटीपी का पलटवार करने का इतिहास है. हाल ही में पाकिस्तानी सेना ने टीटीपी के एक कमांडर को मार गिराया था, जिसके बदले में टीटीपी ने 16 पाकिस्तानी जवानों को मार डाला.
पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ा खतरा
टीटीपी, जिसे पाकिस्तान तालिबान के नाम से भी जाना जाता है, पाकिस्तान के लिए एक बड़ा सिरदर्द बन चुका है. यह संगठन अफगान तालिबान का ही एक धड़ा है, जो पाकिस्तान में शरिया कानून लागू करना चाहता है. अमेरिका और पाकिस्तान के बीच रिश्ते भी टीटीपी के लिए खटकते हैं, और यही वजह है कि वह लगातार पाकिस्तान की सेना को निशाना बनाता है.
खैबर पख्तूनख्वा में सेना का ऑपरेशन
पाकिस्तानी सेना ने खैबर पख्तूनख्वा में आतंकवाद के खिलाफ एक बड़ा ऑपरेशन चलाया है. इस दौरान उन्होंने टीटीपी के आतंकियों के ठिकानों पर हमले किए और उनके दो घरों को बम से उड़ा दिया. सेना इसे आतंकियों के खात्मे की शुरुआत मान रही है, लेकिन उन्हें यह भी डर है कि टीटीपी इन हमलों का बदला जरूर लेगा.
पिछले एक महीने में टीटीपी के खिलाफ ऑपरेशन
पिछले 30 दिनों में पाकिस्तानी सेना ने टीटीपी के 26 आतंकियों को मारा है. 19 दिसंबर को खैबर पख्तूनख्वा में तीन बड़े सैन्य ऑपरेशन किए गए, जिनमें 11 आतंकी मारे गए. इसके जवाब में 21 दिसंबर को टीटीपी के 30 से ज्यादा आतंकियों ने दक्षिणी वजीरिस्तान में चेक पोस्ट पर हमला कर दिया. इस हमले में पाकिस्तानी सेना के 16 जवान मारे गए.
टीटीपी का आतंक और ताकत
टीटीपी के पास 6,000 से ज्यादा आतंकी हैं और यह संगठन तालिबान और अलकायदा के साथ मिलकर काम करता है. वर्ष 2014 में पेशावर के एक स्कूल पर हुए हमले ने इसे अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में ला दिया था. इस हमले में 150 से ज्यादा लोग मारे गए थे, जिनमें 100 से अधिक बच्चे थे.
पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था खुद सवालों के घेरे में है. हाल ही में पंजाब प्रांत में एक पुलिसकर्मी का वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वह नशा बेचता और खुद नशा करता हुआ दिखाई दिया. इस घटना ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि जिस देश के सुरक्षाकर्मी खुद नशे में हों, वे आतंकियों से कैसे निपटेंगे?
क्या पाकिस्तान टीटीपी से निपट पाएगा?
पाकिस्तान, जो कभी तालिबान का समर्थक था, आज उसी तालिबान के पाकिस्तानी धड़े का शिकार बन गया है. सवाल यह है कि क्या पाकिस्तानी सेना और सुरक्षाबल टीटीपी जैसे खतरनाक आतंकी संगठन से निपटने में सफल हो पाएंगे, या यह जंग पाकिस्तान के लिए और भी खतरनाक साबित होगी?
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