बदल जाएगा 63 साल पुराना इनकम टैक्स एक्ट! बजट को लेकर क्या है निर्मला सीतारमण का मास्टरप्लान।
1 min read
|








इस बार के बजट सत्र में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से नए प्रत्यक्ष कर कानून के लिए विधेयक पेश किया जा सकता है. नए कानून को पेश करने के पीछे सरकार का मकसद है कि इनकम टैक्स एक्ट को पहले से ज्यादा आसान और लोगों के समझने योग्य बनाया जाए.
Nirmala Sitharaman: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी 2025 को लगातार आठवीं बार आम बजट पेश करने जा रही हैं. लेकिन इस बार के बजट सेशन में वित्त मंत्री नए प्रत्यक्ष कर कानून (New Direct Tax Law) के लिए एक विधेयक पेश कर सकती हैं. यह विधेयक प्रत्यक्ष कर कानून के प्रावधानों को आसान बनाने पर फोकस करेगा. इस बार नए कानून में अधूरे और अप्रचलित प्रावधान को खत्म करके भाषा को सामान्य लोगों के लिए ज्यादा समझने योग्य बनाने की कोशिश की जाएगी.
सीधे संसद में पेश होगा विधेयक
खबर के अनुसार 63 साल पुराने आयकर अधिनियम (Income Tax Act) की जगह लेने वाले नए कानून को बनाने के लिए बनी समिति इस बात पर विचार कर रही है कि नया कानून दो या तीन हिस्सों में हो. सरकार की तरफ से पहले कहा गया था कि अधिकारियों की समिति की तरफ से तैयार किया गया कानून मसौदा लोगों की राय के लिए जारी किया जाएगा. लेकिन लेकिन अब सरकार ने फैसला किया है कि सीधे संसद में विधेयक पेश करेगी.
टैक्स नियमों को लेकर सरकार की आलोचना हो रही
सरकार की तरफ यह कदम इसलिए उठाया जा रहा है क्योंकि जटिल टैक्स नियमों को लेकर सरकार की आलोचना हो रही है. सरकार का मानना है कि जनता और जानकारों से मिलने वाले फीडबैक के आधार पर विधेयक में बाद में बदलाव किये जा सकते हैं. इसके लिए वित्त मंत्रालय और पीएमओ अधिकारियों ने पिछले छह-आठ हफ्ते में समिति के साथ मिलकर तेजी से काम किया, ताकि इसे बजट पेश होने तक तैयार किया जा सके. वित्त मंत्री की तरफ से जुलाई में पेश किये गए बजट के दौरान इसको लेकर घोषणा की गई थी. 1 फरवरी के बजट भाषण में नए इनकम टैक्स एक्ट का जिक्र किये जाने की उम्मीद है. हालांकि अभी यह तय नहीं है कि विधेयक को बजट सत्र के पहले सेशन में पेश किया जाएगा या दूसरे सेशन में.
इनकम टैक्स एक्ट को बदलने की कोशिश की जा रही
आपको बता दें यह कम से कम तीसरी मौका है जब इनकम टैक्स एक्ट को बदलने की कोशिश की जा रही है. इससे पहले 2010 में भी ऐसा करने की कोशिश की गई थी. लेकिन उस समय बनाए गए कानून को लागू नहीं किया गया. इसके बाद मोदी सरकार ने भी एक समिति बनाई थी, लेकिन उसकी सिफारिशों को भी नहीं माना गया. अब जो समिति बनी है, उससे कहा गया है कि नए कानून में उन सभी छोटे-छोटे नियमों को हटा दिया जाए जो कानून को बहुत जटिल बनाते हैं.
इसी तरह, कई ऐसे नियम हैं जो अब जरूरी नहीं है क्योंकि इन नियमों को पिछले कुछ सालों में आयकर अधिनियम से हटा दिया गया है. इन नियमों को भी नए कानून में शामिल नहीं किया जाएगा. एक सूत्र ने बताया कि नए कानून की भाषा ऐसी होने की उम्मीद है कि आम आदमी भी इसे आसानी से समझ सके. लेकिन, सरकार प्रस्तावित कानून में अभी के लिए कोई नए मामले शामिल नहीं कर रही है. हालांकि, अधिकारियों ने चेतावनी दी कि भाषा में बदलाव से मुकदमेबाजी हो सकती है क्योंकि करदाता कई मामलों में नई व्याख्या चाहते हैं.
About The Author
Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें |
Advertising Space
Recent Comments