तेजश्री कोकीळ के ब्लाउस डिझाईनस् देश के साथ अमरीका में मशहुर
1 min read
|










अपनी माॅ से सीखी हुई कला बनी तेजश्री के बिझनेस का आधार, एम.ए.बी.एड की पढाई के बाद नोकरी छोड बिझनेस को दि प्राथमिकता
तेजश्री केाकीळ एम.ए.बी.एड की पढाई करने के बाद परीवार की जिम्मेदारीयों में व्यस्त हो गई, उन्होंने अपनी कलाकारी को बिझनेस में बदल दिया! पिछले 2 वर्षो से आरी एम्ब्राॅयडरी हॅण्डवर्क के बिझनेस में वे कार्य कर रही है, उनके पती निलेश कोकीळ ऑटोमोबाईल इंजिनीयर है, उन्हे एक 10 साल की छोटी बेटी है! बेटी हर्षिता छोटी होने के बावजुद माॅ के काम में हाथ बटाती है! उन्हे 2 साल का बेटा भी है, परीवार के सारे सदस्यों की जिम्मेंदारीयोें के साथ वे अपने काम में मन लगाकर मेहनत कर रही है!
तेजश्रीजी ने शादी के बाद अपनी पढाई पुरी की, कुछ साल स्कुल में नोकरी करने बाद उन्होनेे बिझनेस करने की ठानी, और वे अगरबत्ती सेलींग के बिझनेस में जुट गई, बाद में क्लाॅथस् सेलींग का काम भी शुरू कीया, उनका बिझनेस धिरे धिरे आगे बढ रहा था, लेकीन केावीड की महामारीनें सारी दुनियाॅ को रोक दिया, जिसमें तेजश्री भी 2 साल घर में कैद हो गई, लेकीन उन्होंने उसी दौरान अपनी कला को बिझनेस के रूप में देखा और एम्ब्राॅयडरी हॅण्डवर्क का काम शुरू किया!
धिरे धिरे उनके काम की चर्चा होने लगी, लोग उनके काम को पसंद करने लगे, और उनकी डिमांड बढने लगी, तो उन्होनें उनके छात्रों को भी इस बिझनेस में शामील कर लिया, उनके एरीयाॅ की नगरसेवीका नम्रता जी उनके काम की सराहना की और उन्हें सहयोग दिया, साथही मार्गदर्शन के साथ उनके काम का प्रचार भी कीया! जिससे मनिषा गुरव, राजश्रीताई नागरे, बांगर सुरेखा, ललीता मांदळे इन सभी महिलाओंने तेजश्री जी को आगे बढने के लिए बिझनेस बढाने के लिए सुझाव दिये! इसीके के साथ बहन डाॅ.शमिका, भाई सुनिल गुरवजी ने उन्हे प्रात्सोहित कीया!
धिरे धिरे बिझनेस बढने लगा और गांव के कई जाने माने टेलर्स के साथ उनकी साझेंदारी होने लगी, पुणे, नाशिक, सातारा, नगर, कराड, के साथ पुरे महाराष्ट्र में लोग उनके काम को पसंद करने लगे! यहाॅ तक अमीरीका से भी उन्हे ऑर्डर्स मिलने लगी!
जब बिझनेस का प्रारंभ कीया तो उनके साथ केवल एक सहयोगी थी, आज उनके बिझनेस में 18 महिलाॅए, 7 पुरूष काम कर रहे है, उन सभी 25 एम्प्लाॅईज के साथ उनके बिझनेस का विस्तार देश दुनियाॅ मे हो रहा है! शुरूआत में केवल 1 रूपया मुनाफा कमाने वाली तेजश्री आज सालाना 1 लाख रूपयों का कारोबार कर रही है!
उन्होंने युवीर्श आरी वर्क के नाम से बिझनेस शुरू कीया था, आज युवीर्श गृप के नाम से उन्होंने अपनी खास पेहचान बनाई है! उनके बिझनेस में ब्लाउज, डिझाईनींग ड्रेस, कुर्ती, लेहेंगा, शेरवानी, जैसे अन्य डिझाईनींग वर्क भी किये जाते है!
उनका सपना है, हॅण्डवर्क लेहेंगे का एक खुदका शोरूम बनाना, जिसके लिए उन्हे उनके पती का बडा सहयोग मिला है! नए सुझाव, टाईम मॅनेजमेंट के साथ वे उन्हे हर निर्णय में मजबुतीसे साथ देते है! तेजश्री जी उनकी माॅ का धन्यवाद करना चाहती है जिन्होंने ये कला उन्हे उपहार मे दी है, आज वे खुद को गौरर्वान्वीत मेहसुस करते है, 2 साल में 4000 डिझाईनर ब्लाउज देने में वे सफल हो सकी है! साथही 240 से अधिक छात्रों को उन्होंने प्रशिक्षीत कीया है! और उन्हें जिवन में आगे बढने का आत्मविश्वास दिया है! हम रिसील की और से उनके इस कार्य के लिए उन्हे हार्दिक बढाई देतेे है!
लेखक : सचिन आर जाधव
About The Author
Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें |
Advertising Space
Recent Comments