टीम इंडिया: सीरीज के बाद बड़ा खुलासा! रोहित-द्रविड़ नहीं… बल्कि ‘इन’ दिग्गजों की वजह से युवा खिलाड़ियों को मिला मौका!
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टीम इंडिया ने इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज 4-1 से जीत ली. विराट कोहली, केएल राहुल और चेतेश्वर पुजारा जैसे दिग्गजों की गैरमौजूदगी में भारतीय टीम ने दमदार प्रदर्शन किया और बेसबॉल का परचम लहरा दिया.
टीम इंडिया ने इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज 4-1 से जीत ली. विराट कोहली, केएल राहुल और चेतेश्वर पुजारा जैसे दिग्गजों की गैरमौजूदगी में भारतीय टीम ने दमदार प्रदर्शन किया और बेसबॉल का परचम लहरा दिया.
इस सीरीज में पांच युवा खिलाड़ियों को डेब्यू का मौका मिला है. इसमें देवदत्त पडिक्कल और ध्रुव जुरेल भी शामिल हैं. सीरीज के बाद खुलासा हुआ है कि इन दोनों खिलाड़ियों को टीम में शामिल करने का फैसला रोहित शर्मा या राहुल द्रविड़ का नहीं बल्कि चयन समिति के अध्यक्ष अजित अगकर का था.
सरफराज खान, ध्रुव जुरेल, देवदत्त पडिक्कल, रजत पाटीदार और आकाश दीप ने भारत बनाम इंग्लैंड श्रृंखला में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया। पाटीदार को छोड़कर बाकी सभी खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया. अब एक रिपोर्ट सामने आई है कि ईशान किशन के मानसिक थकान का हवाला देकर दक्षिण अफ्रीका टेस्ट सीरीज से हटने के बाद टीम प्रबंधन ने ज्यूरेल को बैकअप कीपर के रूप में सुझाया था।
दरअसल, भारत लंबे समय से विकेटकीपरों की कमी से जूझता नजर आ रहा है। केएल राहुल के बारे में पहले से ही तय था कि वह बतौर बल्लेबाज खेलते नजर आएंगे. ऐसे में टीम के पास केएस भरत के अलावा कोई विकल्प नहीं था. और टीम एक बैकअप कीपर की तलाश में थी, जो ध्रुव जुरेल के रूप में सामने आया। ज्यूरेल का नाम भारतीय टीम चयन समिति के अध्यक्ष अजीत अगरकर ने सुझाया था।
इंग्लैंड के खिलाफ पहले दो टेस्ट में केएस भरत के असफल होने के बाद ध्रुव को राजकोट टेस्ट में डेब्यू करने का मौका मिला. उन्होंने टीम मैनेजमेंट से मिले इस मौके का फायदा उठाने में कोई कसर नहीं छोड़ी और अपने डेब्यू मैच में 45 रन बनाए. वहीं चौथे मैच की पहली पारी में उन्होंने 91 रन बनाए और दूसरी पारी में 36 रनों की नाबाद पारी खेलकर टीम को जीत दिलाई.
विराट कोहली और केएल राहुल की गैरमौजूदगी में टीम इंडिया को एक युवा बल्लेबाज की तलाश थी. कप्तान और कोच ने सबसे पहले रजत पाटीदार को मौका दिया लेकिन वह बल्लेबाजी में कुछ खास कमाल नहीं दिखा सके.
वहीं सरफराज पहले ही इंग्लैंड के लिए डेब्यू कर चुके थे. ऐसे में आखिरी मैच में देवदत्त पडिक्कल को मौका मिला, जिनके धमाकेदार प्रदर्शन ने चयन समिति के फैसले को सही ठहराया. धर्मशाला टेस्ट में उन्होंने 65 रनों की जोरदार पारी खेलकर टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई.
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