टाटा कैपिटल के निदेशक मंडल ने आईपीओ को मंजूरी दी; 15,000 करोड़ रुपये की पूंजी जुटाने की योजना।
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टाटा समूह की प्रमुख कंपनी टाटा कैपिटल के निदेशक मंडल ने आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) के जरिए करीब 15,000 करोड़ रुपये की पूंजी जुटाने को मंजूरी दे दी है।
नई दिल्ली: टाटा समूह की प्रमुख कंपनी टाटा कैपिटल के निदेशक मंडल ने आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) के जरिये करीब 15,000 करोड़ रुपये की पूंजी जुटाने को मंजूरी दे दी है। यह टाटा समूह की दूसरी कंपनी है जो पूंजी बाजार में प्रवेश कर रही है। इससे पहले टाटा टेक्नोलॉजीज का आईपीओ करीब दो दशक के अंतराल के बाद आया था।
टाटा कैपिटल द्वारा आईपीओ के जरिए 23 करोड़ नए शेयर बेचे जाने की संभावना है, जबकि शेष शेयर प्रमोटर टाटा संस द्वारा आंशिक शेयर बिक्री (ओएफएस) के जरिए बेचे जाने की संभावना है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के सितंबर 2022 के दिशानिर्देशों के अनुसार, टाटा संस सहित समूह के सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों (एनबीएफसी) को सितंबर तक अपने शेयरों को बाजार में सूचीबद्ध करना आवश्यक होगा। हालांकि टाटा कैपिटल ने अभी तक आईपीओ से जुड़ी जानकारी जैसे तारीख और आकार का खुलासा नहीं किया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि आईपीओ के जरिए करीब 15,000 करोड़ रुपये जुटाए जाने की संभावना है।
दिसंबर 2024 तक टाटा संस की टाटा कैपिटल में 92.83 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि टाटा संस की टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन में 68.51 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इसके अलावा टाटा कैपिटल की टाटा समूह की महत्वपूर्ण कंपनियों टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन (2.5 प्रतिशत), टाटा केमिकल्स (0.09 प्रतिशत), टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स (0.02 प्रतिशत), टाटा मोटर्स (0.12 प्रतिशत) और टाटा पावर (0.06 प्रतिशत) में भी हिस्सेदारी है।
कंपनी में अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम की 1.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है। 2023 में टाटा टेक्नोलॉजीज की मजबूत लिस्टिंग के बाद यह समूह का सबसे बड़ा आईपीओ होगा। सितंबर 2022 में, रिज़र्व बैंक ने टाटा कैपिटल को ‘शीर्ष स्तरीय एनबीएफसी’ के रूप में मान्यता दी और उसे सितंबर 2025 तक अपने शेयरों को सूचीबद्ध करने, यानी आईपीओ लाने का आदेश दिया। पिछले अक्टूबर में, रिजर्व बैंक ने टाटा मोटर्स फाइनेंस के टाटा कैपिटल के साथ विलय को मंजूरी दी थी। इससे यह देश की 12वीं सबसे बड़ी एनबीएफसी बन गई, जो आवास से लेकर व्यक्तिगत ऋण तक ऋण उपलब्ध कराती है।
वित्त वर्ष 24 में कंपनी ने 3,150 करोड़ रुपये का अपना सर्वश्रेष्ठ लाभ दर्ज किया, जो पिछले वित्त वर्ष से 37 प्रतिशत अधिक था, जबकि ऋण पुस्तिका 35 प्रतिशत बढ़कर 1.6 लाख करोड़ रुपये हो गई।
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